Difference Between Eid-ul-Fitr and Eid-ul-Adha: ईद उल-फित्र और ईद उल-अज़हा, दोनों ही इस्लामी त्योहार हैं जो मुसलमान समुदाय में बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। ये दोनों ही ईद और उनकी महत्वपूर्णता मुसलमानों के लिए अत्यधिक है।
ईद उल-फित्र:
ईद उल-फित्र, जिसे 'चांद रात' कहा जाता है, रमज़ान महीने के बाद आती है। यह त्योहार इस्लामी कैलेंडर के शाव्वाल माह के पहले या दूसरे दिन मनाया जाता है। इसे 'रोज़ा खुलने की ईद' भी कहा जाता है क्योंकि यह रमज़ान के महीने के रोज़े का अंत संकेत करता है। यह त्योहार खुशियों और आनंद का पर्व है, जिसमें मुसलमान लोग अपने दोस्तों, परिवार और पड़ोसियों के साथ मिलकर खुशियां मनाते हैं। लोग ईद के दिन नमाज़ पढ़कर आलाते हैं, जिसे 'नमाज़-ए-ईद' कहा जाता है। इसके बाद लोग एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद देते हैं और एक-दूसरे के साथ खाना खाते हैं। आमतौर पर, ईद उल-फित्र पर लोग ज़कात और सदका देते हैं, जो गरीबों और ज़रूरतमंदों की मदद के लिए होता है।
2024 में चांद रात कब है?
भारत समेत अन्य दक्षिण एशियाई देशों में 10 अप्रैल, 2024 बुधवार को मुसलमान रोजा रखेंगे। और फिर इफ्तार के बाद ईद के चांद का दिदार करेंगे। जिसके बाद गुरुवार यानी 11 अप्रैल 2024 को ईद मनाई जाएगी।
ईद उल-अज़हा:
ईद उल-अज़हा, जिसे 'कुर्बानी की ईद' भी कहा जाता है, इस्लामी कैलेंडर के धू अल-हिजजाह महीने के पहले या दूसरे दिन मनाया जाता है। यह ईद हज़ पर्व के दौरान अल्लाह की राह में कुर्बानी करने का स्मरण कराता है। यह त्योहार इब्राहीम (अब्राहम) के वफादारी और भगवान के आदेश का पालन करने के लिए मनाया जाता है, जिन्होंने अपने पुत्र इस्माईल (इशमाइल) की कुर्बानी की थी। ईद उल-अज़हा पर, मुसलमानों को जानवरों की कुर्बानी करने का हुक्म है। यह त्योहार अल्लाह को समर्पित होता है, और यह धार्मिक और सामाजिक धारणाओं का एक महत्वपूर्ण पर्व है। लोग ईद उल-अज़हा पर भी नमाज़ पढ़ते हैं और अपने दोस्तों और परिवार के साथ खाना खाते हैं।
2024 में बकरा ईद कब है?
साल 2024 में बकरीद का चांद 6 जून को देखा जाएगा। और बकरीद 16 या 17 जून को मनाई जाएगी। बकरीद मनाने की तिथि इस्लामी कैलेंडर के अनुसार ज़ु अल-हज्जा के दिनों पर निर्भर करती है।
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