Independence Day 2023; Pahari Mandir of Jharkhand: आजादी का पर्व चल रहा है, हर ओर लोग आजादी के इस जश्न को सेलिब्रेट करने को तैयार है और तैयारियों में भी लगे हुए हैं। कल मंगलवार 15 अगस्त को पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। 15 अगस्त को लेकर एक बात तो आप सभी जानते होंगे कि इस दिन लाल किले पर प्रधानमंत्री झंडा फहराता है, लेकिन क्या आपको पता है कि लाल किले के अलावा एक और स्थान है, जहां आजादी के दिन ही झंडा फहराया जाता है।
जी हां, हम बात कर रहे हैं झारखंड के रांची में स्थित पहाड़ी मंदिर की, जो अपने आप में एक इतिहास है। इस मंदिर की कहानी सुनकर आपके आंखों से आंसू निकल जाएंगे। तो चलिए बताते हैं आपको इस मंदिर की कहानी... । दरअसल, आजादी के पहले तक इस मंदिर में स्वतंत्रता सेनानियों को ब्रिटिश हुकूमत फांसी पर लटकाया करती थी। जिन भी हिंदुस्तानी भाईयों ने अंग्रेजों के खिलाफ जंग छेड़ी, सभी को अंग्रेज इसी पहाड़ी की चोटी पर तोहफे में मौत दे देते थे।
क्या है पहाड़ी मंदिर का पूरा इतिहास
रांची से कुछ दूर पर स्थित एक गांव है, जहां पहाड़ पर स्थित एक पहाड़ी मंदिर है। एक समय की बात है, आजादी के पहले इस मंदिर प्रांगण में कई क्रांतिकारी भाई आजादी को लेकर योजना बना रहे थे। तभी अंग्रेजों को कहीं से इसकी सूचना मिली और फिर उन्होंने मंदिर को चारों ओर से घेर लिया और फिर सभी को इसी मंदिर प्रांगण में एक पेड़ से लटका कर फांसी दे दी। खुले में फांसी देने का बस एक ही कारण था कि लोगों के बीच दहशत फैले और फिर कोई ऐसा कदम उठाने से पहले सौ बार सोचे। यहां तकरीबन सैकड़ों क्रांतिकारियों को फांसी दी गई है।
15 अगस्त और 26 जनवरी दोनों दिन फहराया जाता है तिरंगा
इसलिए आजादी के बाद से ही इस मंदिर पर इन क्रांतिकारियों के शहीदी को याद करने के लिए और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए झंडा फहराया जाता है। ये झंडारोहण हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी को फहराया जाता है। ये पूरे देश का इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां आजादी का जश्न मनाने के लिए स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराया जाता है।