Uttarakhand Foundation Day 2024: देव भूमि कहे जाने वाला उत्तराखंड इस साल अपना 24वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। 9 नवंबर 2000 में उत्तराखंड उत्तरप्रदेश से निकल के एक नया और अलग राज्य बना था। मुख्य तौर पर उत्तर-पश्चिम के कई भागों के साथ हिमालय पर्वत श्रंखला के हिस्से को मिलाकर कर उत्तराखंड राज्य का गठन किया गया है। उस दौरान राज्य का नाम उत्तरांचल था, जिसे स्थापना के कुछ साल बाद बदल कर उत्तराखंड किया गया।
उत्तराखंड देव भूमि होने के साथ साथ-साथ अपनी प्राकृतिक सुंदरता और संस्कृति के लिए जाना जाता है। उत्तराखंड की नदियों, ग्लेशियर और पहाड़ों की खूबसूरती के साथ सबसे महत्वपूर्ण चार धाम (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री) की यात्रा के लिए हर साल लाखों लोग उत्तराखंड जाते हैं। 2019 की एक रिपोर्ट के अनुसार केवल घरेलू पर्यटकों की बात करें तो उस साल 37.58 मिलियन घरेलू पर्यटक और 0.15 मिलयन विदेशी पर्यटक उत्तराखंड घूमने पहुंचे थे। हर साल इस पर्यटकों की इस संख्या में बढ़ौतरी होती है। आइए उत्तराखंड के बारे में और अधिक विस्तार से जाने।
उत्तराखंड का इतिहास
भारत में जब रियासतों को राजनीतिक एकीकरण किया जा रहा था उसी दौरान टिहरी गढ़वाल की रियासत भी भारत संघ में शामिल हुई थी। इसके बाद 1950 में भारतीय संविधान के साथ सयुक्त प्रांत का नाम उत्तर प्रदेश रखा गया। अलग राज्य बनाने की मांग तब शुरू हुई जब देखा गया कि उस समय की तत्कालीन सरकार हिमालयी क्षेत्र के लोगों की हितों को पूरा करने और समझने में खरी नहीं उतरी। बुनियादी ढ़ाचे में कमी, बेरोजगारी, मूल लोगों के प्रवास और विकास की कमी के कारण एक अलग पहाड़ी राज्य की मांग तेज हुई।
उत्तराखंड क्रांति दल का गठन, मांग थी अलग राज्य की
एक अलग राज्य की मांग के लिए उत्तराखंड क्रांति दल का गठन किया गया और एक अलग राज्य की मांग ने पूरे पहाड़ी क्षेत्र में एक आंदोलन का रूप लिया। इस संघर्ष के दौरान एक समय ऐसा भी आया की राज्य की मांग करने के लिए चलाए गए आंदोलन एक हिंसक रूप लिया। 2 अक्टूबर 1994 की बात है जब मुजफ्फरनगर में प्रदर्शनकारीयिों की भीड़ पर उत्तर प्रदेश की पुलिस द्वारा गोलियां चलाई गई, जिसमें कई लोग मारे गए थे, लेकिन फिर भी आंदोलन को बंद नहीं किया गया था। उत्तराखंड क्रांति दल द्वारा किये गये लगातार संघर्ष के बाद उत्तर प्रदेश की तत्कालीन सरकरा द्वारा उत्तर प्रदेशन पुनर्गठन अधिनियम, 2000 के माध्यम से 9 नवंबर 2000 को उत्तरांचल राज्य का गठन किया गया और ये भारत का 27वां राज्य बना।
उत्तरांचल से कैसे बना उत्तराखंड
इसके कुछ सालों के बाद 1 जनवरी 2007 में इस राज्य का नाम उत्तरांचल से बदलकर उत्तराखंड किया गया। राज्य के गठन से पहले इस पहाड़ी क्षेत्र को उत्तराखंड के नाम से जना जाता था। उत्तरांचल से उत्तराखंड कर राज्य ने अपना पुराना नाम पुनः प्राप्त किया। उत्तराखंड संस्कृत बोली का शब्द है जिसका अर्थ "उत्तरी क्षेत्र" है। उत्तराखंड को दो क्षेत्रों यानी रिजन में बांटा गया है गढ़वाल और कुमाऊं, इन दोनों के इतिहास और संस्कृति के माध्यम से उत्तराखंड के इतिहास और संस्कृति के बारे में जाना जा सकता है। उत्तराखंड की राज्य के रूप में स्थापना के बाद इस राज्य की राजधानी देहारादून को बनाया गया है।
उत्तराखंड स्थापना दिवस समारोह 2024
हर साल उत्तराखंड में उत्तराखंड स्थापना दिवस के उपलक्ष में एक भव्य उत्सव का आयोजन किया जाता है। आमतौर पर इस उत्सव का आयोजन नैनीताल में किया जाता है। इस उत्सव की शुरुआत 2 दिन पहले ही की जा चुकी है जहां पूरे कुमाऊंन क्षेत्र के नैनीताल जिले में स्वच्छता अभियान चलाया गया है। इस अभियान को पूरा करने के लिए एनसीसी, एनएसएस और स्कूलों उच्च माध्यमिक कक्षाओं के छात्र शामिल हैं। पिछले सालों की तरह ही इस साल भी नैनी झील में सेलिंग रिगड़ा का आयोजन किया जायेगा, साथ ही फूड फेस्टिवल का आयोजन भी किया जायेगा।
इस फूड फेस्टिवल के माध्यम से यहां के भोजन का लुत्फ स्थानीय लोग और बाहर से आये पर्यटक उठा पाएंगे। उत्तराखंड स्थापना दिवस के माध्यम से उत्तराखंड अपनी संस्कृति को दर्शाता है। समारोह में कई तरह के स्टॉल लगाए जाते हैं जो सरकारी नौकरी और स्वंय सहायता समूहों की जानकारी देता है साथ ही अन्य कई तरह के स्टॉल भी शामिल होते हैं जो राज्य के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।
उत्तराखंड में है भारत का प्रसिद्ध हिल स्टेशन
उत्तराखंड भारत के सबसे अधिक पसंद किये जाने वाले हिल स्टेशनों में से एक इसके पीछे इसकी प्राकृतिक खूबसूरती, पहाड़, संस्कृती और धार्मिक स्थल है। हर साल लाखों लोग चार धाम की यात्र और ट्रेकिंग के मक्सद से इस राज्य में घूमने-फिरने आते हैं। 2019 की एक रिपोर्ट के अनुसार बात करें तो केवल उस साल ही घरेलू पर्यटकों की संख्या 37.58 मिलियन दर्ज की गई है और विदेशी पर्यटकों की संख्या 0.15 मिलियन।
हर साल उत्तराखंड में पर्यटकों के आगमन कि संख्या में बढ़ौतरी होती है। हाल की एक खबर की बात करें तो उत्तराखंड में स्थित फूलों की घाटी जो सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है और यूनेस्कों की विश्व धरोहर स्थल में शामिल हैं, ने ही पर्यटकों की संख्या का अपना ही पिछले रिकॉड तोड़ दिया है। 2019 में लगभग 17,424 पर्यटकों की संख्या दर्ज की गई है जो इस साल बढ़ कर 20,000 हो गई है। केवल 5 महीनों में ही विजिटरों की इतनी संख्या को दर्ज किया गया है। इस समय उत्तराखंड भारत की तेजी से आगे बढ़ रहे राज्यों में से एक है।