दिवाली भारत का सबसे प्रमुख और खास त्योहार है, जिसे देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार सिर्फ रोशनी, मिठाइयों और पटाखों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व भी है।
हर साल दिवाली के अवसर पर स्कूलों में निबंध प्रतियोगिताएं होती हैं, जिसमें छात्रों से इस विषय पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है। कक्षा 9वीं और 11वीं के छात्रों के लिए एक प्रभावी निबंध लिखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि इसे न केवल जानकारीपूर्ण होना चाहिए, बल्कि भाषा और शैली भी सरल और सुगम होनी चाहिए। आइए जानें कि दिवाली पर निबंध कैसे लिखा जा सकता है।
निबंध की संरचना (Essay Structure)
निबंध लिखते समय ध्यान रखें कि इसकी संरचना सुव्यवस्थित और स्पष्ट होनी चाहिए। इसके तीन मुख्य भाग होते हैं:
परिचय (Introduction): निबंध की शुरुआत दिवाली के महत्त्व, इसकी तिथि और इसका ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए करें। यह बताएं कि दिवाली को क्यों मनाया जाता है और इसका हमारे जीवन में क्या स्थान है।
उदाहरण:
"दिवाली, जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, भारत का सबसे प्रमुख त्योहार है। यह रोशनी और खुशियों का पर्व है, जो अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। हिंदू धर्म के अनुयायी इसे भगवान राम के अयोध्या वापसी के उपलक्ष्य में मनाते हैं। दिवाली का यह त्योहार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है।"
मुख्य भाग (Body): इस खंड में त्योहार से जुड़े विभिन्न पहलुओं को विस्तार से लिखें। दिवाली के पीछे की पौराणिक कहानियां, इस दिन की धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के बारे में बताएं। इसमें दिवाली के पांच दिनों - धनतेरस, नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा, और भाई दूज - का भी वर्णन किया जा सकता है। इसके अलावा, इस दिन किए जाने वाले कार्य जैसे घरों की साफ-सफाई, सजावट, पटाखों का महत्व, और सामाजिक सरोकारों पर भी चर्चा करें।
उदाहरण:
"दिवाली पांच दिनों तक चलने वाला पर्व है। पहले दिन 'धनतेरस' पर लोग सोने-चांदी और बर्तनों की खरीदारी करते हैं। दूसरे दिन 'नरक चतुर्दशी' पर घरों की सफाई और सजावट की जाती है। तीसरे दिन 'लक्ष्मी पूजन' होता है, जिसमें धन की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। चौथे दिन 'गोवर्धन पूजा' और पांचवें दिन 'भाई दूज' पर भाई-बहनों का रिश्ता मनाया जाता है। इस दौरान लोग एक-दूसरे से मिलते हैं, मिठाइयां बांटते हैं और खुशियां मनाते हैं।"
निष्कर्ष (Conclusion): निबंध का अंत दिवाली के सामाजिक और पर्यावरणीय पहलुओं पर चर्चा करके करें। छात्रों को पटाखों से होने वाले प्रदूषण और पर्यावरण की सुरक्षा पर विचार करने के लिए प्रेरित करें। साथ ही, दिवाली के असली संदेश - आपसी प्रेम, भाईचारे और सहिष्णुता - पर जोर दें।
उदाहरण:
"दिवाली न केवल एक धार्मिक त्योहार है, बल्कि यह समाज को एकजुट करने का भी संदेश देता है। हमें इस दिन का आनंद पटाखों के बिना भी ले सकते हैं ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके और पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके। असली दिवाली तब होती है जब हम गरीबों और जरूरतमंदों के जीवन में भी प्रकाश भरने का प्रयास करते हैं।"
निबंध लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें:
- सरल और स्पष्ट भाषा: भाषा सरल और सहज होनी चाहिए ताकि निबंध को पढ़ने और समझने में कोई कठिनाई न हो।
- वर्तनी और व्याकरण पर ध्यान: व्याकरण और वर्तनी की गलतियों से बचें, क्योंकि यह निबंध की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है।
- प्रासंगिक जानकारी: निबंध में वही जानकारी शामिल करें जो विषय से संबंधित हो और अनावश्यक जानकारी से बचें।
- पर्यावरणीय संदेश: दिवाली के पर्यावरणीय प्रभाव और पटाखों से होने वाले प्रदूषण के बारे में भी लिखें।
कक्षा 9वीं और 11वीं के छात्रों के लिए दिवाली पर निबंध लिखना एक महत्वपूर्ण अभ्यास है, जो न केवल उनकी लेखन क्षमता को सुधारता है, बल्कि उन्हें इस महत्वपूर्ण त्योहार के गहरे अर्थ और महत्व को समझने में भी मदद करता है। एक सटीक और सुव्यवस्थित निबंध न केवल अच्छे अंक दिला सकता है, बल्कि एक प्रभावी संदेश भी दे सकता है।