Laughter Day 2022 अच्छे तन-मन के लिए हंसना जरूरी, रेसर्च में खुलासा

Laughter Day 2022 Speech Essay: आज के दिन जिधर देखो आगे बढ़ने की और सब कुछ पाने की होड़ सी लगी हुई है। लेकिन यह हमने कब चिंताओं के भवर में उलझा देती है, कब हम तनाव में गिर जाते हैं पता नहीं चलता है।

Laughter Day 2022 Speech Essay: आज के दिन जिधर देखो आगे बढ़ने की और सब कुछ पाने की होड़ सी लगी हुई है। लेकिन यह हमने कब चिंताओं के भवर में उलझा देती है, कब हम तनाव में गिर जाते हैं पता नहीं चलता है। इसके चलते हम कुदरत के दिए हस्स वरदान का उपयोग करना भी भूल जाते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि एक हंसी जीवन में नई उमंग, उल्लास और ऊर्जा भर सकती है। इसमें ना सिर्फ हमारा हमारा मन मस्तिष्क बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य रहता है। विशेषकर आज के दौर की अनियमित दिनचार्य, काम के दबाव, तनाव और अन्य प्रकार की मानसिक समस्याओं का सामना करते हुए हंसी की आवश्यकता कई गुना बढ़ गई है। फिर भी हम खुलकर नहीं हंस रहे हैं।

Laughter Day 2022 अच्छे तन-मन के लिए हंसना जरूरी, रेसर्च में खुलासा

'ब्रेक फ्री फ्रॉम स्ट्रेस' की संस्थापक पूनम मदान के अनुसार, हंसने के लिए किसी खास वजह की जरूरत नहीं होती। हम एक नन्हे बच्चे की अजीबो-गरीब हरकतों को देखकर भी हंस सकते हैं, खुश हो जाते हैं। खुश रहने से तनाव दूर होता है। हम अपने दर्द से मुक्ति पाने का रास्ता ढूंढ पाते हैं। चिंताएं कम होती है, तो आत्महत्या या खुद को प्रताड़ित करने जैसे ख्यालात नहीं आते। हास्य से भय तनाव और अवसाद जैसे मनोविकार दूर होते हैं। हंसने के महत्व को स्वीकार करते हुए आगे कहती हैं कि हंसना उतना ही आवश्यक है, जितना सांस लेने के लिए हवा और प्यास बुझाने के लिए पानी। जीवन का हर क्षण अनमोल है, उसका आनंद उठाने का प्रयास करना चाहिए।

बीते 2 वर्षों में कोरोना महामारी ने हमें बहुत सारे सबक दिए हैं। हमारे जीने के अंदाज को बदल दिया है। हम अपने स्वास्थ्य को लेकर कहीं अधिक सचेत हो गए हैं। ऐसे में बेहतर सेहत के लिए मुफ्त में उपलब्ध हास्य औषधि का सेवन हमें अधिक से अधिक करना चाहिए। इससे बड़ी से बड़ी बीमारी दूर करने में मदद मिलती है। यह स्वयं के साथ सामने वाले की मानसिक स्थिति को भी बदल सकती है।

ऐसे कई उदाहरण देखने को मिले हैं, जिसमें हंसने की वजह से तन मन को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। मिसाल के तौर सोफिया को ही ले लें, एक समय जीवन के कठोर दौर से गुजर रही थी, वह रीढ़ की हड्डी में तकलीफ होने के कारण कुछ क्षण स्थिर बैठ पाना तक मुश्किल हो गया था। मन के हालात तो और भी चिंताजनक थे। तभी उसकी मुलाकात लाफ्टर योग विशेषज्ञ अंजू साहनी से हुई और वह उनके सेशन में जाने लगी, दो सेशन के बाद ही सोफिया को अपने शारीरिक दर्द में कमी महसूस हुई। लाफ्टर योग ध्यान में वह 20-20 मिनट तक बैठने लगीं। उनका कहना है कि हंसने से स्वास्थ्य तन-मन पाया जा सकता है।

हंसने से मस्तिष्क की अल्फा वेन एक्टिव होती है, जो आनंद की अनुभूति कराती है। हंसने से ना सिर्फ मनोदशा में परिवर्तन आता है, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। शरीर में रक्त का प्रवाह दुरुस्त होता है। जोर-जोर से हंसने के कारण आप लंबी सांस लेते हैं, जिससे शरीर के अंदर ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में पहुंचता है। सभी अंग स्वस्थ रहते हैं और गहरी नींद आती हैं।

हंसी और उसके लाभ के बारे में जागरूकता लाने के उद्देश्य से ही वर्ष 1998 में डॉक्टर मदन कटारिया ने मुंबई में विशेष हास्य दिवस मनाने की पहल की थी। वे विश्व लाफ्टर योग मूवमेंट के संस्थापक हैं। आज इनके दुनिया भर में 100 से अधिक लाफ्टर योग क्लब संचालित हैं। लोग इसका हिस्सा बनकर अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं।

लाफ्टर योग मूवमेंट के संस्थापक डॉक्टर मदन कटारिया ने कहा कि वैश्विक महामारी के दौरा में सबसे बड़ी दवा कोई है तो वह है हास्य। अच्छे वक्त पर तो कोई हंसता-मुस्कुराता है, लेकिन जो कठिन समय में हंसना जानता हो उससे साहसी कोई नहीं। लाफ्टर योग कृत्रिम हंसी के लिए प्रेरित नहीं करता। 200 से अधिक रिसर्च पेपर्स इस तथ्य को पुष्टि करते हैं कि स्वाभाविक हंसी से ज्यादा प्रभावशाली हास्य योग होता है। यही वजह है कि बीते 2 वर्षों में हमने जूम एप पर लाफ्टर योग के अनेक ऑनलाइन सेशन आयोजित किए। दुनिया के अलग-अलग देशों में लोग जून पर जुड़े, इसका लाभ उठाया।

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English summary
Laughter Day 2022 Speech Essay: Wherever you look, there is a competition to move forward and get everything. But it is not known when we get entangled in the vortex of worries, when we fall under stress. Due to this, we also forget to use the blessings given by nature. Experts say that a laugh can fill life with new enthusiasm, joy and energy. In this, not only our mind, but our physical health remains. The need for laughter has increased manifold especially in the face of today's erratic routine, work pressure, stress and other types of mental problems. Still we are not laughing openly.
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