PM Modi की मां हीराबेन का दैनिक जीवन सिखाता है ये 5 बड़ी बातें

नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी का 100 साल की उम्र में निधन हो गया। हीराबेन मोदी ने 30 दिसंबर 2022 को सुबह 3.30 बजे अंतिम सांस ली है। हीराबेन मोदी का जन्म 18 जून 1922 में हुआ था।

नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी का 100 साल की उम्र में निधन हो गया। हीराबेन मोदी ने 30 दिसंबर 2022 को सुबह 3.30 बजे अंतिम सांस ली है। हीराबेन मोदी का जन्म 18 जून 1922 में हुआ था। मात्र 15-16 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई थी। हीराबेन की कुछ दिन पहले तबीयत बिगड़ गई थी।जिसपर उन्हें अहमदाबाद के यूएन मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर में भर्ती कराया गया था।

PM Modi की मां हीराबेन का दैनिक जीवन सिखाता है ये 5 बड़ी बातें

हीराबेन का जन्म सन 1922 में गुजरात के मेहसाणा में हुआ था। उनकी शादी दामोदरदास मूलचंद मोदी से हुई थी। दामोदरदास मोदी चाय बेचते थे। शादी के बाद हीराबेन गुजरात के वडनगर में आ गई थीं,उनके प्रह्लाद मोदी के शब्दों में, श्मेरी मम्मी केवल 15-16 साल की थीं जब उनकी शादी हो गई थी।उनके 5 बेटे और 1 बेटी हुई।

उनकी संतानो में अमृत मोदी, पंकज मोदी, नरेंद्र मोदी, प्रह्लाद मोदी, सोमा मोदी और बेटी वसंती बेन हंसमुखलाल मोदी है। आर्थिक तंगी और पारिवारिक कारणो से उन्हें कभी पढ़ाई का मौका नहीं मिला।वह चाहती थीं कि उनके सभी बच्चे पढ़ाई करें। घर के हालात ऐसे नहीं थे कि फीस भर सके लेकिन, मां ने कभी भी पैसे उधार नहीं लिए।

उन्होंने इस बात का ख्याल रखा कि कुछ काम करके ही फीस भरी जाए।श् उनके मझले बेटे नरेंद्र मोदी ने वडनगर से सातवीं क्लास तक पढ़ाई की। नरेंद्र मोदी के पास केवल एक यूनिफॉर्म थी। जब वह फट जाती तो वह उसे सिल देती थीं। उनके बेटे प्रह्लाद मोदी बताते हैं कि, 'आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि हफ्ते में केवल पांच दिन बाजरे की रोटी और कढ़ी बनती थी।

सब्जी खरीदने के पैसे नहीं थे। छाछ तब मुफ्त में मिलती थी।' हीरा बेन बेहद धार्मिक रही और वह हमेशा कहती थी कि अपना जीवन देश की सेवा में लगाना चाहिए। वह पढ़ी-लिखी नहीं थी लेकिन, उनके पति उन्हें धार्मिक किताबें पढ़ने के लिए देते थे। वह पूरा दिन काम करती थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काम करने की प्रेरणा मां से ही मिली, ऐसा उनके भाइयों का मानना है।'

हाटकेश्वर महादेव मंदिर के महाराज षष्टी निरंजनसिंह रावल ने कहा कि वह शिवरात्रि और सावन में नियमित मंदिर आती थीं। वह पूजा करती थीं और पुजारी जी को भी आशीर्वाद देती थीं। नरेंद्र मोदी समेत उनकी 6 संतानें है, गरीबी में उन्होंने अपने बच्चों की परवरिश की। वे अपने बचपन से बुढ़ापे तक हमेशा काफी एक्टिव रहीं। आमजन की तरह ही लाइनों में लगना, वोट डालने जाना और अपना खाना भी स्वयं बनाना उन्हें बहुत भाता था।

हीराबेन तब सुर्खियों में आईं, जब वे नोटबंदी के समय एटीएम की कतार में खड़ी नजर आईं। उन्होंने कोविड-19 का टीका भी लगवाया व अन्य बुजुर्गों को टीका-विरोधी अफवाहों के बीच हीराबेन ने टीका लगवाने के लिए प्रेरित भी किया। 18 जून सन 2022 को हीराबेन का 100वां जन्मदिन मनाया गया था। तब नरेंद्र मोदी ने अपनी मां के जन्म से लेकर सारे वृतांत लिखे।

मोदी ने ब्लॉग पर लिखा था-'मैं अपनी खुशी, अपना सौभाग्य, आप सबसे साझा करना चाहता हूं। मेरी मां, हीराबा 18 जून को अपने 100वें साल में प्रवेश कर रही हैं। यानि उनका जन्म शताब्दी वर्ष प्रारंभ हो रहा है। पिताजी होते, तो पिछले सप्ताह वो भी 100 वर्ष के हो गए होते। उन्होंने वीडियो भी शेयर किया जिसमें उनके पिताजी की तस्वीर कुर्सी पर रखी है, भजन कीर्तन चल रहा है और मां मगन होकर भजन गा रही हैं, मंजीरा बजा रही हैं। उस समय तक उनकी मन की ऊर्जा यथावत थी,हालांकि तन की ऊर्जा कम हो गई थी।' इसी साल गुजरात विधानसभा चुनाव-2022 के लिए मतदान के दूसरे चरण में गुजरात की राजधानी गांधीनगर के पास रायसन गांव में उन्होंने अपना आखिरी वोट डाला था।

मां हीराबेन के निधन पर उनके बेटे नरेंद्र मोदी ने लिखा-'शानदार शताब्दी का ईश्वर के चरणों में विराम... मां में मैंने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है, जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है।' उन्होंने कहा कि मैं जब उनसे 100वें जन्मदिन पर मिला तो उन्होंने एक बात कही थी, जो हमेशा याद रहती है कि काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से।'

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English summary
Heeraben was born in 1922 in Mehsana, Gujarat. She was married to Damodardas Mulchand Modi. Damodardas Modi used to sell tea. After marriage Hiraben came to Vadnagar in Gujarat, in the words of her Prahlad Modi, my mother was only 15-16 years old when she got married. They had 5 sons and 1 daughter.His children include Amrit Modi, Pankaj Modi, Narendra Modi, Prahlad Modi, Soma Modi and daughter Vasantiben Hansmukhlal Modi. She never got a chance to study due to financial constraints and family reasons. She wanted all her children to study. The circumstances of the house were not such that they could pay the fees, but the mother never borrowed money.
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