कर्नाटका भारत के दक्षिण में स्थित राज्य है। संस्कृति की खूबसूरती से भरा ये राज्य लोगों के घुमने के लिए एक बहतरीन जगह है इसकी राजधानी बेंगलुरु, आईटी क्षेत्र में काम करने वालों के लिए आईटी हब के तौर पर जानी जाती है। ये राज्य भारत के सबसे बड़े राज्य की लिस्ट में छठे स्थान पर आता है और आबादी में मामले में यह 8वें स्थान पर है। भारत के सभी उत्तर के राज्य में किस प्रकार स्वतंत्रता संग्राम चला आप सभी जानते हैं। लेकिन दक्षिण के राज्यों में किस प्रकार स्वतंत्रता संग्राम चला इसकी जानकारी ज्यादा लोगों के पास नहीं है। भारत में स्वतंत्रता संग्राम में सभी राज्य ने अपनी अहम भूमिका निभाई है। उससे भी जरूरी है ये जानना की आजादी में योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानी कौन थें? भारत में आजादी की लड़ाई में ढेरों लोग शामिल थे, लकिन उनके बारे में तो जानना अलग लोगों ने उनेक नाम भी नहीं सुने है। इन सेनानियों का नाम इतिहास के पन्नों में कहीं खो सा गया है।
कर्नाटका में ये उस समय की बात है जब देश कि रियासतों में असंतोष की स्थिति थी। कित्तूर चेन्नम्मा और सांगोली रायन्ना के अन्य स्थियों ने मिलकर 1830 में कर्नाटक में क्रांति की शुरूआत की। उसी समय से राज्य में कई विद्रोह हुए। 19वीं सदी में स्वतंत्रता की मांग एक बार फिर तेज हुई और स्वतंत्रता आंदोलन ने गति पकड़ी उस दौरान कई स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने इस संग्राम में अपना योगदान दिया जिसकी वजह से ही भारत हर साल स्वतंत्रता दिवस मनाता है। आईए इस स्वतंत्रता दिवस पर जाने कर्नाटका के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में।
कमलादेवी चट्टोपाध्याय
कमलादेवी चट्टोपाध्याय का जन्म 3 अप्रैल 1903 में हुआ था। वह एक समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थी। ये भारत की पहली महिला थी जो मद्रास के चुनाव में खड़ी हुई थी। उन्हें मुख्य तौर पर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के लिए जाना जाता है।
कर्नाड सदाशिव राव
कर्नाड सदाशिव राव का जन्म 1881 में हुआ था। उन्होंने लॉकी पढ़ाई की थी। वह एक स्वतंत्रता सेनानी के साथ- साथ समाजिक कार्यकर्ता भी थे। विधवा महिलाओं और गरीब महिलाओं के लिए महिला सभा की स्थापना की। 1919 में उन्होंने भारत की स्वतंत्रता में योगदान दिया। वह कर्नाटका के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने गांधी के सत्याग्रह आंदोलन में भाग लिया था।
अलुरु वेंकट राय
अलुरु वेंकट राय का जन्म 12 जुलाई 1880 में हुआ था। वह एक इइतिहासकार, लेखक और पत्रकार थें। 1922 में उन्होंने जय कर्नाटका नाम की पत्रिका की शुरूआत की थी।
कित्तूर चेन्नम्मा
कर्नाटका से भारत की स्वतंत्रात में भाग लेने वाले कित्तूर चेन्नम्मा का जन्म 14 नवंबर में हुआ था। इन्हें मुख्य तौर पर 1824 में अंग्रेजों के खिलाफ शुरू हुई क्रांति में अपना योगदान दिया था जिसके लिए उन्हें जाना जाता है। ये उन कुछ महिला स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थी जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति की शुरूआत की थी।
एन.एस. हार्दिक
कांग्रेस सेना दल की स्थापना करने वाले एन.एस. हार्दिक का जन्म 7 मई 1889 में हुआ था। वह एक स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता में अपना योगदान दिया था। 1923 में उन्होंने फ्लैग स्तयाग्रह में भाग लिया था।
नित्तूर श्रीनिवास राउ
नित्तूर श्रीनिवास राउ एक गांधीवादी थे जिनका जन्म 24 अगस्त 1903 में हुआ था। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया था। नित्तूर श्रीनिवास राउ मैसूर राज्य के हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी थे।