National Unity Day 2023 in Hindi: भारत, संस्कृतियों, भाषाओं और परंपराओं का एक बहुसांस्कृतिक संपन्न देश है। भारत में एकता और अखंडता को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक वर्ष 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्म जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है।
31 अक्टूबर को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय एकता दिवस भारत की एकता का एक प्रमाण है, जो हमें एक राष्ट्र के रूप में एक साथ खड़े रहने के महत्व की याद दिलाता है। यह दिन हर भारतीय के दिल में एक विशेष स्थान रखता है, क्योंकि यह भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्म जयंती का प्रतीक है।
Rashtriya Ekta Diwas 2023: राष्ट्रीय एकता दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
राष्ट्रीय एकता दिवस पर, सरदार पटेल की विरासत का सम्मान करने के लिए देश भर में विभिन्न कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। उनके योगदान को याद करने के लिए गुजरात में 182 मीटर ऊंची दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का निर्माण किया गया। इस प्रतिमा को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का नाम दिया गया। इस स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण 31 अक्टूबर, 2018 को किया गया था। इसके अतिरिक्त, जीवन के सभी क्षेत्रों के लोग एकता और एकजुटता के आदर्शों को बढ़ावा देने के लिए कई शहरों में मैराथन "रन फॉर यूनिटी" का आयोजन किया जाता है, जिसमें सैंकड़ों लोग भाग लेते हैं।
National Unity Day 2023: राष्ट्रीय एकता दिवस का ऐतिहासिक महत्व क्या है?
राष्ट्रीय एकता दिवस, भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के दृष्टिकोण और प्रयासों को याद करने के लिए मनाया जाता है। सरदार पटेल ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद भारत की रियासतों को एकीकृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके अटूट दृढ़ संकल्प और राजनीतिक कौशल ने सदियों के विभाजन को समाप्त करके भारत को एक एकीकृत राष्ट्र बनने में मदद की।
Rashtriya Ekta Diwas 2023: अनेकता में एकता का जश्न मनाना
भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत इसकी विविधता का परिणाम है। राष्ट्रीय एकता दिवस पर, राष्ट्र भारत के विभिन्न सांस्कृतिक, भाषाकृत, धार्मिक, और परंपराओं की विविधता का जश्न मनाता है। इस महत्वपूर्ण दिन इस बात पर जोर दिया जाता है कि विभिन्न भाषाओं, धर्मों और परंपराओं के बावजूद, प्रत्येक भारतीय एकता के एक समान धागे से बंधा रहे। इस दिन खासतौर पर सद्भाव और राष्ट्रीय एकता के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए देश भर में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, वाद-विवाद, चर्चाएं और सामान्य ज्ञान आधारित प्रश्नोत्तरी जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
National Unity Day Theme 2023: राष्ट्रीय एकता दिवस थीम 2023 क्या है?
प्रत्येक वर्ष भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय एकता दिवस पर एक अगल थीम निर्धारित किया जाता है। इस थीम को आधार बनाकर इस पर संकल्प लेकर भारत की एकता और अखंडता को प्रदर्शित करते हुए विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। हालांकि इस वर्ष अब तक राष्ट्रीय एकता दिवस थीम 2023 की घोषणा होना बाकी है। यहां राष्ट्रीय एकता दिवस के लिए भारतीय सरकार द्वारा निर्धारित बीते कुछ वर्षों की थीम का उल्लेख किया जा रहा है। आपको बता दें कि राष्ट्रीय एकता दिवस थीम 2023 (National Unity Day Theme 2023) की घोषणा होते ही इस लेख को अपडेट कर दिया जायेगा।
वर्ष | थीम |
2022 | रन फॉर यूनिटी |
2021 | आत्मनिर्भर भारत |
2020 | विविधता में एकता, समानता में एकता से बेहतर है |
2019 | राष्ट्र को एक साथ लाना, संघर्ष और बढ़ते उग्रवाद के समय में एकजुट होना |
National Unity Day 2023: एकता का प्रतीक
राष्ट्रीय एकता दिवस के सबसे प्रतिष्ठित प्रतीकों में से एक स्टैच्यू ऑफ यूनिटी है। यह सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची विशाल प्रतिमा है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी भारत के पश्चिमी राज्य गुजरात में स्थित है। इस स्टैच्यू का निर्माण सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत और भारत को एकजुट करने में उनकी भूमिका को श्रद्धांजलि देते हुए समर्पित किया गया है। यह भारत राष्ट्र के उस ताकत की याद दिलाता है जो एकजुटता में निहित है।
राष्ट्रीय एकता दिवस नागरिकों में देशभक्ति और राष्ट्रीय गौरव की भावना पैदा करता है। स्कूल, कॉलेज और संगठन विशेष सभाएं और कार्यक्रम आयोजित करते हैं। ये कार्यक्रम एवं गतिविधियां युवाओं को सरदार पटेल जैसे महान नेता द्वारा समाज कल्याण में किए गए योगदानों के बारे में शिक्षित करने के उद्देश्य से आयोजित किये जाते हैं और देश के लिए प्रेम की भावना को बढ़ावा देते हैं। यह दिन भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत और एक राष्ट्र के रूप में एकजुट रहते हुए इस विविधता का जश्न मनाने और संरक्षित करने की याद दिलाता है।
राष्ट्रीय एकता दिवस भारतीयों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है क्योंकि यह देशभक्ति, राष्ट्रवाद और एकजुटता के मूल्यों को और मजबूत करने का संदेश देता है। यह नागरिकों को क्षेत्रीय, भाषाई या धार्मिक मतभेदों की परवाह किए बिना एकता, शांति और सद्भाव के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करता है।