What is Vijay Diwas 2023 in Hindi: विजय दिवस; भारत की जीत का जश्न, जानें क्यों मनाया जाता है विजय दिवस

Vijay Diwas 2023 Kya Hai: 16 दिसंबर 1971। इस दिन का जश्न केवल एक देश में ही नहीं बल्कि दो देशों में मनाया जाता है। इस दिन को विजय दिवस के रूप में घोषित किया गया है। क्या आपको पता है 16 दिसंबर 1971 को ऐसा क्या हुआ था कि उस दिन को विजय दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की गई।

Vijay Diwas 2023 इतिहास के पन्नों से 16 दिसंबर 1971

आइए जानते हैं आखिर 16 दिसंबर 1971 को क्या हुआ था। यदि आप प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो इस विषय को समझने के लिए इस लेख को अच्छे से पढ़े।

इतिहास के पन्नों से 16 दिसंबर 1971|Vijay Diwas History

16 दिसंबर 1971 को मनाया जाने वाला विजय दिवस भारत के सैन्य इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। यह दिन 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तान पर भारतीय सशस्त्र बलों की विजय का जश्न मनाया जाता है। 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध से बांग्लादेश का जन्म हुआ। यह दिन सैनिकों के बलिदान का सम्मान करने और उस जीत का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है जिसने दक्षिण एशिया के मानचित्र को नया आकार दिया।

1971 का भारत-पाक युद्ध पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में लंबे समय से चले आ रहे राजनीतिक और जातीय तनाव का परिणाम था। पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए अत्याचारों के कारण मानवीय संकट पैदा हो गया। भारत ने, बंगालियों की दुर्दशा के जवाब में,इस महासंघर्ष में हस्तक्षेप किया। युद्ध आधिकारिक तौर पर 3 दिसंबर, 1971 को शुरू हुआ और दो सप्ताह के भीतर, यह भारत की निर्णायक जीत के साथ समाप्त हुआ। (What is Vijay Diwas in Hindi)

Vijay Diwas 2023 Indo-Pak War भारत-पाक युद्ध की मुख्य घटनाएं

भारतीय सशस्त्र बलों ने पश्चिमी और पूर्वी दोनों मोर्चों पर सुनियोजित सैन्य अभियानों को अंजाम दिया, जिससे पाकिस्तानी सेना को आत्मसमर्पण करना पड़ा। इस दौरान भारत ने कई कूटनीतिक प्रयास भी अपनाएं। 1971 का युद्ध न केवल युद्ध के मैदान पर बल्कि कूटनीतिक रूप से भी लड़ा गया था। भारत की सफलता ने अंतर्राष्ट्रीय समर्थन प्राप्त किया, जिससे पाकिस्तान पर शत्रुता समाप्त करने का दबाव बढ़ गया।

1971 युद्ध में सबसे प्रतिष्ठित क्षण 16 दिसंबर, 1971 को हुआ, जब पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल ए.ए.के. नियाज़ी ने बांग्लादेश के निर्माण को चिह्नित करते हुए ढाका में समर्पण पत्र पर हस्ताक्षर किए। भारत के वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान को पस्त करने के कुटनीतिक और युद्ध स्तरीय स्तर पर लगातार बढ़ते दवाब के कारण पाकिस्तान को समर्पण के दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करना पड़ा।

  • 3 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तानी वायुसेना ने भारत के विभिन्न एयरबेस पर मुख्य रूप से पठानकोट, श्रीनगर, अमृतसर, जोधपुर, आगरा आदि सैनिक हवाई अड्डों पर बम गिराए।
  • भारतीय सेना ने जवाबी कार्यवाही शुरू की। इस बीच भारतीय सेना ने उग्र रूप दिखाते हुए जेसोर और खुलना पर कब्जा किया।
  • 14 दिसंबर को भारतीय सेना ने ढाका में होने वाली पाकिस्तानी प्रशासनिक अधिकारियों की गुप्त बैठक के दौरान सैनिक विमानों से बम गिरा कर ढाका के उस सरकारी भवन के मुख्य हॉल की छत उड़ा दी।
  • तत्कालीन सेना प्रमुख फ़ील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ ने मेजर जनरल जैकब को पाकिस्तानी सेना द्वारा समर्पण कराने की व्यवस्था करने के लिए ढाका भेजा। मेजर जनरल जैकब ने जनरल नियाज़ी को हथियार डालने के लिए तैयार किया।
  • 16 दिसंबर को शाम को पूर्वी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा और नियाज़ी दोनों ने पाकिस्तानी सेना द्वारा आत्म-समर्पण के दस्तवेज पर हस्ताक्षर किए।
  • 16 दिसंबर को पाकिस्तान के जनरल नियाज़ी के साथ क़रीब 93 हज़ार पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने हथियार डाले।
  • जनरल नियाज़ी ने अपने बिल्ले और अपना रिवॉल्वर जनरल अरोड़ा के हवाले कर दिया।

Vijay Diwas 2023 विजय दिवस का महत्व|Vijay Diwas Significance

इन दिन का जश्न भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में भारत के एक प्रतिष्ठित देश के रूप में उभरने की याद में मनाया जाता है। 16 दिसंबर को विजय दिवस हमारे सशस्त्र बलों के निडर, साहस, उत्साह और जोश का जश्न मनाया जाता है। इस दिन का महत्व आज भी आम लोगों के दिलों में विद्यमान है।

विजय दिवस भारतीय सेना के हर एक बहादुर योद्धा की कहानी को अमर बना देता है। भारत के इन वीरों ने 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ संघर्ष के दौरान अपने प्राणों की आहूति देकर, देश के लिए अमर बलिदान दिया था। 1971 के युद्ध के दौरान, भारतीय सेना ने 3,900 बहादुर सैनिक खोये थे, जिन्होंने देश सेवा के लिए प्राण का भय कभी नहीं किया। देश के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वाले सैनिकों के अलावा, संघर्ष के दौरान लगभग 9800 सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए थे।

Vijay Diwas 2023 कितने भारतीय जवान हुए थे शहीद

विजय दिवस 16 दिसम्बर को 1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तानी सेना पर जीत हासिल किया था। 16 दिसंबर को इस युद्ध के अंत के बाद पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया था, जहां करीब 93,000 सैनियों के युद्ध के बाद आत्मसमर्पन किया था। साल 1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को पूर्वी पाकिस्तान के साथ मिलकर पस्त किया था। इस युद्ध के बाद पूर्वी पाकिस्तान अब के बांग्लादेश को स्वतंत्रता मिली और वह एक आजाद देश बन गया। पूर्वी पाकिस्तान को आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है। यह युद्ध भारत के लिए ऐतिहासिक और हर देशवासी के हृदय में उमंग पैदा करने वाला साबित हुआ।

Vijay Diwas 2023 बांग्लादेश का जन्म

विजय दिवस एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में बांग्लादेश के जन्म से अविभाज्य है। इस युद्ध ने बंगाली आबादी पर हो रहे अत्याचार को ख़त्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह दिन भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी, वीरता और बलिदान को श्रद्धांजलि देता है जिन्होंने प्रतिकूल परिस्थितियों में वीरतापूर्वक लड़ाई लड़ी। संघर्ष के दौरान भारत की कूटनीतिक सफलता ने न्याय और शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया और वैश्विक सम्मान अर्जित किया।

Vijay Diwas 2023 कैसे मनाया जाता है विजय दिवस उत्सव

विजय दिवस केवल सैन्य विजय का उत्सव नहीं है,यह उन मानवीय सिद्धांतों को याद करने का दिन है, जिनके लिए भारत संघर्ष के दौरान खड़ा रहा। यह शांति, न्याय और राष्ट्र की सामूहिक ताकत के महत्व को रेखांकित करता है। जैसा कि देश हर साल विजय दिवस मनाता है, यह अपनी संप्रभुता की रक्षा करने और भारत की भावना को परिभाषित करने वाले मूल्यों को बनाए रखने की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।

Vijay Diwas 1971 विजय दिवस पर सैन्य परेड का आयोजन

सशस्त्र बलों का सम्मान करने के लिए, प्रमुख शहरों में सैन्य परेड आयोजित की जाती हैं, जो रक्षा कर्मियों की ताकत और अनुशासन का प्रदर्शन करती हैं। इस दौरान मुख्य आकर्षण ढाका के राष्ट्रीय परेड ग्राउंड पर राष्ट्रीय अवकाश परेड है, जो बांग्लादेश सशस्त्र बलों द्वारा आयोजित की जाती है और इसमें बांग्लादेश पुलिस, बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश, बांग्लादेश जेल और बांग्लादेश अंसार के कर्मी शामिल होते हैं।

Vijay Diwas 2023 युद्ध स्मारकों पर समारोह

लोग देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिकों को याद करते हुए युद्ध स्मारकों पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। आपको बता दें कि 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारतीय सेना के करीब 3900 वीर सैनिकों ने अपने प्राणों की आहूति दी थी। राष्ट्र सम्मान और सुरक्षा के लिए शहीद हुए इन साहसी वीरे योगदान को इस दौरान याद किया जाता है। युद्ध स्मारकों में नेता और सेना के अधिकारियों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।

Vijay Diwas 2023 दिग्गजों का जमावड़ा

16 दिसंबर विजय दिवस के दिन को और यादगार बनाने के लिए कई विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस दौरान विभिन्न समारोहों में भारतीय सशस्त्र बलों के दिग्गज एक साथ एक मंच पर आते हैं और भारत-पाक युद्ध की वीरगाथा पर अपने अनुभव और बहादुरी की कहानियां साझा करते हैं।

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English summary
16 December 1971. This day is celebrated not only in one country but in two countries. This day has been declared as Vijay Diwas. Do you know what happened on 16 December 1971 that that day was announced to be celebrated as Victory Day? Vijay Diwas 2023: What happened on 16 December 1971? Why do we celebrate Vijay Diwas on 16 December
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