Engineers Day 2022 History: किसी भी देश के निर्माण और विकास में इंजीनियरों की अहम भूमिका होती है। देश में निर्माण कार्यों में इंजीनियरों के अतुलनीय योगदान की सराहना करने के लिए हर वर्ष 15 सितंबर को इंजीनियर दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत के पहले महान इंजीनियरों में से एक सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती होती है। इंजीनियरिंग और शिक्षा के क्षेत्र में सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसलिए सरकार ने वर्ष 1968 में 15 सितंबर को इंजीनियर्स डे के रूप में मनाने का फैसला किया। तब सर हर साल 15 सितंबर को इंजीनियर दिवस मनाया जा रहा है। आइए जानिए हैं कैसे हुई इंजीनियर दिवस मनाने की शुरुआत और थे सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया।
इंजीनियर्स डे क्यों मनाया जाता है जानिए इतिहास
Engineers Day 2022: इंजीनियर्स डे क्यों मनाया जाता है जानिए इतिहास #1
भारत रत्न से सम्मानित सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया 1912 से 1918 तक पहले भारतीय सिविल इंजीनियर, राजनेता और मैसूर के 19वें दीवान थे। वह कृष्णा से लेकर भारत भर में फैली विभिन्न प्रमुख परियोजनाओं में मुख्य इंजीनियर थे। उन्हें हैदराबाद की बाढ़ सुरक्षा प्रणाली के लिए महान इंजीनियर के रूप में भी जाना जाता था।
Engineers Day 2022: इंजीनियर्स डे क्यों मनाया जाता है जानिए इतिहास #2
15 सितंबर 1861 को कर्नाटक के मुद्दनहल्ली गांव में जन्मे विश्वेश्वरैया ने अपनी स्कूली शिक्षा अपने गृहनगर में पूरी की और बाद में मद्रास विश्वविद्यालय से बीए आर्ट्स की पढ़ाई करने चले गए। फिर उन्होंने अपना लक्ष्य बदल दिया और पुणे में कॉलेज ऑफ साइंस में सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया।
Engineers Day 2022: इंजीनियर्स डे क्यों मनाया जाता है जानिए इतिहास #3
सर एम विश्वेश्वरैया ने राष्ट्र निर्माण में बहुत बड़ा योगदान दिया था, इसलिए उनके जन्मदिन 15 सितंबर को देश भर में इंजीनियर्स डे के रूप में मनाया जाता है। सिविल इंजीनियर विश्वेश्वरैया ने आधुनिक भारत के जलाशयों, बांधो और जल विद्युत परियोजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारत सरकार ने वर्ष 1955 में सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को भारत रत्न से सम्मानित किया था।
Engineers Day 2022: कौन थे एम विश्वेश्वरैया #4
सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को देश में सर एमवी के नाम से भी जाना जाता है। सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर 1861 को मैसूर के कोलार जिले स्थित क्काबल्लापुर तालुक में एक तेलुगू परिवार में हुआ था। भारत रत्न से सम्मानित सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के पिता का नाम श्रीनिवास शास्त्री था। वह संस्कृत के विद्वान और आयुर्वेद के डॉक्टर थे।
Engineers Day 2022: कौन थे एम विश्वेश्वरैया #5
सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने वर्ष 1883 में पूना के साइंस कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। उसके बाद सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को सहायक इंजीनियर पद पर सरकारी नौकरी मिल गई थी। सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया वर्ष 1912 से 1918 तक मैसूर के 19वें दीवान रहे थे।
Engineers Day 2022: कौन थे एम विश्वेश्वरैया #6
सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने मैसूर सरकार के साथ मिलकर कई फैक्ट्रियों और शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना की थी। उन्हें कृष्णराज सागर बांध के निर्माण का मुखिया माना जाता है। मैसूर में किए गए उनके कार्यों के लिए उन्हें 'फडर्स ऑफ मॉर्डन मैसूर' के नाम से भी जाना जाता है। इतना ही नहीं सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को 'कर्नाटक का भागीरथ' भी कहा जाता है।
Engineers Day 2022: कौन थे एम विश्वेश्वरैया #7
वर्ष 1962 में 102 साल की उम्र में सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का निधन हुआ। इंजीनियर्स डे के इस मौके पर सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के नाम से इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्टूडेंट्स को उनकी उपलब्धियों पर अवॉर्ड दिए जाते हैं।
Happy Engineers Day