Happy New Year 2024 Shayari Status: कहते हैं न कि वक्त किसी के लिए नहीं ठहरता। साल आता है और अच्छी-बुरी यादों के साथ चला जाता है। अब कुछ ही घंटों में 2023 समाप्त हो जाएगा और 2024 का श्री गणेश हो जाएगा।
नये साल को लेकर भारत समेत दुनिया भर में जश्न का माहौल है। कुछ लोग न्यू ईयर पार्टी की प्लेनिंग कर रहे हैं तो कुछ लोग घूमने की। ऐसे में हम आपके लिए कुछ मशहूर शायरों के शेर लेकर आएं हैं। जिन्हें आप अपने व्हाट्सएप और फेसबुक पर स्टेटस लगाकर अपने दोस्त, रिश्तेदार या फिर प्रियजनों को नए साल की शुभकामनाएं दे सकते हैं।
पढ़िए नए साल पर मशहूर शायरों के शेर
आज इक और बरस बीत गया उस के बग़ैर
जिस के होते हुए होते थे ज़माने मेरे
-अहमद फ़राज़
....................
इक साल गया इक साल नया है आने को
पर वक़्त का अब भी होश नहीं दीवाने को
- इब्न-ए-इंशा
.....................
न कोई रंज का लम्हा किसी के पास आए
ख़ुदा करे कि नया साल सब को रास आए
- अज्ञात
....................
तू नया है तो दिखा सुब्ह नई शाम नई
वर्ना इन आँखों ने देखे हैं नए साल कई
- फ़ैज़ लुधियानवी
....................
ये भी पढ़ें- Happy New Year Funny Jokes 2024: न्यू ईयर पर भेजें अपने दोस्तों को मजेदार जोक्स, हंस-हंसकर हो जाएंगे लोटपोट
कुछ ख़ुशियाँ कुछ आँसू दे कर टाल गया
जीवन का इक और सुनहरा साल गया
- अज्ञात
...................
फिर नए साल की सरहद पे खड़े हैं हम लोग
राख हो जाएगा ये साल भी हैरत कैसी
- अज़ीज़ नबील
...................
न शब ओ रोज़ ही बदले हैं न हाल अच्छा है
किस बरहमन ने कहा था कि ये साल अच्छा है
-अहमद फ़राज़
...................
अब के बार मिल के यूँ साल-ए-नौ मनाएँगे
रंजिशें भुला कर हम नफ़रतें मिटाएँगे
- अज्ञात
..................
ऐ जाते बरस तुझ को सौंपा ख़ुदा को
मुबारक मुबारक नया साल सब को
- मोहम्मद असदुल्लाह
.................
पुराने साल की ठिठुरी हुई परछाइयाँ सिमटीं
नए दिन का नया सूरज उफ़ुक़ पर उठता आता है
- अली सरदार जाफ़री
..................
किसी को साल-ए-नौ की क्या मुबारकबाद दी जाए
कैलन्डर के बदलने से मुक़द्दर कब बदलता है
-ऐतबार साजिद
....................
दुल्हन बनी हुई हैं राहें
जश्न मनाओ साल-ए-नौ के
- साहिर लुधियानवी
.................
यकुम जनवरी है नया साल है
दिसम्बर में पूछूँगा क्या हाल है
-अमीर क़ज़लबाश
..................
मुबारक मुबारक नया साल आया
ख़ुशी का समाँ सारी दुनिया पे छाया
- अख़्तर शीरानी
.................
नए साल में पिछली नफ़रत भुला दें
चलो अपनी दुनिया को जन्नत बना दे
- अज्ञात
.................
चेहरे से झाड़ पिछले बरस की कुदूरतें
दीवार से पुराना कैलन्डर उतार दे
- ज़फ़र इक़बाल
.................
पुराने साल की ठिठुरी हुई परछाइयाँ सिमटीं
नए दिन का नया सूरज उफ़ुक़ पर उठता आता है
-अली सरदार जाफ़री
....................
ये किस ने फ़ोन पे दी साल-ए-नौ की तहनियत मुझ को
तमन्ना रक़्स करती है तख़य्युल गुनगुनाता है
-अली सरदार जाफ़री
.....................
ये साल भी उदासियाँ दे कर चला गया
तुम से मिले बग़ैर दिसम्बर चला गया
-अज्ञात
...................
फिर आ गया है एक नया साल दोस्तो
इस बार भी किसी से दिसम्बर नहीं रुका
-अज्ञात
....................