Govardhan Puja Quotes 2024: गोवर्धन पूजा पर शेयर करें कृष्ण जी के कोट्स, जानें इस दिन का महत्व

गोवर्धन पूजा हिंदू धर्म में एक प्रमुख त्यौहार है, जिसे दीपावली के अगले दिन मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर गोकुलवासियों की रक्षा करने की कहानी का स्मरण किया जाता है। गोवर्धन पूजा के अवसर पर श्रीकृष्ण के प्रति श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करते हुए, उनके अनमोल कोट्स को साझा करना इस पर्व का एक खास हिस्सा बन जाता है।

आज के इस लेख में हम गोवर्धन पूजा का महत्व और श्रीकृष्ण के कुछ प्रेरणादायक कोट्स पढ़ेंगे जिन्हें आप अपने प्रियजनों के साथ साझा कर सकते हैं।

गोवर्धन पूजा पर शेयर करें कृष्ण जी के कोट्स, जानें इस दिन का महत्व

गोवर्धन पूजा का महत्व

गोवर्धन पूजा का संबंध भगवान श्रीकृष्ण की अद्वितीय लीला से है, जिसमें उन्होंने गोवर्धन पर्वत को उठाकर गोकुलवासियों की रक्षा की थी। पौराणिक कथा के अनुसार, द्वापर युग में जब इंद्रदेव ने गोकुलवासियों पर क्रोधित होकर भारी वर्षा शुरू कर दी, तो भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर सभी को वर्षा से बचाया। इसके बाद से गोवर्धन पर्वत की पूजा की परंपरा चल पड़ी। यह पर्व प्रकृति के प्रति हमारे सम्मान और आभार का प्रतीक है और हमें पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देता है।

गोवर्धन पूजा पर भगवान श्रीकृष्ण के प्रेरणादायक कोट्स

भगवान श्रीकृष्ण के विचार हमें जीवन के हर पहलू में प्रेरित करते हैं। उनके कोट्स हमें धर्म, प्रेम, भक्ति और कर्तव्य का बोध कराते हैं। गोवर्धन पूजा के अवसर पर श्रीकृष्ण के इन प्रेरणादायक विचारों को शेयर करके हम अपने जीवन में सकारात्मकता का संचार कर सकते हैं।

  • "जो व्यक्ति अपना कर्म करता है, उसे फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। क्योंकि कर्म से ही व्यक्ति का जीवन सार्थक होता है।"

कर्म योग का यह संदेश हमें सिखाता है कि जीवन में कर्म पर ध्यान देना ही सही मार्ग है।

  • "सच्चा भक्त वही है जो प्रेम, भक्ति और श्रद्धा से अपने ईश्वर का ध्यान करता है।"

भगवान कृष्ण का यह कथन गोवर्धन पूजा के महत्व को और भी गहराई से समझाता है।

  • "परिवर्तन संसार का नियम है, जो आज हमारा है, कल किसी और का होगा।"

यह कोट जीवन में संतुलन बनाए रखने और अस्थायी चीजों से परे देखने की सीख देता है।

  • "जब-जब इस धरती पर धर्म की हानि होगी, तब-तब मैं अवतार लेकर धर्म की स्थापना करूंगा।"

इस बात से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि सत्य और धर्म का साथ कभी न छोड़ें।

  • "सभी कार्य प्रभु को अर्पित कर दें और हर कार्य को उनकी सेवा के रूप में करें।"

भगवान कृष्ण का यह कोट जीवन में समर्पण और निःस्वार्थता का महत्व बताता है।

  • "यदि आप प्रेम, करुणा और भक्ति से पूर्ण हैं, तो आप ईश्वर को पाने में सफल होंगे।"

श्रीकृष्ण के इस कोट से प्रेम और भक्ति का असली अर्थ समझ में आता है, जो गोवर्धन पूजा के दौरान महत्वपूर्ण है।

  • "प्रकृति हमारी मां है, उसका सम्मान और संरक्षण करना हमारा धर्म है।"

यह कोट गोवर्धन पूजा का सार है, जिसमें प्रकृति के संरक्षण और उसके प्रति आभार व्यक्त करने का संदेश छुपा है।

  • "सुख और दुख जीवन के दो पहलू हैं। जैसे रात के बाद दिन आता है, वैसे ही दुख के बाद सुख भी आता है।"

यह जीवन के उतार-चढ़ाव को सहजता से स्वीकार करने की प्रेरणा देता है।

  • "प्रेम की शक्ति से ही सृष्टि का संचालन होता है। प्रेम ईश्वर का सबसे सुंदर रूप है।"

यह कोट हमें बताता है कि प्रेम और भक्ति से बढ़कर कोई शक्ति नहीं होती, जो गोवर्धन पूजा के समय और भी सार्थक हो जाता है।

  • "अपने मन को शांत रखो, जो होगा वह तुम्हारे लिए ही होगा।"

यह कोट हमें धैर्य और संतुलन बनाए रखने का संदेश देता है, जो कठिन समय में आवश्यक है।

प्रियजनों के साथ इन कोट्स को साझा करें

गोवर्धन पूजा पर भगवान श्रीकृष्ण के ये कोट्स न केवल हमें प्रेरित करते हैं बल्कि हमारे प्रियजनों के जीवन में भी सकारात्मकता भर सकते हैं। इन कोट्स को अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करके आप उन्हें गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं दे सकते हैं। व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम या अन्य सोशल मीडिया पर इन्हें शेयर करना एक बेहतरीन तरीका है। इसके साथ ही आप इन कोट्स को गोवर्धन पूजा के कार्ड्स पर भी लिख सकते हैं, जो इस पर्व की पावनता और भक्ति को और भी बढ़ा देते हैं।

गोवर्धन पूजा का पर्यावरणीय संदेश

गोवर्धन पूजा का महत्व केवल धार्मिक रूप से ही नहीं, बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता के रूप में भी है। भगवान श्रीकृष्ण ने हमें यह सिखाया कि हमें प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करना चाहिए और उसे संरक्षित रखना चाहिए। आज के समय में जब पर्यावरणीय समस्याएँ तेजी से बढ़ रही हैं, गोवर्धन पूजा का यह संदेश और भी प्रासंगिक हो गया है। हम सभी को चाहिए कि हम अपने आसपास की प्रकृति का सम्मान करें, उसे सुरक्षित रखें और उसके प्रति अपने कर्तव्यों को निभाएं।

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English summary
Govardhan Puja is a major festival in Hinduism, which is celebrated on the next day of Diwali. On this day, the story of Lord Krishna protecting the people of Gokul by lifting the Govardhan mountain on his little finger is remembered. On the occasion of Govardhan Puja, expressing reverence and devotion towards Lord Krishna, sharing his precious quotes becomes an important part of this festival.
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