छठ पूजा भारतीय संस्कृति में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र त्योहार है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के मधेश क्षेत्र में मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देव और छठी मइया की आराधना के लिए समर्पित है।
चार दिनों तक चलने वाला छठ पूजा का यह त्योहार शुद्धता, सामूहिकता और भक्ति का प्रतीक है। इसमें लोग सूर्य की ऊर्जा और जीवनदायिनी शक्ति के प्रति अपनी श्रद्धा और आभार प्रकट करते हैं। इस पर्व के दौरान भक्त कठिन व्रत रखते हैं, नदी या तालाब के किनारे सूर्य को अर्घ्य देते हैं और परिवार एवं समाज के साथ मिलकर इसे मनाते हैं।
यहां हम छात्रों के लिए छठ पूजा पर 100, 200 और 300 शब्दों में निबंध लेकर आएं है-
छठ पूजा पर 100 शब्दों में निबंध
छठ पूजा एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जो सूर्य देव और छठी मइया की पूजा के लिए मनाया जाता है। इसे चार दिनों तक मनाया जाता है। पहले दिन को नहाय-खाय कहा जाता है, जिसमें लोग पवित्र स्नान करके सात्विक भोजन करते हैं। दूसरे दिन खरना होता है, जिसमें गुड़ की खीर और रोटी का प्रसाद चढ़ाया जाता है। तीसरे दिन संध्या अर्घ्य में डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का समापन होता है। छठ पूजा भक्तों के लिए एकता, शुद्धता और आध्यात्मिकता का संदेश देती है।
छठ पूजा पर 200 शब्दों में निबंध
छठ पूजा सूर्य देवता और छठी मइया की आराधना का पर्व है, जो चार दिनों तक चलता है। इस पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है, जिसमें घर की सफाई और शुद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। पहले दिन सात्विक भोजन और पवित्र स्नान किया जाता है। दूसरे दिन खरना मनाया जाता है, जिसमें व्रती उपवास रखकर गुड़ की खीर और रोटी का प्रसाद ग्रहण करते हैं। तीसरे दिन संध्या अर्घ्य के रूप में नदी या तालाब किनारे डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर व्रत का समापन होता है।
इस पर्व में ठेकुआ, फलों और मिठाइयों का प्रसाद चढ़ाया जाता है, जिसे पूरी श्रद्धा से तैयार किया जाता है। छठ पूजा न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह सामाजिक एकता और सामूहिकता को भी बढ़ावा देता है, जिसमें जाति-पात का भेदभाव नहीं होता। यह पर्व हमें सूर्य की ऊर्जा का सम्मान करना सिखाता है, जो जीवन का आधार है।
छठ पूजा पर 300 शब्दों में निबंध
छठ पूजा भारतीय संस्कृति और आस्था का एक विशेष पर्व है। यह पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है और इसे सूर्य देव और छठी मइया को समर्पित किया गया है। इस पर्व की शुरुआत कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि से होती है और चार दिनों तक चलता है। पहले दिन को नहाय-खाय के नाम से जाना जाता है, जिसमें लोग पवित्र स्नान करके सात्विक भोजन करते हैं। दूसरे दिन खरना मनाया जाता है, जिसमें व्रती पूरे दिन उपवास रखते हैं और शाम को गुड़ की खीर और रोटी का प्रसाद ग्रहण करते हैं। तीसरे दिन संध्या अर्घ्य के रूप में डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है।
छठ पूजा में ठेकुआ और विभिन्न प्रकार के प्रसाद चढ़ाए जाते हैं, जो भक्तों की भक्ति और समर्पण को दर्शाते हैं। यह पर्व धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें सभी लोग जाति और धर्म से परे एकत्र होकर पूजा करते हैं, जिससे समाज में एकता और सामूहिकता की भावना प्रबल होती है। छठ पूजा न केवल धार्मिक परंपराओं का पालन है, बल्कि यह प्रकृति और जीवनदायिनी शक्ति के प्रति सम्मान व्यक्त करने का एक अद्वितीय माध्यम है।