Shastri Jayanti 2022: ये हैं लाल बहादुर शास्त्री जी के टॉप 10 मैसेज

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को संयुक्त प्रांत (आधुनिक उत्तर प्रदेश) के मुगलसराय में रामदुलारी देवी और शारदा प्रसाद श्रीवास्तव के घर हुआ था। बता दें कि लाल बहादुर प्रचलित जाति व्यवस्था के खिलाफ थे और इसलिए उन्होंने अपना उपनाम छोड़ने का फैसला किया। 1925 में वाराणसी के काशी विद्यापीठ में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें "शास्त्री" की उपाधि दी गई थी। "शास्त्री" शब्द "विद्वान" या "पवित्र शास्त्र" में निपुण व्यक्ति को संदर्भित करता है।

चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर उनके अनमोल विचारों के बारे में बताते हैं।

Shastri Jayanti 2022: ये हैं लाल बहादुर शास्त्री जी के टॉप 10 मैसेज

1. देश के प्रति निष्ठा सभी निष्ठाओं से पहले आती है और यह पूर्ण निष्ठा है क्योंकि इसमें कोई प्रतीक्षा नहीं कर सकता कि बदले में उसे क्या मिलता है।

2. लोगों को सच्चा लोकतंत्र या स्वराज कभी भी असत्य और हिंसा से प्राप्त नहीं हो सकता है।

3. कानून का सम्मान किया जाना चाहिए ताकि हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना बरकरार रहे और मजबूत बनें।

4. हम अपने देश के लिए आज़ादी चाहते हैं, पर दूसरों का शोषण कर के नहीं, ना ही दूसरे देशों को नीचा दिखा कर, मैं अपने देश की आजादी ऐसे चाहता हूं कि अनय देश मेरे आजाद देश से कुछ सीख सकें, और मेरे देश के संसाधन मानवता के लाभ के लिए प्रयोग हो सकें।

5.मेरी समझ से प्रसाशन का मूल विचार यह है कि समाज को एकजुट रखा जाए ताकि वह विकास कर सकें और अपने लक्ष्यों की तरफ बढ़ सके।

6. यदि मैं एक तानाशाह होता तो धर्म और राष्ट्र अलग-अलग होते। मैं धर्म के लिए जान तक दे दूंगा लेकिन यह मेरा निजी मामला है। राज्य का इससे कुछ लेना देना नहीं है। राष्ट्र धर्मनिरपेक्ष कल्याण, स्वास्थ्य, संचार, विदेशी संबंधों, मुद्रा इत्यादि का ध्यान रखेगा। लेकिन मेरे या आपके धर्म का नहीं वो सबका निजी मामला है।

7. विज्ञान और वैज्ञानिक कार्यों में सफलता असीमित या बड़े संसाधनो का प्रावधान करने से नहीं मिलती , बल्कि यह समस्याओं और उद्देश्यों को बुद्धिमानी और सतर्कता से चुनने से मिलती है और सबसे बढ़कर जो चीज चाहिए वो है निरंतर कठोर परिक्षम समर्पण की।

8. भ्रष्टाचार को पकड़ना बहुत कठिन काम है लेकिन मैं पूरे जोर के साथ कहता हूं कि यदि हम इस समस्या से गंभीरता और दृढ संकल्प के साथ नहीं निपटते तो हम अपने कर्तव्यों का निर्वाह करने में असफल होंगे।

9. हम अपने देश के लिए आज़ादी चाहते हैं, पर दूसरों का शोषण कर के नहीं, ना ही दूसरे देशों को नीचा दिखा कर, मैं अपने देश की आज़ादी ऐसे चाहता हूं कि अन्य देश मेरे आजाद देश से कुछ सीख सकें और मेरे देश के संसाधन मानवता के लाभ के लिए प्रयोग हो सकें।

10. हमारी ताकत और स्थिरता के लिए हमारे सामने जो जरूरी काम हैं उनमें लोगों में एकता और एकजुटता स्थापित करने से बढ़ कर कोई काम नहीं है।

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English summary
Lal Bahadur Shastri was born on October 2, 1904 in Mughalsarai, United Provinces to Ramdulari Devi and Sharda Prasad Srivastava. Let us tell you that Lal Bahadur was against the prevailing caste system and hence decided to drop his surname. He was given the title of "Shastri" after completing his graduation in 1925 at Kashi Vidyapeeth, Varanasi.
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