राष्ट्रपति के चुनाव के साथ उपराष्ट्रपति का चुनाव भी खुब चर्चा में है। उपराष्ट्रपति के चुनाव में जगदीप धनखड़ का नाम बहुत अधिक सुनने में आ रहा है। जगदीप धनखड़ इस समय चर्चा का मुख्य विषय बने हुए हैं। एनडीए की तरफ से शनिवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ का नाम उपराष्ट्रपति पद के लिए एक उम्मीदवार के तौर पर घोषित किया गया। जगदीप धनखड़ उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में वकील रह चुके हैं। इसके बाद जनता दल की टिकट पर 1989 में वह राजस्थान के झुंझुनू से सांसद और 1993 में राजस्थान के विधायक के तौर पर चुने गए थे। 1990 में जगदीप धनखड़ केंद्र में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री भी रहे हैं। फिलहाल जगदीप धनखड़ बीजेपी का हिस्सा हैं और उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार के भी।
जगदीप धनखड़ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 'किसान पुत्र' के रूप में वर्णित (डिस्क्राइब) किया गया है। इसकी से साथ जेपी नड्डा द्वारा उन्हें 'पीपुल्स गवर्नर' के तौर पर वर्णित किया गया है। उनका विनम्र व्यवहार और सार्वजनिक जीवन के साथ एक राज्यपाल के तौर पर उनका कार्य उनके पक्ष में काम कर रहे हैं। आइए जगदीप धनखड़ के जीवन के बारे में जाने।
जगदीप धनखड़ का प्रारंभिक जीवन
जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 में किठाना गांव, झुंझुनू जिला, राजस्थान में हुआ था। उन्होंने प्रारंभिक कक्षा 1 से 5 तक की शिक्षा अपने गांव के सरकारी स्कूल से ली थी। इसके बाद उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ से की।
स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद जगदीप धनखड़ ने राजस्थान के सबसे प्रतिष्ठित कॉलेज महाराजा कॉलेज, जयपुर में बी.एससी फिजिक्स ऑर्नस में दाखिला लिया। अपनी बी.एससी की डिग्री पूरी करने के बाद धनखड़ ने राजस्थान यूनिवर्सिटी में एलएलबी कोर्स किया। इसके बाद धनखड़ ने बार काउंसिल राजस्थान में 10 नवंबर 1979 को एडवोकेट के तौर पर ज्वाइन किया। जगदीप धनखड़ हमेशा से ही पढ़ाई में अच्छे रहें है।
जगदीप धनखड़ एडवोकेट के तौर पर करियर
राजस्थान के उच्च न्यायालय द्वारा 27 मार्च 1990 में सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित हुए।
1990 में जगदीप धनखड़ सर्वोच्च न्यायालय में वकालत करते थे। और वकालत में उनका फोकस स्टील क्षेत्र, कोयला, खान और इंटरनेशनल कमर्शियल अर्बिट्रेशन में अधिक रहा है।
वर्ष 1987 में जगदीप धनखड़ सबसे कम उम्र में राजस्थान के हाई कोर्ट बार एसोसिएशन जयपूर के अध्यक्ष के तौर पर चुने गए।
राजनीतिक करियर
जगदीप धनखड़ का राजनीतिक करियर कुछ इस प्रकार है-
1990 में जगदीप धनखड़ संसदीय समिति के अध्यक्ष के तौर पर चुने गए और इसके साथ केंद्रीय मंत्री भी चुने गए।
वर्ष 1993 से 1998 में अजमेर जिले के किशनगढ़ निर्वाचित क्षेत्र से राजस्थान विधान सभा के लिए चुने गए।
लोकसभा और राजस्थान विधानसभा की महत्वपूर्ण समितियों का हिस्सा भी रहे थे। इसी के साथ जब वह केंद्रीय मंत्री थे उसी समय के दौरान वह यूरोपीय संसद में एक संसदीय समूह के उप नेता रूप में प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा भी रहे थे।
जगदीप धनखड़ एक खेल प्रमी हैं। वह राजस्थान ओलंपिक संघ और राजस्थान टेनिस संघ के अध्यक्ष भी रहे हैं।
कई पत्रिकाओं में जगदीप धनखड़ के लीगल मुद्दों पर बड़े-बड़े लेख भी प्रकाशित हुए हैं। इसी के साथ राजस्थान के जाट समुदाय सहित अन्य पिछड़े वर्गों को ओबीसी श्रेणी का दर्जा दिलाने में भी उनका योगदान रहा है।
20 जुलाई 2019 में भारते के 14वें राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 155 के द्वारा वारंट जारी करते हुए श्री जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया। 30 जुलाई, 2019 को कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थोट्टाथिल बी. नायर राधाकृष्णन ने कोलकाता राजभवन में श्री जगदीप धनखड़ को राज्यपाल पद की शपथ दिलाई।
जगदीप धनखड़ के जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
जगदीप धनखड़ ने अपने करियर की शुरूआत की एक वकील के तौर पर की और राजस्थान उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में वकालत का अभ्यास भी किया।
1990 में राजनीति में आने के बाद एक साल के भीतर उन्हें सीनियर एडवोकेट नामित किया गया।
जगदीप धनखड़ उप प्रधानमंत्री देवीलाल के साथ जुड़े हुए थे। उन्होंने अपने मेंटर को फॉलो करते हुए बाद में वीपी सिंह की सरकार को छोड़ कर चंद्र शेखर की नेतृत्व वाली अल्पसंख्यक सरकार में केंद्रीय मंत्री बने।
पीवी नरसिम्हा राव जब प्रधानमंत्रा बने तो उस दौरान वह कांग्रस में शामिल हुए लेकिन जब राजस्थान की राजनीति में अशोक गहलोत की सत्ता बढ़ने लगी तो उन्होंने कांग्रेस छोड़ भाजपा में चले गए। भाजपा में जाने के बाद ये बात सामने आई की वह जल्द ही वसुंधरा राजे के करीबी हो गए।
जगदीप धनखड़ के राजनीति में लंबे समय के करियर में वर्ष 2019 में उन्हें श्री रामनाथ कोविंद द्वारा पश्चिम बंगाल के राज्यपाल नियुक्त किया गया। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बनने के बाद से ही धनखंड और ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार के बीच लगातार ही टकराव बना रहा है।
जगदीप धनखड़ पारिवारिक जीवन
उपराष्ट्रपति के पद के उम्मीदवार और बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ का विवाह श्रीमती सुदेश धनखड़ से 1979 में हुआ था। श्रीमती सुदेश धनखड़ ने इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन की हुई है। इसी के साथ उन्हें सोशन वर्क, ऑर्गेनिक फार्मिंग और चाइल्ड एजुकेशन और अपलिफ्टमेंट में बहुत अधिक रूचि रखती है। इन दोनों की एक पुत्री है जिसका नाम कामना है। उनकी पुत्री कामना ने अपनी एमजीडी स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त कर के आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका से की।