ISRO is All Set to Launch PSLV C55 ISRO TeLEOS-2 Satellite Mission: भारतीय अंतरिक्ष संगठन PSLV-C55 और सिंगापुर के दो उपग्रहों को लॉन्च करने को लेकर पिछले कई दिनों से चर्चा का केंद्र बना हुआ है। इसरो (ISRO) का PSLV-C55, प्राथमिक उपग्रह के रूप में TeLEOS-2 और सह-यात्री उपग्रह के रूप में Lumelite-4 के साथ NSIL के माध्यम से अपने व्यावसायिक मिशन में आगे है। इस मिशन को आगे बढ़ाते हुए 22 अप्रैल 2023 को 2:19 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC-SHAR) से लॉन्च किया जाएगा।
यह लॉन्च न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के अनुबंध के तहत आयोजित किया जा रहा है। इसके माध्यम से सिंगापुर के दो उपग्रहों को पूर्व की ओर कम झुकाव वाली कक्षा में लॉन्च किया जाएगा। उसी दौरान पीएसएलवी ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल का प्रयोग एक कक्षीय मंच के रूप में किया जाएगा। जो की गैर-पृथ्क पेलोड के माध्यम से वैज्ञानिकों द्वारा किया जाएगा। इस सी-55 मिशन में दो बड़े उपग्रह और एक इन-हाउस पेलोड के साथ लॉन्च किया जाएगा।
बता दें कि सिंगापुर से आने वाले दोनों उपग्रहों का वजन क्रमशः 741 और 16 किलोग्राम का है। जिन्हें कम झुकाव वाली कक्षा में लॉन्च किया जाएगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पीएस4 का इस्तेमाल पहली बार नहीं किया जा रहा, ये तीसरी बार है जहां पीएस4 (PS4) का उपयोग उपग्रह पृथक्करण के लिए किया जाएगा। इसका प्रयोग एक मंच के तौर पर किया जा रहा है।
TeLEOS-2 उपग्रह का विकास किसके द्वारा किया गया
TeLEOS-2 उपग्रह का विकास सिंगापुर सरकार के प्रतिनिधित्व वाली कंपनी डीएसटीए और एसटी इंजीनियरिंग के बीच एक साझेदारी के साथ किया गया है। TeLEOS-2 उपग्रह सिंथेटिक एपर्चर रडार पेलोड से लैस, TeLEOS-2 एक प्रभावशाली 1एम पूर्ण-ध्रुवीय मितीय रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग क्षमता के साथ सभी मौसम के दिन और रात को पूरी तरह कवर करने का दावा करता है। इसका विकास सिंगापुर की सभी विभिन्न सरकारी एजेंसियों की इमेजरी आवश्यकताओं को समर्थन प्रदान करने के लिए किया गया है।
इसरो पीएसएलवी-सी55 का प्रक्षेपित कैसे कर रहा है
बता दें कि पीएसएलवी-सी55 मिशन एक प्राथमिक मिशन है। TeLEOS-2 में दो एपर्चर रडार है, जिसमें दो बड़े उपग्रहों के साथ प्रक्षेपित होगा। इसमें ल्यूमलाइट-4 प्रोद्योगिकी प्रदर्शन वाले नैनो-उपग्रह का सहयात्री उपग्रह है।
ये अंतरिक्ष यान एक इमेजरी प्रदान करने में सहायक होगा, जिसका उपयोग हॉटस्पॉट निगरानी और धुंध प्रबंधन, हवाई दुर्घटना खोज और बचाव कार्यों जैसे अन्य कई कार्यों के लिए किया जा सकता है। ये किसी भी मौसम में चाहें दिन हो या रात हो अच्छी कवरेज प्रदान करेगा।
क्या है LUMELITE-4
LUMELITE-4 एक अत्याधुनिक 12यू उपग्रह है, जिसका विकास सिंगापुर द्वारा विकसित की गई है। इसके विकास का कार्य राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के A*STAR और सैटेलाइट टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर के इंस्टीट्यूट फॉर इंफोकॉम रिसर्च द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है।
ये एक हाई परफॉर्मेंस स्पेस-बोर्न वीएचएफ डाटा एक्सचेंज सिस्टम की है, जिसे टेक्नोलॉजी के प्रदर्शन के लिए डिजाइन किया गया है। जैसे पीएसएलवी-सी55 का विकास इमेजरी के लिए किया गया है, उसी प्रकार LUMELITE-4 का विकास सिंगापुर की वैश्विक शिपिंग और ई-नेविगेशन समुद्री सुरक्षा को बढ़ाना है। इसका मुख्य उद्देश्य शिपिंग और ई-नेविगेशन समुद्री सुरक्षा को लाभ पहुंचाना है।
पीओईएम- 2 (POEM-2)
पीओईएम- 2 एक पीएसएलवी ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल है। इसका उपयोग वैज्ञानिकों द्वारा लॉन्च वाहन के खर्च किए गए पीएस4 चरण को गैर पृथक पेलोड के माध्यम से एक कक्षीय मंच के रूप में किया जाएगा। बता दें कि ये पेलोड मुख्य तौर पर इसरो, ध्रुव अंतरिक्ष और भारतीय खगोल भौतिक, बेलाट्रिक्स संस्थान के लिए किया जाएगा।