National Unity Day Essay in Hindi: भारत विविधता में एकता का देश है। इस भूमि पर अलग-अलग भाषा, धर्म, संस्कृतियों और परंपराओं के लोग रहते हैं। ऐसे बहुभाषीय और बहुधार्मिक समाज को एकता के सूत्र में पिरोना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, और इस कार्य को संजोने के लिए भारत में हर साल 31 अक्टूबर को 'राष्ट्रीय एकता दिवस' मनाया जाता है।
यह दिन स्वतंत्रता संग्राम के महानायक और भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने स्वतंत्र भारत को एक अखंड राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस निबंध में हम राष्ट्रीय एकता दिवस के महत्व, इसके इतिहास और इससे जुड़ी गतिविधियों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व
राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व सरदार वल्लभभाई पटेल के भारत के प्रति योगदान से जुड़ा हुआ है। सरदार पटेल ने देश को एकजुट करने और भारतीय संघ की स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज़ादी के समय भारत कई छोटे-बड़े रियासतों में बंटा हुआ था। सरदार पटेल ने अपनी कुशल राजनीति और दृढ़ता के साथ इन रियासतों को भारतीय संघ में सम्मिलित किया। उनका यह योगदान हमें यह समझाता है कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति के लिए एकता और अखंडता अत्यावश्यक है।
इस दिन का उद्देश्य देश के युवाओं को एकता, समर्पण और सामूहिकता के मूल्यों के प्रति जागरूक करना है। इस दिन सभी जातियों, धर्मों, और भाषाओं के लोग अपने मतभेदों को भुलाकर एक राष्ट्र के प्रति अपने प्रेम और निष्ठा को प्रदर्शित करते हैं। राष्ट्रीय एकता दिवस हमें यह भी सिखाता है कि हम सभी एक ही देश के नागरिक हैं और हममें एकता होनी चाहिए, चाहे हमारी संस्कृतियां, भाषा, या धर्म अलग-अलग हों।
राष्ट्रीय एकता दिवस का इतिहास
राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत वर्ष 2014 में हुई, जब भारत सरकार ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को एकता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। इसके पीछे सरदार पटेल के योगदान को मान्यता देने का उद्देश्य था। सरदार पटेल ने 562 से अधिक रियासतों को एकत्रित कर भारत को एक अखंड राष्ट्र बनाने का कार्य किया। उनके इस योगदान को याद करने और उनके आदर्शों को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने के लिए ही इस दिन का चयन किया गया।
सरदार पटेल का जीवन और उनकी कार्यशैली हमें सिखाती है कि दृढ़ता, साहस और एकता के माध्यम से बड़ी से बड़ी चुनौतियों का समाधान निकाला जा सकता है। उन्होंने भारतीय समाज में एकता का भाव उत्पन्न करने के लिए अत्यधिक कार्य किए और भारतीय प्रशासनिक ढांचे को संगठित और सशक्त बनाया।
राष्ट्रीय एकता दिवस की गतिविधियां
राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर पूरे भारत में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य लोगों में एकता और अखंडता का संदेश पहुंचाना होता है। इस दिन 'रन फॉर यूनिटी' जैसी रैलियां आयोजित की जाती हैं, जिसमें बड़ी संख्या में लोग भाग लेते हैं और एकता का संदेश फैलाते हैं। विद्यालयों और कॉलेजों में निबंध प्रतियोगिताएँ, भाषण, कविताएं, और पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं ताकि छात्र एकता का महत्त्व समझ सकें।
कई जगहों पर सरदार पटेल की जीवनी और उनके कार्यों पर चर्चा होती है ताकि लोग उनके योगदान के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। पुलिस, सेना, और अन्य सरकारी संस्थानों में भी विशेष परेड और गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। इन सभी कार्यक्रमों का उद्देश्य लोगों में एकता और अखंडता का भाव उत्पन्न करना है।
राष्ट्रीय एकता दिवस और युवा वर्ग
युवा वर्ग किसी भी देश का भविष्य होता है और राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाए रखना उनके हाथ में है। राष्ट्रीय एकता दिवस के माध्यम से युवाओं में राष्ट्रीयता का भाव उत्पन्न करना और उन्हें एकजुटता का महत्व समझाना अति आवश्यक है। इस दिन के कार्यक्रमों में भाग लेकर युवा अपनी जिम्मेदारी को समझ सकते हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। यह दिन उन्हें यह भी सिखाता है कि एक मजबूत राष्ट्र के लिए विभिन्न धर्मों, भाषाओं और संस्कृतियों के लोगों का मिलजुल कर रहना कितना जरूरी है।
सरदार पटेल के जीवन से प्रेरणा लेकर युवा यह समझ सकते हैं कि देश को एकता के सूत्र में बांधने के लिए दृढ़ निश्चय, समर्पण और सेवा का भाव आवश्यक है। अगर युवा वर्ग राष्ट्रीय एकता के सिद्धांत को आत्मसात कर लेता है, तो वह निश्चित ही देश को एक उन्नति और शांति के पथ पर ले जा सकता है।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय एकता दिवस न केवल सरदार पटेल के योगदान को स्मरण करने का दिन है, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय कर्तव्यों की ओर ध्यान आकर्षित करने का भी अवसर है। भारत जैसे विविधताओं से भरे देश में एकता और अखंडता को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होता है। इस दिन के माध्यम से हम अपने देश के प्रति अपने उत्तरदायित्व को समझ सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों को एकता का महत्त्व सिखा सकते हैं।
भारत के भविष्य के लिए एकता और सामूहिकता आवश्यक हैं। हमें चाहिए कि हम हर साल इस दिन को सच्ची भावना के साथ मनाएँ और सरदार पटेल के विचारों को जीवन में उतारें। राष्ट्रीय एकता दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हमारे मतभेद हमें विभाजित नहीं कर सकते, बल्कि एकता ही हमारी पहचान है।