International Tiger Day 2022: अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई को मनाया जा रहा है। यह भारत का राष्ट्रीय पशु भी है। बाघ लुप्तप्राय जानवरों की लिस्ट में शामिल है। देश में बाघों आबादी लगातार बढ़ रही है, इसलिए रणथंभौर से अगले 2 महीने में 5 टाइगर अन्य रिसर्व पार्क में शिफ्ट किए जाएंगे। इनमें दो को सरिस्का और दो को मुकुंदरा तो एक बाघिन को रामगढ़ में छोड़ने की तैयारी की जा रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, रणथंभौर में करीब 80 बाघ हैं। वहीं सरिस्का में करीब 26 बाघ हैं। अब तीनों टाइगर रिजर्व ने चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन (CWLW) अरिंदम तोमर से इसकी मांग की है। रणथंभौर के फील्ड डायरेक्टर ने कहा कि कम से कम 15 टाइगर को दूसरे रिजर्व में छोड़ने की जरूरत है। इनकी बात पर वन विभाग के प्रमुख सचिव शिखर अग्रवाल ने कहा कि सबकुछ सही रहा तो जल्द ही बाघों की शिफ्टिंग होगी।
रजस्थान में बाघों की इनब्रीडिंग रोकने के लिए महाराष्ट्र से भी टाइगर लाने की तैयारी चल रही है। जिसके लिए चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ने नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) को खत लिखा है। स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड के सदस्य धीरेंद्र गोधा ने कहा कि तीनों खाली टाइगर रिजर्व में इसी महीने में बाघ शिफ्टिंग का काम शुरू होगा। धौलपुर और कुंभलगढ़ को भी टाइगर रिजर्व बनाने की बात सीएम अशोक गहलोत के समक्ष रखी है।
बता दें कि वर्षों के बाद, वैश्विक स्तर पर बंगाल के बाघों की संख्या में मामूली वृद्धि देखी गई है। अधिकारियों और विशेषज्ञों ने कहा कि यह सरकारों, कानून लागू करने वालों और स्थानीय समुदायों के नेतृत्व में निरंतर कार्रवाई और वकालत का परिणाम था, जो 2010 में ग्लोबल टाइगर समिट के साथ शुरू हुआ था।
हालांकि यह विकास संरक्षण के लिए शुभ प्रतीत होता है, बाघों की संख्या में उछाल 2022 तक उनकी संख्या को दोगुना करने के लक्ष्य से काफी कम है। लक्ष्य 13 देशों द्वारा रूस में 2010 के शिखर सम्मेलन में निर्धारित किया गया था।
इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) ने हाल ही में कहा था कि दुनिया भर में 5578 बाघों के साथ जंगली में 40 प्रतिशत अधिक बाघ थे। यह बेहतर निगरानी के कारण था। जनसंख्या स्थिर या बढ़ती हुई मानी जाती है।
2015 में सुंदरबन में बाघों की संख्या 106 थी। 2018 में यह बढ़कर 114 हो गई। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि खगराचारी के कासलोंग रिजर्व वन में बाघों की बहुतायत है और बाघों का शिकार है। मैं अनुशंसा करता हूं कि सरकार क्षेत्र में बाघों की उपस्थिति का आकलन करने के लिए तत्काल पहल करे।