Dr APJ Abdul Kalam Jayanti 2024: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जयंती हर साल 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाई जाती है। इस दिन भारत के सभी स्कूल, कॉलेज में एपीजे अब्दुल कलाम जयंती मनाने के लिए कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जैसे कि निबंध लेखन। आज के इस लेख में हम गांधी जयंती पर कक्षा 1, 3 और 5 के लिए निंबध लेकर आए हैं।
APJ Abdul Kalam Essay for Class 1 Students
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम एक महान वैज्ञानिक और भारत के 11वें राष्ट्रपति थे। उनका पूरा नाम अबुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। वे एक साधारण परिवार से थे, लेकिन अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने बहुत ऊंचाइयां हासिल कीं। डॉ. कलाम को "मिसाइल मैन" के नाम से भी जाना जाता है। वे बच्चों से बहुत प्यार करते थे और हमेशा उन्हें बड़े सपने देखने और मेहनत करने की सलाह देते थे। 27 जुलाई 2015 को उनका निधन हो गया, लेकिन उनकी शिक्षाएं हमें आज भी प्रेरित करती हैं।
APJ Abdul Kalam Essay for Class 3 Students
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत के एक महान वैज्ञानिक और नेता थे। उनका पूरा नाम अबुल पकिर जैनुलआबदीन अब्दुल कलाम था। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम नामक छोटे से गाँव में हुआ था। उनका परिवार साधारण था, और उन्होंने बहुत मेहनत करके अपनी पढ़ाई पूरी की।
डॉ. कलाम को "मिसाइल मैन" के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि उन्होंने भारत के मिसाइल कार्यक्रम में बहुत महत्वपूर्ण काम किया। उन्होंने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई मिसाइलें और विज्ञान परियोजनाएँ विकसित कीं।
2002 से 2007 तक डॉ. कलाम भारत के राष्ट्रपति रहे। वे बहुत ही सरल और ईमानदार व्यक्ति थे। राष्ट्रपति बनने के बाद भी वे बच्चों और छात्रों से मिलना बहुत पसंद करते थे। उनका मानना था कि बच्चे देश का भविष्य हैं और उन्हें अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए।
डॉ. कलाम का जीवन बहुत प्रेरणादायक था। वे हमेशा मेहनत, ईमानदारी और देश की सेवा में विश्वास करते थे। उनका सपना था कि भारत एक मजबूत और विकसित देश बने। 27 जुलाई 2015 को उनका निधन हुआ, लेकिन उनकी शिक्षाएं और आदर्श हमेशा हमारे साथ रहेंगे।
APJ Abdul Kalam Essay for Class 5 Students
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता नाव बनाने का काम करते थे और मां गृहिणी थीं। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, लेकिन कलाम जी ने अपनी पढ़ाई में कड़ी मेहनत की। उन्हें बचपन से ही विज्ञान और गणित में बहुत रुचि थी।
डॉ. कलाम ने भौतिकी और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में काम किया। उन्होंने भारत के मिसाइल कार्यक्रम में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया, इसलिए उन्हें "मिसाइल मैन" कहा जाता है। भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान (SLV-III) का सफलतापूर्वक निर्माण उनकी देखरेख में हुआ था।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे। राष्ट्रपति बनने के बाद भी वे हमेशा छात्रों से जुड़े रहे और उन्हें प्रेरित करते रहे। उनका मानना था कि भारत का भविष्य उसके युवाओं और छात्रों पर निर्भर करता है। उन्होंने हमेशा बच्चों से बड़े सपने देखने और कड़ी मेहनत करने की सलाह दी।
डॉ. कलाम ने कई किताबें लिखीं, जिनमें "विंग्स ऑफ फायर" और "इंडिया 2020" बहुत प्रसिद्ध हैं। वे एक सादा जीवन जीने वाले और विनम्र व्यक्ति थे। 27 जुलाई 2015 को आईआईएम शिलांग में छात्रों को संबोधित करते समय उनका निधन हो गया।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन हमें यह सिखाता है कि मेहनत, लगन, और ईमानदारी से हम अपने जीवन में बड़े लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।