गुरु नानक जयंती को गुरु पर्व और प्रकाश पर्व भी कहा जाता है। हर साल दिवाली के बाद आने वाली कार्तिक पूर्णिमा को ही गुरु पर्व मनाया जाता है। इस साल कार्तिक पूर्णिमा 8 नवंबर की है यानी गुरु नानक जंयती को 8 नवंबर को मनाया जाएगा। गुरु नानक देव जी सिखों के पहेल गुरु थें जिनका जन्म 15 अप्रैल 1469 में राय भोई की तलवंडी, दिल्ली सल्तनत में हुआ था जो आज ननकाना साहिब, पंजाब पाकिस्तान का हिस्सा है। सिखों में इस दिन को बहुत धूमधाम से मानाया जाता है सुबह होते ही सारे धार्मिक कार्यक्रम शुरु हो जाते हैं। इस दिन शुरुआत वाहे गुरु-वाहे गुरु और प्रभात फेरी के साथ होती है। इस दिन शबद-कीर्तन, लंगर सेवा और गुरुवाणी यानी गुरु नानक जी के उपदेशों का पाठ भी किया जाता है।
गुरु नानक जी सिख समुदाय के पहले गुरु और संस्थापक थें। उन्होंने अपना पूरा जीवन मानवता की सेवा में व्यतीत किया। उनके द्वारा दिए उपदेशों और शिक्षाओं को एक ग्रंथ में एकत्रित कर एक रहा गया है जिसे गुरुग्रंथ भी कहा जाता है। जिसका पाठ गुरु नानक जयंती पर किया जाता है। इस साल 2022 में गुरु नानक जी की 553वीं जयंती मनाई जा रही है। आइए इस उपलक्ष में आपको गुरु नानक जी के कहें गए कुछ वचनों/उपदेशों के बारे में बताएं।
गुरु नानक जी के कोट्स
1. एक ही ईश्वर है। उनका नाम सत्य है, उनका व्यक्तित्व रचनात्मक है और उनका रूप अमर है। वह भय रहित, शत्रुता रहित, अजन्मा और आत्म-प्रकाशित है। गुरु की कृपा से वह प्राप्त होता है।
2. यहां तक कि धन के ढेर और विशाल प्रभुत्व वाले राजा और सम्राट की भी भगवान के प्रेम से भरी चींटी से तुलना नहीं कर सकते।
3. जिसे स्वयं पर विश्वास नहीं है, वह कभी भी ईश्वर में विश्वास नहीं कर सकता।
4. मैं न पुरुष हूं, न स्त्री, न ही मैं कामुक हूं। मैं हूं शान्तिप्रिय, जिसका स्वरूप स्वयंवर, शक्तिशाली तेज है।
5. जिस पुरुष के साथ स्त्री कानून के अनुसार संयुक्त होती है, उसके जो भी गुण होते हैं, उन गुण भी वह मानती है, जैसे कि एक नदी, समुद्र के साथ संयुक्त।
6. दुनिया में कोई भी आदमी भ्रम में न रहे। गुरु के बिना कोई भी दूसरे किनारे पर नहीं जा सकता।
7.. योगी को क्यों डरना चाहिए? पेड़-पौधे और जो कुछ भी भीतर और बाहर है, वह स्वयं वह है।
8.. जो आत्मा के लिए हितकर हो, उसका एकान्त में निरन्तर ध्यान करे, क्योंकि जो एकान्त में ध्यान करता है, वह परम आनंद को प्राप्त करता है।
9. किसी खेत में जिस प्रकार का बीज बोया जाता है, नियत मौसम में तैयार किया जाता है, उसी प्रकार का पौधा, बीज के विशिष्ट गुणों से युक्त, उसमें उग आता है।
10. दुनिया एक नाटक है, जिसका मंचन स्वप्न में किया जाता है।