Independence Day 2022: जानिए गुजरात के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में

गुजरात भारत का पांचवें स्थान पर सबसे बड़ा राज्य है। इस राज्य की जनसंख्या की बात करें तो जनसंख्या के मामले में ये राज्य 9वें स्थान पर है। इस राज्य में प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के करीब 23 स्थल हैं। भारत के अन्य राज्यों की तरह यहां से भी कई स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता में योगदान दिया था। 17वीं सदी के दौरान की बात है जब मुगल सम्राज्य को हरा के मराठाओं को राज गुजरा पर शुरू हुआ। उसके बाद मराठाओं की जगह ली ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने और गुजरात पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन शुरू हुआ। गुजरात को बॉम्बे प्रजीडेंसी का हिस्सा बना। महात्मा गांधी जी ने नमक सत्याग्रह की शुरूआत अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से की थी।

भारत इस वर्ष 76वां स्वतंत्रता दिवस मनाने वाला है जिसकी तैयराी जोरं-शोरं से चल रही है। इस महा उपलक्ष पर आपको भारत के उन स्वतंत्रात सेनानियों के बारे में जानना जरूरी है जिन्होंने भारत की आजादी में अपना योगदान दिया था। आइए जाने गुजरात के उन स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान देकर इस सफल बनाया।

Independence Day 2022: जानिए गुजरात के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में

1). हंसा जीवराज मेहता

हंसा जीवराज मेहता का जन्म 3 जुलाई 1897 में हुआ था। हंसा जीवराज एक सुधारवादी, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षक, स्वतंत्रतावादी, नारीवादी और एक लेखक थी। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था। हंसा जीवराज मेहता ने गुजरात के पहले मुख्यमंत्री जीवराज नरायण मेहता से शादि की थी।

2). कस्तूरबा गांधी

कस्तूरबा मोहनदास गांधी का जन्म 11 अप्रैल 1869 में हुआ था। कस्तूरबा गांधी अपने पति के साथ पूरी तरह से भारतीय स्वतंत्रता के लिए समर्पित थी। उन्होंने आजादी में अपना पूरा योगदान दिया था। इनकी मृत्यु आजादी से एक साल पहले 1944 में 22 फरवरी को हुई थी।


3). अशोक मेहता

अशोक मेहता का जन्म 24 अक्टूबर 1911 में हुआ था। वह एस स्वतंत्रता सेनानी और सोशलिस्ट राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी को बनाने में सहायता की थी। अशोक मेहता ने सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया था।

4). बलवंतराय मेहता

बलवंतराय मेहता का जन्म 19 फरवरी 1900 में हुआ था। वह गुजरात के दूसरे मुख्यमंत्री थें। बलवंतराय मेहता पंचायती राज के आर्किटेक्चर के रूप में जाने जाते हैं। इन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया था। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के लिए उन्हें 3 साल की सजा दी गई थी। इन आंदोलनों में हिस्सा लेने के लिए उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा है। उन्होंने अपने जीवन के सात साल जेल में गुजारे हैं।

5). अब्बास तैयबजि

अब्बास तैयबजि का जन्म 1 फरवरी 1854 में हुआ था। 1857 की क्रांति के समय वह केवल 3 साल के थे। अब्बास तैयबजि वैस्टर्न स्टाईल में रहा करते थे। जलियांवाला बाग कांड के बाद उन्होंने खुद को बदल दिया। इसी के साथ उन्होंने अपने इंग्लिश कपड़ों को जला दिया और हर इंग्लिश वस्तु का बहिष्कार किया। इसी के बाद से उन्होंने गांधी जी के द्वारा चलाए सभी आंदोलनों में भाग लिया। उन्हे इंडियन नेशनल कांग्रेस का चेयरमैन घोषित किया गया।

6). पूर्णिमा अरविंद पाकवास

पूर्णिमा अरविंद का जन्म 5 अक्टूबर 1913 में हुआ था। दीदी ऑफ डंग के नाम से भी जाना जाता है। पूर्णिमा अरविंद एक स्वतंत्रता सेनानी थी जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता में योगदान दिया। पूर्णिमा अरविंद पाकवास सबेस पहले गांधी जी से तब मिली थी जब वह केवल 8 साल की थी। बाद में उन्होंने लिंबडी में हुए स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया। करीब 18 साल की उम्र में वह दांडी मार्च का हिस्सा बनी।

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English summary
Gujarat is a state of Gandhi where Namak Satyagrah started. There ara many movement which took place in Gujarat. This year India is celebrating its 76th Independence Day. Lets remember all unsung heroes who have been part of the Independence Movement.
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