Chhath Puja Speech in Hindi: लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के रंग में पूरा देश रंग गया है। वह समय कुछ और ही था जब छठ केवल क्षेत्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता था। आज के समय में भाषा और क्षेत्रीय संस्कृति के दायरों को तोड़ते हुए छठ पूजा का पवित्र त्योहार पूरे भारत में मनाया जाता है। श्रद्धालु छठ पर्व के दौरान व्रत रख कर छठी मैया से संतान सुख और सुरक्षा की कामना करते हैं।
भारतीय संस्कृति में वैदिक काल से ही छठ पूजा के त्योहार को एक महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। छठ पूजा की जड़ें भले ही बिहार-झारखंड में मिलती हो लेकिन आज भारत के विभिन्न राज्य और प्रमुख शहरों में छठ पर्व का त्योहार उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। हिंदू धर्म में प्रकृति के छठे भाग की पूजा की जाती है। प्रकृति के इस छठे भाग की पूजा को छठ पर्व के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि प्रकृति को हम माता के स्वरूप में पूजते हैं इसलिए छठ पूजा के दौरान छठी मैया की उपासना की जाती है।
छठ पूजा के दौरान सूर्य देव की भी पूजा अर्चना की जाती है। वह इसलिए क्योंकि सूर्य और प्रकृति से ही सृष्टि का निर्माण हुआ है। दिवाली के बाद छठ पर्व कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की छठवें दिन मनाया जाता है। छठ पर्व चार दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान भक्त उपवार रखते हैं और और सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करते हैं।
100, 200 और 300 शब्दों में छठ पूजा पर भाषण कैसे लिखें?
छठ पूजा का त्योहार पूरे देश में मनाया जा रहा है। छठ पर्व बच्चों के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दौरान माताएं अपने संतान सुख और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं। छठ पर्व से हमें हमारी सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक मान्यताओं के बारे में जानने का मौका मिलता है। यहां हम स्कूल के छात्रों के लिए छठ पूजा पर तीन अलग-अलग भाषण प्रस्तुत कर रहे हैं। छठ पूजा पर यदि आप भी स्कूल में या किसी अन्य जगह आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेना चाहते हैं और छठ पूजा पर भाषण देना चाहते हैं तो यहां आपकी सहायता के लिए 100, 200 और 300 शब्दों में दिए गए छठ पूजा पर भाषण प्रारूप प्रस्तुत किये जा रहे हैं। आप अपनी सुविधा के अनुसार इनसे मदद ले सकते हैं।
अब हम छठ पूजा पर 3 भाषण प्रस्तुत कर रहे हैं। ये छठ पर्व पर भाषण 100, 200 और 300 शब्दों में हैं। बच्चे इसे अपने स्कूल के कार्यक्रमों में प्रस्तुत कर सकते हैं।
100 शब्दों में छठ पूजा पर भाषण कैसे दें?
नमस्कार
यहां उपस्थित सभी अध्यापक और गणमान्य अतिथियों को मेरा नमस्कार! आज मैं अनन्या यहां छठ पूजा के पावन अवसर पर कुछ बोलने के लिए उपस्थित हुई हूं। छठ पूजा एक बहुत ही पवित्र त्योहार है। इसे भारत के कई हिस्सों में उत्साह के साथ मनाया जाता है। हालांकि यह मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में मनाया जाता है। इस त्योहार में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है। यह पर्व चार दिनों तक चलता है। छठ पर्व के दौरान नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य शामिल हैं। छठ पूजा में लोग उपवास रखते हैं और डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। इस पर्व में श्रद्धालु शुद्धता और पवित्रता का पालन करते हैं और अपने परिवार की खुशहाली की कामना करते हैं। छठ पूजा का महत्व हमें प्रकृति और सूर्य देव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है।
धन्यवाद !
200 शब्दों में छठ पूजा पर भाषण कैसे दें?
सभी को नमस्ते
आज छठ पर्व के शुभ अवसर पर मुझे बहुत खुशी हो रही है कि आप सबके सामने छठ पूजा के त्योहार पर मुझे कुछ बोलने का अवसर मिला है। छठ पूजा भारतीय संस्कृति का एक प्राचीन और महत्वपूर्ण पर्व है। प्राचीन इसलिए क्योंकि छठी मैया की उपासना और छठ पर्व मनाने का उल्लेख रामायण और महाभारत में भी किया गया है।
आज छठ पर्व का त्योहार मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के लोगों द्वारा मनाया जाता है। यह त्योहार सूर्य देव और छठी मैया की आराधना का पर्व है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है। इस दिन भक्त शुद्ध भोजन ग्रहण करते हैं। इसके बाद खरना के दिन व्रती उपवास करते हैं और शाम को पूजा करते हैं। तीसरे दिन संध्या अर्घ्य के रूप में डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाता है।
छठ के अंतिम दिन उषा अर्घ्य में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसक साथ ही छठ पूजा संपन्न होती है। यह पर्व हमें प्रकृति और सूर्य के प्रति आभार व्यक्त करने का संदेश देता है। इसके साथ ही छठ पूजा में भक्ति गीतों का भी विशेष महत्व होता है। छठ के गीत वातावरण को और भी पवित्र बना देते हैं। इस पूजा के दौरान व्रती पूरे नियम और संयम का पालन करते हैं और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
धन्यवाद!
300 शब्दों में छठ पूजा पर भाषण कैसे दें?
सुप्रभात,
आज छठ पूजा के इस पवित्र त्योहार को मनाने और इसके महत्व को जानने के लिए हम सब यहां एकत्र हुए हैं। मैं आज बहुत खुश हूं कि मुझे छठ पर्व पर देवी षष्ठी या छठी मैया और इस त्योहार के बारे में दो शब्द कहने का मौका मिला है।
कई राज्यों में अब छठ पूजा केवल हिंदूओं द्वारा ही नहीं बल्कि अन्य धर्म के लोगों द्वारा भी मनाया जाता है। इससे हमें अपनी संस्कृति के भी विविध होने की पहचान मिलती है। कहा जाता है कि छठ पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ क्षेत्रों में बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। लेकिन बदलते समय में छठी मैया की कृपा पाने के लिए देश-विदेश के कई लोगों द्वारा छठ पर्व पर व्रत रखा जाता है।
छठ का त्योहार सूर्य देवता और छठी मैया की पूजा के रूप में मनाया जाता है। यह जो चार दिनों तक चलता है। यह पर्व प्रकृति और मानव के बीच के संबंध को दर्शाता है। इसमें सूर्य देव की पूजा उनके जीवनदायी ऊर्जा और प्रकाश के लिए की जाती है। छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय से होती है, जब व्रती शुद्धता के साथ स्नान करके शुद्ध भोजन करते हैं। इसके बाद दूसरे दिन खरना के रूप में व्रत रखा जाता है और रात को पूजा की जाती है।
तीसरे दिन व्रती डूबते हुए सूर्य को संध्या अर्घ्य अर्पित करते हैं। यह अर्घ्य सूर्यास्त के समय दिया जाता है, जो इस पूजा का महत्वपूर्ण भाग होता है। चौथे और अंतिम दिन, उगते सूर्य को उषा अर्घ्य अर्पित किया जाता है, जिससे व्रत का समापन होता है। छठ पूजा के दौरान महिलाएं विशेष उपवास करती हैं और छठी मैया से संतान सुख, उनके स्वास्थ्य और पूरे परिवार की समृद्धि की कामना करती हैं। यह पर्व केवल एक धार्मिक उत्सव ही नहीं है, बल्कि यह हमें संयम, धैर्य और समर्पण सिखाता है।
धन्यवाद!