दशहरा, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, जब भगवान राम ने रावण का वध किया था और देवी दुर्गा ने महिषासुर का अंत किया था। हर साल दशहरे पर रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाता है, जो बुराई का नाश दर्शाता है।
2024 में यह त्योहार 12 या 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा, और लोग यह जानने के इच्छुक हैं कि इस बार रावण दहन का सही शुभ मुहूर्त क्या है।
2024 में दशहरे की तारीख: 12 या 13 अक्टूबर?
दशहरा हर साल अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। 2024 में यह तिथि 12 अक्टूबर से शुरू होगी और 13 अक्टूबर को समाप्त होगी। इस वजह से, दशहरे को लेकर भ्रम की स्थिति है कि इसे 12 अक्टूबर को मनाया जाए या 13 अक्टूबर को।
दशमी तिथि का समय:
- दशमी तिथि प्रारंभ: 12 अक्टूबर 2024, सुबह 10:59 बजे
- दशमी तिथि समाप्त: 13 अक्टूबर 2024, शाम 09:08 बजे
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दशहरे का पर्व दशमी तिथि के दिन सूर्योदय के बाद मनाया जाता है। 2024 में दशमी तिथि 12 अक्टूबर तय की गई है।
रावण दहन का शुभ मुहूर्त
दशहरे पर रावण दहन का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान राम द्वारा रावण का वध किए जाने का प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। रावण दहन के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना आवश्यक होता है ताकि इस आयोजन का सही फल मिल सके।
2024 में रावण दहन का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:
- शुभ मुहूर्त: 12 अक्टूबर 2024, सूर्यास्त के बाद से रात 10:33 बजे तक
इस मुहूर्त में रावण का दहन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दौरान विधिपूर्वक रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाता है।
दशहरा पर्व का महत्व
दशहरा सिर्फ रावण दहन या अच्छाई की बुराई पर जीत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन में नैतिकता, धर्म और सत्य के महत्व को भी रेखांकित करता है। यह पर्व हमें सिखाता है कि कितनी भी शक्तिशाली बुराई क्यों न हो, अंततः जीत सत्य और धर्म की होती है। भगवान राम का चरित्र हमें कर्तव्य, धैर्य और मर्यादा का पालन करने की प्रेरणा देता है।
दशहरा एकता, साहस और नैतिक मूल्यों का त्योहार है, और इसे पूरे भारत में बड़े हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। खासकर उत्तर भारत में रावण दहन का आयोजन बड़े स्तर पर होता है, जिसमें लोग अपने परिवारों के साथ इस अद्भुत दृश्य का आनंद लेते हैं।
दशहरा का यह पर्व हमें याद दिलाता है कि सद्गुणों का पालन करते हुए हम अपने जीवन की बुराइयों को पराजित कर सकते हैं।