शरद यादव एक राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने वर्ष 1974 से वर्ष 2017 तक राजनीति के क्षेत्र में बहुत अहम भूमिका निभाई है। शरद यादव ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत क्रांग्रेसे के विरोध में रह कर की थी। 70 के दशक से आज तक के अपने समय में वह कभी भी कांग्रेस के समर्थन में नहीं रहे। 1974 से अभी तक के अपने राजनीतिक करियर में उन्होंने लोकतांत्रित जनता दल की स्थापना थी क्योंकि उन्हों जनता दल यूनाइटेड पार्टि से अलग होने का फैसाला लिया था। शरद यादव सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के समर्थक थे। उनके मत इस प्रकार के हुआ करते थें की लोकसभा और राज्यसभा दोनों के द्वारा सम्मान किया जाता था।
बता दें कि वह अपने राजनीतिक करियर में जेडी (यू) के सात बार लोक सभा और तीन बार राज्यसभा केक लिए सदस्य के रूप में चुने जा चुके हैं। उनके द्वारा जेडी (यू) की स्थापना 2003 में की गई थी। स्थापना के समय से 2016 तक उन्होंने इस दल के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला है। दिल्ली के सत्ता में अहम भूमिका निभाने वाले शरद यादव जी का बिती रात यानी गुरुवार 12 जनवरी को उन्हें गुरुग्राम के अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन की जानकारी उनकी पुत्री शुभाषिनी के ट्वीट कर दी। राजनीति के दिग्गज शरद यादव के निधन सभी के लिए राजनीतिज्ञ शोक में है।
उनके निधन की जानकारी प्राप्त होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शोक प्रकट किया और कहा - श्री शरद यादव जी के निधन से बहुत दुख हुआ। अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने खुद को सांसद और मंत्री के रूप में प्रतिष्ठित किया। वे डॉ. लोहिया के आदर्शों से काफी प्रभावित थे। मैं हमेशा हमारी बातचीत को संजो कर रखूंगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं। ओम शांति।
दिग्गज नेता शरद यादव का जन्म और शिक्षा
राजनीतिज्ञ शरद यादव का जन्म 1 जुलाई 1947 में मध्य प्रदेश के होशंदाबाद में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम सुमित्रा यादव और नंद किशोर यादव था। शरद यादव ने इलेक्ट्रोकल इंजीनियरिंग में बीई की डिग्री गवर्नमेंट साइंस कॉलेज, जबलपुर से की थी। शरद यादव ने क्योंकि इंजीनियरिंग की थी तो वह एक इंजीनियर तो थे की साथ ही वह एक कृषक और शिक्षाविद भी थें।
एक इंजीनियर बने व्यक्ति के राजनीतिक करियर की शुरुआत कैसे हुई ये स्वाल तो सभी के मन में आता है। दरअसल इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त करने के दौरान ही उन्होंने राजनीति में कदम रखा। इसी शुरुआत छात्र राजनीति से हुई। हम सभी जानते हैं कि राजनीति करियर तो उनका जोर दार रहा है लेकिन क्या आप जानते हैं कि वह पढ़ाई में भी कम नहीं थे। आपको बता दें कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान वह इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग के गोल्ड मेडलिस्ट थे। इसके बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं थी। एक इंजीनियर जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत राजनीति में की। आइए आपको उनके बारे में और उनके करियर के बारे में और जानकारी दें।
राजनीति करियर की शुरुआत
1971 में छात्र राजनीति से शुरुआत करने वाले शरद यादव के वास्तविक राजनीति में करियर की शुरुआत 1974 में हुई थी। शरद यादव ने इंजीनियरिंग के बाद अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत लालू यादव, गुरुदास गुप्ता, एचडी देवगौड़ा और मुलायम सिंह यादव के साथ की थी।
पहली बार लोकसभा के सांसद के रूप में वह मध्य प्रदेश जबलपुर से 1974 में चुने गए थें। इस समय के दौरान जेपी आंदोलन अपने चरम पर था। शरद यादन का चुनाव जय प्रकाश नारायाण द्वारा हलधर किसान के चुनाव चिन्ह के साथ किया गया था। यहीं से उनके शानदार राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई और 1977 में एक बार फिर इसी क्षेत्र से उन्हों दुबारा चुना गया है।
1979 में जनता पार्टी का विभाजन
वर्ष 1979 में जनता पार्ट के विभाजन के समय पर उन्होंने चरण सिंह गुट का साथ दिया। चरण सिंह के नेतृत्व में जनता दल की टिकट पर बदांयू यूपी से 1984 में हारने के बाद उन्होंने 1989 में इसी स्थान से जीत प्राप्त की थी।
उत्तर प्रदेश में अपनी जीत के बाद उन्होंने बिहार में अपना परचम लहराया और बिहार के मधेपुरा से लोकसभा के क्षेत्र के चुनाव लड़ा। आपको बता दें कि इस स्थान से वह करीब 4 बाद चुने जा चुके हैं। उन्हें 1991, 1996, 1999 और 2009 में मेधापुर सीट से जीत प्राप्त की।
जनता दल यूनाइटेज की स्थापना
इस कार्यकाल के दौरान उन्होंने जनता पार्टी यूनाइटेड की स्थापना 1998 में की। उसी साल यानी 1998 में वह मेधापुर सीट पर लालु यादव से हारे थें। जिसके बाद उन्होंने जनता दल यूनाइटेड की स्थापना की।
1999 से 2004 का समय काल
अपन राजनीतिक करियर के दौरान राज्य सभा और लोकसभा के सदस्य के अलावा उन्होंने कई अन्य पदों पर कार्य किया है। जो कुछ इस प्रका
1999 - केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री
सितंबर 2001 से जून 2002 - केंद्रीय श्रम मंत्री
जुलाई 2002 से मई 2004 - केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री
संसद में लगातार उनके द्वारा दिए गए योगदानों को ध्यान में रखते हुए उन्हें 2012 में "उत्कृष्ट सांसद पुरस्कार" से सम्मानित किया गया।
राजनीतिक करियर में आई कमी
वर्ष 2014 में बिहार मधेपुरा सीट के हार प्राप्त होने के बाद से उनके राजनितिक करियर में कमी आनी शुरु हुई। लेकिन इसस कारण से उन्होंने राजनिति को नहीं छोड़ा। उनके द्वारा वर्ष 2018 में लोकतांत्रिक जनता दल की शुरुआत मई में की गई। इस दल की स्थापना का मुख्य कारण ये था कि उन्होंने खुद को जनता दल पार्टी के गठबंधन के कारण जनता दल यूनाइटेड से अलग जो कर लिया था।
1974 से 2017 तक का उनका राजनीतिक करियर कई उतार चढ़ाव से भरा रहा है लेकिन इस दौरान उनके द्वारा किए कार्य और राजनीति में उनकी भूमिका को कभी भूलाया नहीं जा सकता है। बिती गुरुवार की रात (12 जनवरी 2023) शरद यादव का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने गुरुग्राम के प्राइवेट अस्पताल में आखिरि सांस ली।