शिक्षक हर किसी के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्कूल से लेकर कॉलेज तक हर किसी के जीवन में शिक्षकों से जुड़े कुछ अच्छे या बुरे यादगार लम्हें होते हैं। हम सभी ने अपने माता-पिता, भाई-बहन और दोस्तों से उनके शिक्षकों से जुड़े कुछ मजे़दार किस्से सुने होंगे, जिन्हें सुनने से हमें प्रेरणा मिलती है।
तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको इस शिक्षक दिवस पर कुछ छात्रों के उनके शिक्षकों से जुड़े किस्सों के बारे में बताते हैं। जिन किस्सों की वजह से छात्रों के जीवन में बदलाव आएं। एक शिक्षक और उसके छात्र का रिस्ता बड़ा नोंक-झोक भरा माना जाता है। शिक्षक हमेशा अपना छात्रों को सही दिशा दिखाने का काम करते हैं और उनके हित के लिए उनको अच्छी सलाह देते हैं।
शिक्षकों से जुड़ें 5 दिलचस्प किस्से जो आपको अपने शिक्षकों की याद दिला देंगे
1. मैं एक छोटे शहर की लड़की थी और मैंने राज्य स्तर पर नृत्य प्रतियोगिता में भाग लिया था। और वहां आए अन्य राज्यों के बच्चों का डांस देखने के बाद मुझे स्टेज पर ऊपर तक जाने में भी डर लग रहा था। लेकिन मेरे साथ वहां मेरे टीचर भी थे जिन्होंने मेरी पीठ थपथपाई और मेरी आँखों में देखा और कहा, "तुम सबसे अच्छा डांस करती हो।" उनकी आवाज ने मुझे ऐसा हौसला दिया और फिर मैंने स्टेज पर जाकर बहुत शानदार डांस किया।
2. 10वीं कक्षा में पास होने के बाद मेरे माता-पिता ने मुझ पर साइंस स्ट्रीम लेने के लिए दबाव डाला, जबकि मैं कॉमर्स की पढ़ाई करना चाहता थी। लेकिन माता-पिता के दवाब के कारण मुझे साइंस स्ट्रीम ही लेनी पड़ी। जिसके बाद मेरे केमिस्ट्री में कम मार्क्स आते थे क्योंकि मुझे रसायनों के नाम याद नहीं रहते थे। और फिर एक दिन मेरे टीचर ने मुझे अपने केबिन में बुलाया और मुझे रसायनों के नाम याद करने की ट्रिक बताई जो की मुझे आज तक याद है।
3. मुझे 9वीं कक्षा में पहली बार एक लड़की से प्यार हुआ और उस लड़की के मना करने से मेरी दिल टूट गया। जिस वजह से मेरा पढ़ाई में मन नहीं लगता था। फिर एक दिन मेरे प्रिंसिपल ने मुझे बुलाया और मुझे लगा था कि मुझे कोई बड़ी सजा मिलेगी। हैरानी की बात यह है कि मुझे कोई सजा नहीं मिली। इसके बजाय उन्होंने मुझसे कहा कि जब तक तुम कुछ नहीं बन जाते, तब तक कोई भी लड़की तुम्हें हां नहीं कहेगी। यह एक साधारण सलाह थी, लेकिन यह किसी ऐसे व्यक्ति से आई जिसकी मुझे सबसे कम उम्मीद थी। 8 साल हो गए, मैं आज भी उस लड़की को डेट कर रहा हूं।
4. मुझे गाना पसंद था, लेकिन मैं इसे अपना पैशन नहीं मेरा शौक कहूंगा। मेरे टीचर को मेरा गाना सुनना बहुत पसंद था उन्होंने मुझे अपने एकल प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा और मुझे मंच पर गाने का आत्मविश्वास दिया। एक बार उन्होंने मुझे मंच पर गाने के लिए कहा। जिसके बाद उनकी वजह से ही मैंने मंच पर गाना शुरु किया और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीता।
5. एक बार मेरे चाचा मु्झे स्कूल से हाफ डे में लेने आए और मेरे टीचर ने मुझसे पूछा कि मुझे जल्दी क्यों जाना है तो मैंने उदास चेहरा बनाया और कहा, "मेरी तबियत ठीक नहीं है मैडम।" उसके बाद चाचा से जब मेरे टीचर ने मेरे घर जल्दी जाने की वजह पूछी तो चाचा ने बताया की हमारे घर में फैम्ली फंक्शन है। जिसके बाद मेरे शिक्षक ने मुझे झूठ बोलने के लिए थप्पड़ मारा। आज मुझे ये बात याद करकर बहुत हंसी आती है।