पीएम नरेंद्र मोदी की कार्यशैली में दिखती है स्वामी विवेकानंद की झलक

स्वामी विवेकानंद देश के हर युवा के आदर्श हैं, इसमें कोई दो राय नहीं! हर साल युवा दिवस के मौके पर देश भर के लोग उनके विचारों को याद करते हैं, ट्वीट करते हैं, स्कूलों में भाषण व निबंध में प्रयोग करते हैं और सोशल मीडिया पर स्टेटस लगाते हैं। इनमें से कितने लोग हैं, जो बाकी के 264 दिन भी स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर चलते हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि आप ऐसे किसी न किसी व्यक्ति को तो जानते होंगे, लेकिन बात अगर देश-प्रदेश का नेतृत्व करने वाले लोगों की करें, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशलैली में स्वामी विवेकानंद के विचार व आदर्श साफ-तौर पर परिलक्षित होते हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी की कार्यशैली में स्वामी विवेकानंद की झलक

एक प्रकार से हम यह भी कह सकते हैं, कि जिन बातों को स्वामी विवेकानंद ने जीवन भर प्रमुखता दी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हीं आदर्शों पर चल रहे हैं और देश को भी उसी दिशा में ले जाना चाहते हैं। आइये एक नज़र डालते हैं स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर और प्रधानमंत्री मोदी की कार्यशैली पर।

विवेकानंद और पीएम मोदी में समानता

ये वो दो नाम हैं जिनमें से एक आध्यात्मिक गुरु और समाज सुधारक के रूप में विख्यात हैं, तो दूसरा भारत के प्रधानमंत्री के रूप में देश का नेतृत्व कर रहे हैं। हालांकि उनके क्षेत्र अलग-अलग हैं, इनकी तुलना करना गलत होगा, लेकिन यह भी स्पष्‍ट है कि इन दोनों महान विभूतियों में कई दिलचस्प समानताएं पाई जाती हैं। खैर हम समानताओं की बात नहीं करेंगे, लेकिन आपको यह जरूर बतायेंगे कि तब जो स्वामी विवेकानंद ने सोचा पीएम मोदी आज वही कर रहे हैं।

1. राष्ट्रभक्ति और सांस्कृतिक गौरव:

स्वामी विवेकानंद के विचार: स्वामी विवेकानंद का भारत के प्रति प्रेम अगाध था। उन्होंने भारतीय संस्कृति और दर्शन को विश्व पटल पर ऊंचा स्थान दिलाने का अथक प्रयास किया। उनका मानना था कि भारत का भविष्य उसके अतीत में छिपा है और हमें अपने गौरवशाली इतिहास को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है।

नरेंद्र मोदी: प्रधानमंत्री मोदी भी एक प्रखर राष्ट्रवादी हैं। वह भारतीय संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने योग को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाने, प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार और भारत की आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित करने के लिए कई पहल उनकी कार्यशैली में राष्‍ट्रभक्ति को दर्शाती है।

पीएम नरेंद्र मोदी की कार्यशैली में स्वामी विवेकानंद की झलक

2. युवाओं का उत्थान:

स्वामी विवेकानंद के विचार: स्वामी विवेकानंद युवाओं पर बहुत ज़ोर देते थे। उनका मानना था कि युवा ही राष्ट्र का भविष्य हैं और उन्हें उचित मार्गदर्शन देकर हम एक मजबूत और समृद्ध भारत का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की, जिसका उद्देश्य युवाओं को शिक्षित करना और उनमें चरित्र निर्माण करना था।

नरेंद्र मोदी की कार्यशैली : प्रधानमंत्री मोदी भी युवा शक्ति में अपार विश्वास रखते हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में युवाओं के कौशल विकास, रोज़गार सृजन और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है। उनका मानना है कि भारत का भविष्य युवाओं के हाथों में सुरक्षित है। हर क्षेत्र में युवाओं को ऊपर रखते हुए नीति बनाना उनकी कार्यशैली की प्रमुखता है।

पीएम नरेंद्र मोदी की कार्यशैली में स्वामी विवेकानंद की झलक

3. वैश्विक नेतृत्व:

स्वामी विवेकानंद: स्वामी विवेकानंद 1893 में शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले भारतीय सन्यासी थे। उन्होंने अपने ओजस्वी भाषणों से पूरे विश्व को मोहित कर दिया और भारत को एक आध्यात्मिक गुरु के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

नरेंद्र मोदी की कार्यशैली: प्रधानमंत्री मोदी को भी एक सफल वैश्विक नेता के रूप में जाना जाता है। उन्होंने भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में स्थापित करने का काम किया है। वह जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और वैश्विक अर्थव्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर मुखर रूप से अपनी राय रखते हैं।

4. समाज सुधार:

स्वामी विवेकानंद: स्वामी विवेकानंद जाति, धर्म और लिंग के आधार पर भेदभाव के खिलाफ थे। उन्होंने महिलाओं के शिक्षा और सशक्तीकरण पर बल दिया और समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने का आह्वान किया।

नरेंद्र मोदी कीकार्यशैली : प्रधानमंत्री मोदी भी सामाजिक सुधार के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना और डिजिटल इंडिया जैसी पहलों के माध्यम से समाज में बदलाव लाने का प्रयास किया है।

5. आध्‍यात्मिक मूल्य:

स्वामी विवेकानंद : उनका मानना ​​था कि आध्यात्मिक मूल्य और नैतिकता राष्ट्र के विकास के लिए आवश्यक हैं। स्वामी विवेकानंद ने वेदांत के दर्शन को विश्व के सामने रखा और सभी धर्मों के सार्वभौमिक संदेश पर जोर दिया।

नरेंद्र मोदी की कार्यशैली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत की और योग के महत्व को विश्‍व पटल पर लेकर आये, उससे साफ दिखता है कि वो किस तरह से युवाओं को आध्‍यात्म की ओर ले जाना चाहते हैं।

राष्‍ट्रीय युवा दिवस 2024 पर पीएम मोदी ने क्या कहा?

पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय अध्यात्म और संस्कृति को वैश्विक पटल पर स्थापित करने वाले स्वामी विवेकानंद को उनकी जन्म-जयंती, राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर शत-शत नमन। ऊर्जा और स्फूर्ति से परिपूर्ण उनके विचार और संदेश युग-युगांतर तक युवाओं को कुछ कर गुजरने के लिए प्रेरित करते रहेंगे।

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English summary
How Swami Vivekananda is Ideal of PM Narendra Modi. Check how PM Modi follows him and how Swami Vivekananda reflects in PM Modi's working style.
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