Independence Day 2022 : उत्तर पूर्व में स्थित मेघालय के स्वतंत्रता सेनानियों के सूची

मेघालय भारत के उत्तर पूर्व में स्थित एक राज्य है जो पहले असम का हिस्सा हुआ करता था। इस राज्य को एक अलग राज्य का दरजा 21 जनवरी 1972 में मिला। भारत के छोटे बड़े क्षेत्र वाले राज्यों में इस राज्या स्थान 24वां है। यह राज्या भारत के सबसे छोटे राज्यों में आता है। इस राज्य की जनसंख्या की बात करें तो इस राज्य की आबादी भी कम है और कम आबाजी वाले राज्यों में ये राज्य 22 स्थान पर आता है। मेघालय अपनी प्राकृति खूबसूरती, झरनों और संस्कृति के लिए जाना जाता है। पर्यटको के लिए घुमने फिरने खास कर की प्राकृतिक के जड़ने वाले लोगो के लिए एक अच्छा विकल्प है। भारत इस वर्ष अपना 76वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। इस महाउपलक्ष में यह जानना भी अतिआवश्यक है की भारत के स्वतंत्रता संग्राम में किन सेनानियों ने अपना योगदान दिया। भारत के सभी राज्यों ने स्वतंत्रता संग्राम में अपनी अहम भूमिका निभाई है। जिसे भूलाया नहीं जा सकता। लेकिन कई लोग ऐसे हैं जो इन राज्यों और इन राज्यों के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में नहीं जानते। समय बीतता गया और इन सेनानियों का नाम इतिहास के पन्नों में खो गया। लेकिन इन पन्नों को खांगाला जाए तो ऐसे कई सेनानी है जिन्होंने उनके अतुलनीय योगदान के लिए याद किया जाना जरूरी है। इन सेनानियों के लगातार स्वतंत्रता संग्राम में योगदान से ही भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और इस महाउपलक्ष पर इन योद्धाओं को याद करना और इनके बारे में जानना जरूरी है। तो आईए भारत के 76वें स्वतंत्रता दिवस पर आपको मेघालय के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बातएं।

Independence Day 2022 :  उत्तर पूर्व में स्थित मेघालय के स्वतंत्रता सेनानियों के सूची

यू तिरोट सिंग सिम्लिह

तिरोट सिंग के नाम से जानें जाने वाले यू तिरोट सिंग सिम्लिह का जन्म 1802 में हुआ था। ये खासी पहाड़ों पे रहने वाले खासी लोगों के प्रमुख थें। 1826 में ब्रह्मपुत्र घाटी पर ब्रिटिश ने अधिकार पा लिया था। ब्रिटिश गवर्नर-जरनल के एक एजेंट डेवड स्कॉट को पता लगा कि यू तिरोट सिंग सड़क परियोजना के लिए दुआर्स में संपत्ति हासिल करने की इच्छा थी। उसके बाद विधान सभा में इस प्रस्ताव पर अनुमति मिली और सड़क का काम शुरू हुआ। लेकिन जब रनी के राजा बलराम सिंह दुआर्स पर विवाद किया तो यू तिरोट सिंग दुआर्स पर दावा करने के लिए हथियारों के साथ गए। उन्हें लगता था कि इस दावे को स्थापित करने के लिए अंग्रेज उनका सहयोग करेंगे लेकिन उसकी बजाए वहां उनका सामना अंग्रेजी सिपाहियों से हुआ। और उन्हें पता लगा कि अंग्रेज असम में अपने आप को मजबूत करने में लगे हैं तो उन्होंने एक बैठक बुलाई और अंग्रेजों को नोंगखला को खाली करने का आदेश दिया। इस आदेश को अंग्रजों ने पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया और इस तरह वहां आंग्रेजों के खिलाफ अभियान शुरू किया गया।

यू कियांग नांगबाह

यू कियांग नांगबाह भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका जन्म मेघालय में हुआ था। उन्होंने ब्रिटिश सेना के खिलाफ आवाज उठाई थी। उनके खिलाफ खड़े होने स्वतंत्रता की लड़ाई के लिए उन्हें ब्रिटिश सरकार द्वारा गिरफ्तार किया गया और फांसी की सजा दी गई। यू कियांग नांगबाह को पश्चिम के जयंतिया हिल्स में 30 दिसंबर 1863 में फांसी की सजा दी गई।

पा तोगन संगमा

पा तोगन संगमा गारो जनजाति से थे और वह इस जनजाति के नेता भी थे। उन्होंने 1872 में गारो हिल्स पर ब्रिटिश सरकार ने कब्जा कर लिया था। उस दौरान पा तोगन संगमा ने अपने लोगों और देश को अंग्रेजों से आजाद करने के लिए आंदोलन की शुरूआत की। इन्होंने सोते हुए ब्रिटिश सैनिकों पर अपने साथियों के साथ मिलकर हमला किया और इन सैनिकों की अवाज सुन कर सभी अन्य ब्रिटिश सैनिक जागे और उन्होंने वापस हमला किया और इस हमले में उन्हे कई गोलियां लगी।

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English summary
List of Indian freedom fighters of Meghalaya. An unsung freedom fighter of India we all should know. On this 76th Independence day of India know the list of freedom fighter state wise.
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