Krishna Janmashtami Essay in Hindi: त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है। इस त्योहारी सीजन में बच्चों का उत्साह अलग ही होता है। इस दौरान स्कूलों में तरह तरह की गतिविधियों का आयोजन किया जाता है, जिसमें हर कक्षा के छात्र-छात्राएं बड़े ही उत्साह के साथ भाग लेते हैं। इन त्योहारों में जन्माष्टमी बच्चों के लिए एक विशेष त्योहार है।
स्कूलों में जन्माष्टमी के अवसर पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण के जीवन की शिक्षाओं से बच्चों को अवगत कराया जाता है। इतना ही नहीं बल्कि बच्चों को उनकी लीलाओं और माखन चोरी जैसी कहानियों के माध्यम से आनंद भी मिलता है। इस वर्ष भी जन्माष्टमी के अवसर पर विद्यालयों में निबंध, भाषण, क्विज, ड्राइंग, संगीत एवं नृत्य समेत अन्य कई गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।
जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। इस वर्ष जन्माष्टमी का त्योहार 26 अगस्त को मनाया जायेगा। यह हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। बच्चों के लिए जन्माष्टमी का महत्व बहुत अधिक होता है, क्योंकि श्रीकृष्ण के जीवन से उन्हें सच्चाई, निष्ठा और प्रेम की सीख मिलती है। यहां पर कक्षा 1 से 3 तक के बच्चों के लिए जन्माष्टमी पर 100, 150 और 200 शब्दों निबंध के प्रारूप प्रस्तुत किये जा रहे हैं। यहां 5 ऐसे सरल और संक्षिप्त जन्माष्टमी पर निबंध के प्रारूप दिए जा रहे हैं जो आपको बच्चे को जन्माष्टमी के महत्व को समझने और इसे मनाने के तरीके के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।
जन्माष्टमी पर 100, 150 और 200 शब्दों निबंध कैसे लिखें
निबंध 1: जन्माष्टमी का महत्व
जन्माष्टमी हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। यह भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार माने जाते हैं। इस दिन लोग उपवास रखते हैं और रात को 12 बजे मंदिरों में जाकर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं। यह त्योहार बच्चों के लिए विशेष होता है क्योंकि वे मटकी फोड़ प्रतियोगिता में भाग लेते हैं और भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करते हैं।
निबंध 2: श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं
श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं भारतीय धार्मिक कथाओं में प्रिय और महत्वपूर्ण हैं। श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं उनके बचपन की अद्भुत कहानियां ही हैं। ये कहानियां उनकी लीलाओं पर जन के प्रति प्रेम को दर्शाती हैं। श्रीकृष्ण का बचपन बहुत ही अद्भुत और लीलाओं से भरा हुआ था। वे बचपन में माखन चुराते थे और ग्वालों के साथ खेलते थे। उनकी माखन चोरी की कहानियां बहुत मशहूर हैं। जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्ण की इन लीलाओं पर कई नाटक, संगीत और अन्य प्रतियोगताएं आयोजित की जाती है। इस दिन को बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं।
निबंध 3: जन्माष्टमी की तैयारियां
जन्माष्टमी का त्योहार बहुत विशेष त्योहार होता है। यह त्योहार अक्सर अंग्रेजी कैलेंडर के अगस्त महीने में पड़ता है। जन्माष्टमी के त्योहार की तैयारियां कई दिनों पहले से शुरू हो जाती हैं। घरों और मंदिरों को फूलों से सजाया जाता है। बच्चे भगवान कृष्ण के रूप में सजते हैं और मटकी फोड़ प्रतियोगिता में भाग लेते हैं। लोग इस दिन उपवास रखते हैं और रात को भजन-कीर्तन करते हैं। यह दिन भक्तिभाव से भरा होता है और हर कोई इसे बड़े उत्साह से मनाता है।
निबंध 4: माखन चोर श्रीकृष्ण
जन्माष्टमी का त्योहार खुशियों का त्योहार है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं पर आधारित विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण को माखन चोर के रूप में भी जाना जाता है। उनका बचपन माखन चोरी की घटनाओं से भरा हुआ था। वे अपने मित्रों के साथ माखन चुराते और इसे बड़े आनंद से खाते थे। बच्चों के लिए यह कहानी बहुत प्रेरणादायक होती है और वे श्रीकृष्ण के इस रूप को बहुत पसंद करते हैं। जन्माष्टमी पर बच्चे कृष्ण की तरह सजते हैं और माखन चोरी की लीलाओं का आनंद लेते हैं।
निबंध 5: जन्माष्टमी का उत्सव
जन्माष्टमी का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष जन्माष्टमी का त्योहार 26 अगस्त को पूरे देश में मनाया जायेगा। इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है और श्रीकृष्ण के जीवन की लीलाओं का मंचन किया जाता है। बच्चे इस दिन कृष्ण लीला का आनंद लेते हैं और मटकी फोड़ प्रतियोगिता में भाग लेते हैं। इस दिन का मुख्य उद्देश्य श्रीकृष्ण के जीवन से प्रेरणा लेना और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलना होता है।