Surajkund Mela 2024: 37वें सूरजकुंड मेले का हुआ आगाज, जानें टिकट प्राइट, थीम, टाइम और अन्य डिटेल्स

Surajkund Mela 2024: सूरजकुंड मेला एक अनूठा अंतरराष्ट्रीय शिल्प उत्सव है जो दुनिया भर के कलाकारों को अपनी संस्कृति और प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच प्रदान करता है। इस साल 2024 में, हरियाणा पर्यटन विभाग द्वारा 37वें सूरजकुंड शिल्प मेले का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें की सभी उम्र के पर्यटक बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी जाने के लिए इच्छुक रहते हैं।

37वें सूरजकुंड मेले का हुआ आगाज, जानें टिकट प्राइट, थीम, टाइम और अन्य डिटेल्स

दक्षिण एशिया, अफ्रीका और यूरोप के 20 से अधिक देशों ने इस मेले में भाग लिया, जो इस अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण बनाता है। सूरजकुंड, जिसका अर्थ है 'सूर्य की झील', 10वीं शताब्दी में तोमर वंश के राजा सूरज पाल द्वारा निर्मित एक प्राचीन जलाशय है। हरियाणा के फ़रीदाबाद में 'सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले' की शुरुआत से पर्यटन को अत्याधिक बढ़ावा मिला।

कब से कब तक लगेगा सूरजकुंड मेला 2024? Surajkund Mela date

सूरजकुंड मेला 2024, 2 फरवरी शुक्रवार को शुरु होगा और 18 फरवरी, रविवार को समाप्त होगा।

राष्ट्रपति मुर्मू करेंगी मेले का उद्घाटन

राष्ट्रपति भवन द्वारा गुरुवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले का उद्घाटन करने के लिए शुक्रवार को हरियाणा के फरीदाबाद का दौरा करेंगी।

सूरजकुंड मेला 2024 का समय| Surajkund mela timings

मेला प्रतिदिन- सुबह 10:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक चलेगा।

सूरजकुंड मेला 2024 टिकट प्राइज| Surajkund mela ticket price

  • टिकट की कीमत मांग के अनुसार 100/- से 200/- रुपये तक है।
  • सप्ताह के दिनों में टिकट की कीमत: INR 120/- होगी।
  • सप्ताहांत के दौरान टिकट की कीमत: INR 180/- होगी।

50% की छूट

  • वैध आईडी कार्ड के साथ स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए सप्ताह के दिनों में प्रवेश टिकट राशि पर 50% की छूट।
  • वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और सैनिकों के लिए प्रवेश टिकट राशि पर 50% की छूट।

मेला का टिकट कहां से खरीदे?

सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले के टिकट सभी प्रमुख ऑनलाइन बुकिंग प्लेटफार्मों और यहां तक कि आयोजन स्थल पर भी आसानी से उपलब्ध हैं।

मेले में मिलेंगी ये शुविधाएं

पर्यटकों की सुविधा के लिए मेले में पर्यटक वाहनों के लिए पर्याप्त पार्किंग स्थान है। अनुरोध पर गोल्फ कार्ट और ई-रिक्शा भी उपलब्ध हैं जो आपको महोत्सव परिसर और पार्किंग क्षेत्र के आसपास ले जाएंगे। मेला मैदान के भीतर पुरुषों और महिलाओं के लिए ई-शौचालय और स्वच्छ पेयजल फिल्टर जैसी सुविधाएं नियमित अंतराल पर स्थापित की जाती हैं।

सूरजकुंड मेले के बारे में

लक्कड़पुर और बहारपुर गांव के बीच रमणीय रूप से बसा हुआ फरीदाबाद के पास सुरम्य सूरजकुंड गांव में हर साल ये मेला लगता है। जो कि रंगों की छटा, संगीत की गति और त्रुटिहीन शिल्प कौशल को बखूबी दर्शाता है। यह मेला किसी त्यौहार से कम नहीं मनाया जाता है, इसके पीछे का मुख्य उद्देश्य हमारे देश में स्थानीय कारीगरों की प्रतिभा और संस्कृति को बढ़ावा देना है। ऐसी दुनिया में जहां मशीनें पहले की तुलना में तेजी से इंसानों की जगह ले रही हैं, हरियाणा सरकार की यह छोटी सी पहल ग्रामीण शिल्प कौशल को बढ़ावा देती है और स्थानीय हथकरघा के निर्यात को बढ़ावा देती है।

मेले की गूढ़ आभा दुनिया के विभिन्न हिस्सों से भारत आने वाले यात्रियों के लिए एक मनोरम जादू पैदा करती है। सूरजकुंड मेला हर साल भारत के एक राज्य पर आधारित एक विशिष्ट थीम पर काम करता है, जो मेले के वास्तुशिल्प लेआउट, भावना और सजावट को भी प्रेरित करता है। इस अवधारणा की सुंदरता भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बहुत ही जटिल रूप से उजागर करना और स्थानीय कारीगरों के हस्तनिर्मित माल की घटती प्रवृत्ति को जारी रखने के लिए उनका मनोबल बढ़ाना है।

सूरजकुंड मेला 2024 की थीम

प्रत्येक वर्ष सूरजकुंड मेला आयोजन समिति इसके लिए एक थीम राज्य चुनती है। जिसका उद्देश्य भारत के विविध सांस्कृतिक इतिहास को उजागर करना और इसे अन्य देशों के बीच अधिक प्रमुख बनाना है। 2019 में मेले का थीम राज्य महाराष्ट्र था और वर्ष 2020 का थीम राज्य हिमाचल प्रदेश था। 2024 में मेले के लिए थीम राज्य गुजरात है। गुजरात राज्य की सांस्कृतिक विरासत और शिल्पकला को दर्शाने के लिए पांच जगह गुजरात गेट बनाएं गए हैं।

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English summary
Surajkund Mela 2024: Surajkund Mela is a unique international crafts festival that provides a platform to artists from all over the world to showcase their culture and talent. This year in 2024, the 37th Surajkund Crafts Mela is being organized by the Haryana Tourism Department. In which tourists of all ages, from children to old people, are interested to go.
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