Chhoti Diwali Essay 2024 in Hindi: दीपावली, भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है, जो पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। दीवाली का त्योहार पांच दिनों का होता है, और इसमें "छोटी दीवाली" एक विशेष दिन होता है जिसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है।
आज के इस लेख में हम "छोटी दीपावली" पर 150, 300 और 500 शब्दों के निबंध लेकर आएं हैं।
150 शब्दों में छोटी दीवाली पर निबंध
छोटी दीवाली, जिसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है, दिवाली के एक दिन पहले मनाई जाती है। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा राक्षस नरकासुर का वध करने की स्मृति में मनाया जाता है। मान्यता है कि नरकासुर का अंत कर भगवान ने संसार को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी। इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं, जिसे 'अभ्यंग स्नान' कहते हैं। इसके बाद घर की सफाई और सजावट की जाती है। दीप जलाकर घर के हर कोने को रोशन किया जाता है। छोटी दीवाली पर मिठाई और पकवान बनाए जाते हैं और परिवार के साथ मिलकर त्योहार का आनंद लिया जाता है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।
300 शब्दों में छोटी दीवाली पर निबंध
छोटी दीवाली का पर्व, जिसे नरक चतुर्दशी भी कहते हैं, दीवाली के अगले दिन धनतेरस के बाद और मुख्य दीवाली के एक दिन पहले आता है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय और पवित्रता का प्रतीक है। इस दिन का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व भी है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। नरकासुर के आतंक से मुक्त होने के कारण इस दिन को नरक चतुर्दशी के रूप में भी जाना जाता है।
छोटी दीवाली पर लोग सुबह जल्दी उठकर अभ्यंग स्नान करते हैं। यह स्नान शरीर को शुद्ध करने का प्रतीक माना जाता है। इसके बाद लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, रंगोली बनाते हैं, और दीयों से घरों को सजाते हैं। इस दिन घर के हर कोने में दीप जलाना शुभ माना जाता है। परिवार के लोग मिलकर एक साथ पूजा करते हैं और मिठाइयाँ और पकवान बाँटते हैं।
छोटी दीवाली का यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह त्योहार हमें यह सिखाता है कि बुराई चाहे कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः अच्छाई की विजय होती है। लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं और मिलकर खुशी मनाते हैं। इस दिन का महत्व दीपावली की ख़ुशियों का आरंभिक स्वरूप है।
500 शब्दों में छोटी दीवाली पर निबंध
भारत में मनाए जाने वाले त्योहारों में दीपावली का विशेष स्थान है, और यह पांच दिनों का त्योहार विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के अनुसार मनाया जाता है। इन पाँच दिनों में "छोटी दीवाली" एक महत्वपूर्ण दिन होता है, जो दीवाली के ठीक एक दिन पहले आता है। इसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है, जो हमें बुराई पर अच्छाई की विजय और पवित्रता का संदेश देता है।
छोटी दीवाली का महत्व भगवान श्रीकृष्ण की उस कथा से जुड़ा हुआ है, जिसमें उन्होंने राक्षस नरकासुर का वध किया था। नरकासुर ने अपनी क्रूरता और अत्याचार से सभी को भयभीत कर रखा था। उसके आतंक से पृथ्वी पर अराजकता फैल गई थी। भगवान श्रीकृष्ण ने उसे पराजित कर प्रजा को उसके आतंक से मुक्त किया। इस विजय की स्मृति में छोटी दीवाली का पर्व मनाया जाता है। यह दिन दर्शाता है कि बुराई चाहे कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः उसका अंत निश्चित है।
इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर अभ्यंग स्नान करते हैं, जो शरीर और मन की शुद्धता का प्रतीक है। इसके बाद घर की सफाई और सजावट की जाती है, और रंगोली बनाई जाती है। घरों को दीयों से सजाया जाता है और परिवार के सदस्य मिलकर पूजा करते हैं। छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी इस त्योहार में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हैं। इस दिन खासकर मिठाइयाँ और पकवान बनाए जाते हैं, जिन्हें लोग अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों में बाँटते हैं।
छोटी दीवाली हमें समाज में सद्भावना, प्रेम और एकता का संदेश देती है। यह पर्व एक नई शुरुआत और खुशियों का प्रतीक है।