एकता की मूर्त और भारत के लोह पुरुष के जाने जाने वाले सरदार पटेल का ज्नम 31 अक्टूबर 1875 में गुजरात में हुआ था। उन्होंने पटेल बचपन से ही बैरिस्टर बनने का सपना देखते आए थे और उन्होंने 36 वर्ष की आयु में अपना ये सपना पूरा भी किया जहां उन्होंने मिडिल टेम्पल इन से अपना 36 महिने की पढ़ाई केवल 30 महिने में पूरी की और भारत लौट अहमदाबद में बस कर वह एक प्रसद्धि बैरिस्तर बने। इंग्लैंड पढ़ाई के लिए जाने से पहले उन्होंने गुडरात से लॉ की और बार की परीक्षा पास कर गोधरा, बोरसाड और आणंद में वकालत की प्रैक्टिस की। एक प्रसिद्ध बैरिस्टर के साथ वह एक महान राजनीतिज्ञ भी थें। उन्होंने भारत को स्वतंत्रा दिलाने के लिए कई कार्य किए कई आंदोलनों का नेतृत्तव भी किया। उनके इन सभी कार्यों में से एक उपल्बधि जो है वो देश के एकीकरण की है जहां उन्होंने 565 से अधिक रियासतों का एकीकरण किया था। आज भारत में उनकी जयंती को एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष भारत में उनकी 147वीं जयंती मनाई जा रही है। आइए इस वर्ष एकता दिवस पर जाने सरदार पटेल की प्रमुख उपलब्धियां के बारे में।
सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रमुख उपलब्धियां
1. अहमदाबाद में नागरिक जीवन के विकास में योगदान
वर्ष 1924 में पटेल को अहमबाद के नगर के अध्यक्ष के रूम चुना गया था। अपने कार्यकाल के दौरान उनका मुख्य उद्देश्य बुनियादी ढांचे में बदलाव करना था। उन्होंने बिजली और जल आपूर्ति में सुधारकिया, जल निकासी और स्वच्छता प्रणाली का विस्तारनकिया, शहर भर में नगर नियोजन कार्यक्रमों के साथ शैक्षणिक संस्थानों में सुधार किए। उनके इन कार्यों ने लोगों का विश्वास प्राप्त किया।
2. सविनय अवज्ञा आंदोलन
1942 में हुए द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सरकार ने क्रिप्स मिशन के लिए प्रतिनिधिमंडल को भारत भेजा। इस मंडल का उद्देश्य निर्वाचित भारतीय विधानमंडल और सत्ता के प्रगतिशील वितरण के बदले में युद्ध के लिए आईएनसी का सहयोग मांगा था। इस मिशन में त्याग की जाने वाली शक्तियों के संबंधोन न होने के कारण गांधी जी निराश होकर सविनय अवज्ञा आंदोलन की सिफारिश की। इस आंदोलन में पटेल ने भाग लिया और अपने भाषणों के माध्यम से लोगों को कर न देने और इस आंदोलन में बढ़-चढ कर हिस्सा लेने के लिए कहा। उन्हों इस आंदोलन का प्रचार करने के लिए पूरे भारत की यात्रा की।
3. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष
वर्ष 1931 में पटेल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बने। वह सबसे पहले कराची डिविजन में अध्यक्ष बने थे और इस डिविडन में उन्होंने लंबे समय तक इस पद पर कार्य किया था।
4. गृह मंत्री और उप प्रधान मंत्री
भारत की स्वतंत्रता के बाद प्रधानमंत्री पदे के दो दावेदार थें एक नेहरू और दूसरे पटेल। गांधी जी की पहली पसंद नेहरू थे न कि पटेल। लेकिन पटेल जनता की पसंद थें। गांधी जी इच्छा के अनुसार नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री बने और पटेल भारत के पहले गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री बने और इस पद का कार्यभार संभाला।
5. भारत के राजनीतिक एकीकरण में अहम भूमिका
पटेल ने भारत की एकजुटता और राजनीतिक एकीकरण पर कार्य किया। जिस भारत में आज हम रह रहे हैं वह पटेल की देन है। उन्होंने 565 रियासतों का एकीकरण करा। इस राजनीतिक एकीकरण के दौरान उन्होंने भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चिफ की भूमिका निभाई थी।
6. पटेल को भारत रत्न से सम्मानित किया गया
सरदार पटेल को मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से वर्ष 1991 में सम्मानिक किया गया था। ये पुरस्कार उन्हें स्वंतत्रता राजनीति और भारत के निर्माण में उनके योगदान के लिए दिया गया था।
7. भारतीय सिविल सेवाओं के जनक
1947 में भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद आधुनिक सिविल सेवा का गठन किया गया। अखिल भारतीय सिविल सेवा का निर्माण सरदार पटेल के दृष्टिकोण के अनुसार किया गया। पटेल का मानना था प्रशासन चलाने और कानून व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए सिवल सेवकों कि आवश्यकता है और इसे महत्व देने के लिए इसका निर्माण किया गया। संविधान के अनुच्छेद 312 के तहत अखिल भारतीय सेवाओं की नई शाखा को स्थापित करने के लिए अधिकृत किया गया। उनके इस योगदान के लिए उन्हें भारतीय सिविल सेवा के जनक के रूप में माना जाता है।
8. विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा स्टैचू ऑफ यूनिटी
वर्ष 2014 में भारत सरकार ने पटेल की विरासत को आगे बढ़ाने का फैसला लिया और इस फैसले में उनकी जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाए जाने का बात की गई। 2014 से हर साल भारत 31 अक्टूबर राष्ट्रीय एकता दिवस मनाता है। इसके 4 साल बाद 2018 में विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा का अनावरण 31 अक्टूबर को किया गया। जो की सरदार पटेल की कांस्य की प्रतिमा थी, जिसे स्टैचू ऑफ यूनिटी कहा जाता है। इस प्रतिमा की ऊंचाई 182 मीटर है। ये स्टैच्यू को नर्मदा घाटी केवाडिंया, गुजरात में स्थित है। इसे प्रसिद्ध डिजाइनर राम.वी. सुतारी द्वारा किया गया है।