Shardiya Navratri 2024: कैसा है कात्यायनी माता का स्वरूप? जानिए क्या है उनकी पूजा का महत्व, मंत्र और रंग?

Shardiya Navratri 2024: भारत में त्योहारों का मौसम चल रहा है। पूरा देश नवरात्रि के रंग में रंग चुका है। नवरात्रि का महापर्व बहुत ही उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस पावन पर्व में माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि में प्रत्येक दिन की अलग विशेषता होती है। नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।

नवरात्रि के छठे दिन क्यों करनी चाहिए देवी कात्यायनी माता की पूजा?

पौराणिक कथाओं के अनुसार, महिषासुर के अत्याचार से सभी देवतागण परेशान थे। तब मां दुर्गा ने महिषासुर से युद्ध करने का निर्णय लिया। देवी दुर्गा ने नौ दिनों तक महिषासुर से युद्ध कर अंततः विजय हासिल की। इसलिए नवरात्रि के त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। नौ दिनों तक देवी शक्ति के अलग अलग रूपों और उनकी महिमा के लिए उनको पूजा जाता है। इन नौ दिनों में माता के नौ स्वरूपों को अलग अलग विधि और महत्व के साथ पूजा जाता है।

नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा की जाती है। कात्यायनी माता का परिचय साहस और विजय की देवी के रूप में किया जाता है। माता कात्यायनी का यह रूप खासकर उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है, जो अपने जीवन में दृढ़ता, साहस और निडरता को धारण करना चाहते हैं। महिषासुर के युद्ध के दौरान देवी ने माता कात्यायनी का रूप धारण किया और भीषण युद्ध के बाद जीत हासिल की।

करियर इंडिया हिन्दी द्वारा इस नवरात्रि स्पेशल सीरिज में नवरात्रि और देवी के विभिन्न स्वरूपों के महत्व के बारे में कथाओं के माध्यम से जानकारी प्रस्तुत की जा रही है। ये लेख हिंदू धर्म को लेकर केवल शिक्षा और समझ के उद्देश्य से प्रस्तुत किया जा रहा है। इस लेख नवरात्रि पर मां दुर्गा के बारे में शिक्षा प्रदान करने और नवरात्रि के त्योहार को समझने के उद्देश्य से आवश्यक एवं महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है।

करियर इंडिया द्वारा नवरात्रि स्पेशल लेख के माध्यम से हमने अपने पिछले लेखों में माता शैलपुत्री, माता ब्रह्मचारिणी, माता चंद्रघंटा, माता कुष्मांडा और स्कंदमाता के बारे में विस्तार से जानकारी दी थी। आज के लेख में हम कात्यायनी माता के बारे में विस्तार से जानेंगे। कात्यायनी माता पर निंबध लिखने के लिए इस लेख से मदद ले सकते हैं। आइए जानते हैं नवरात्रि का छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा क्यों की जाती है? इस लेख में हम जानेंगे कि कौन हैं माता कात्यायनी और क्यों छात्रों को उनकी पूजा करनी चाहिये।

कौन हैं माता कात्यायनी?

पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था, इसलिए उन्हें कात्यायनी कहा जाता है। मान्यता है कि माता कात्यायनी ने ही महिषासुर का वध किया था और उनके इस वीर रूप को शक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है। माता कात्यायनी की पूजा से भक्तों को जीवन में आने वाली कठिनाइयों को सहन करने की शक्ति मिलती है और उन्हें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रेरणा मिलती है।

कात्यायनी माता का स्वरूप

पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पार्वती के राक्षस महिषासुर का खात्मा करने के लिए मां कात्यायनी का रूप धारण किया था। कथाओं के अनुसार, ये माता का सबसे भयावह रूप था। देवी कात्यायनी के स्वरूप को देवी पार्वती का योद्धा रूप भी कहा गया है। नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। पौराणिक चित्रों में माता कात्यायनी की चार भुजाएं प्रदर्शित की गई हैं। माता कात्यायनी का वाहन सिंह है। देवी कात्यायनी की बायीं ओर की दो हाथों में कमल का फूल और तलवार है। वहीं देवी के दाहिने हाथ अभय और वरदा मुद्रा में प्रदर्शित हैं।

छात्रों को देवी कात्यायनी की पूजा क्यों करनी चाहिये?

छात्रों के लिए माता कात्यायनी की पूजा विशेष रूप से फायदेमंद मानी जाती है, क्योंकि यह उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में आत्मविश्वास और साहस प्रदान करती है। उनका आशीर्वाद मेहनत को सफल परिणामों में बदलने की शक्ति देता है। मां कात्यायनी की पूजा मुख्य रूप से साहस, जीत और समस्याओं से निपटने की शक्ति पाने के लिए की जाती है। वह निडरता और दृढ़ संकल्प की प्रतीक हैं।

उनके आशीर्वाद से भक्त जीवन में हर तरह की विपत्तियों को पार कर सकते हैं। छठे दिन माता की पूजा करने से बुराइयों और नकारात्मक शक्तियों पर विजय प्राप्त की जा सकती है। नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उन्हें लाल फूल अर्पित करें और भोजन बनाएं। इससे माता प्रसन्न होगी और आपको उन्नति के लिए आशीर्वाद देगी।

कात्यायनी पूजा मंत्र

"ॐ देवी कात्यायन्यै नमः"

इस मंत्र का जाप भक्त को आत्मविश्वास और साहस देता है। इसके साथ ही इसे बार-बार जपने से मन में शांति आती है।

कात्यायनी पूजा का रंग

मां कात्यायनी की पूजा में लाल रंग का विशेष महत्व है। यह रंग आशा और नवजीवन का प्रतीक माना जाता है। नवरात्रि के छठे दिन लाल रंग के वस्त्र धारण कर मां की पूजा करें। इससे आपको मानसिक और शारीरिक ऊर्जा मिलेगी।

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English summary
Shardiya Navratri 2024: Discover who is Maa Katyayani in Hindi and why Goddess Katyayani is worshiped on the 6th day of Navratri. Learn about Katyayani Puja vidhi, Mantra, and color significance for Day 6 of Navratri in Hindi.
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