पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन प्रोजेक्ट मैनजमेंट 1 साल की अवधि का पोस्ट ग्रेजुएट लेवल का डिप्लोमा कोर्स है जो कि प्लेनिंग, एग्जीक्यूशन और प्रोजेक्ट के लक्ष्य को हासिल करने से संबंधित विषयों पर केंद्रित है। इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री होने के साथ-साथ संबंधित क्षेत्र में कम से कम दो साल का कार्य अनुभव भी होना चाहिए।
किसी भी बिजनेस में काम करने के लिए उसे आगे बढ़ाने के लिए समय-समय पर नए प्रोजेक्ट बनाए जाते हैं कि कब, कैसे और क्या काम किया जाना चाहिए। जिसके लिए हर कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर को हायर किया जाता है और प्रोजेक्ट मैनेजर बनने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट का कोर्स किया जाता है। तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीजीडी इन प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कोर्स के बारे में विस्तार से बताते हैं।
भारत में, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कोर्स में एडमिशन एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर नहीं बल्कि मेरिट लिस्ट के आधार पर किया जाता है। प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कोर्स के लिए औसत फीस 1 वर्ष के लिए 1,00,000 से 10,00,000 तक के बीच हो सकती है। प्रोजेक्ट मैनेजमेंट का डिप्लोमा कोर्स पूरा करने के बाद उम्मीदवार जॉब के लिए मैन्यूफेक्चरिंग इंडस्ट्री, कंस्ट्रक्शन और इंजीनियरिंग कंपनियां, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनियां, स्वास्थ्य सेवा आदि क्षेत्र में प्रोजक्ट कंट्रोल एग्जीक्यूटिव, प्रोजेक्ट लीडर, प्रोजेक्ट मैनेजर, प्रोजेक्ट इंजीनियर आदि के रूप में काम कर सकते हैं।
पीजी डिप्लोमा इन प्रोजेक्ट मैनेजमेंट: एलिजिबिलिटी
इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए अधिकतर यूनिवर्सिटी में सामान्य एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया निम्नानुसार होता है।
- इच्छुक उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या संस्थान से किसी भी क्षेत्र में ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
- उम्मीदवार के ग्रेजुएशन की डिग्री में कम से कम 55% अंक होना आवश्यक है।
- जबकि रिजर्व कैटेग्री के लिए 5% अंक की अतिरिक्त छूट मिलती है।
- मुख्यत: इस कोर्स में इंजीनियरिंग की डिग्री वाले उम्मीदवार एडमिशन के लिए एप्लाई कर सकते हैं लेकिन अन्य डिग्री वाले भी उम्मीदवार इस कोर्स के लिए एप्लाई कर सकते हैं बस उनके पास कम से कम 2 से 4 साल का कार्य अनुभव होना चाहिए।
पीजी डिप्लोमा इन प्रोजेक्ट मैनेजमेंट: एडमिशन 2022
- इस कोर्स में एडमिशन आमतौर पर अधिकतर यूनिवर्सिटी में मेरिट लिस्ट के आधार पर होता है।
- मेरिट लिस्ट उम्मीदवारों के ग्रेजुएशन डिग्री और इंट्रव्यू व ग्रूप डिस्कशन राउंट के अंकों के आधार पर जारी की जाती है।
- मेरिट लिस्ट में नाम आने के बाद उम्मीदवारों फीस सबमिट कर अपनी सीट रिजर्व करनी होती है।
- इस कोर्स को प्रदान करने वाले प्रत्येक यूनिवर्सिटी अपनी स्वयं की मेरिट लिस्ट जारी करता है।
एडमिशन लेने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का उल्लेख निम्नलिखित है:
- यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और लॉगइन करें।
- लॉगइन करने के बाद दिए गए निर्देशों को अच्छी तरह से पढ़ने के बाद आवेदन पत्र भरें।
- आवेदन पत्र भरने के बाद मांगे गए आवश्यक दस्तावेज ठीक तरह से अपलोड करें।
- आवेदन पत्र जमा करने से पहले, आवेदन पत्र की ठीक से जांच करें।
- क्योंकि आवेदन पत्र में गलती होने पर रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जा सकता है।
- आवेदन पत्र जमा अपलोड करने के बाद रजिस्ट्रेशन फीस सबमिट करें।
एडमिशन के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- पेन कार्ड
- 10वीं, 12वीं, ग्रेजुएशन के सर्टिफिकेट
- जन्म प्रमाण पत्र
- डोमिसाइल
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन प्रोजेक्ट मैनेजमेंट: सिलेबस
सेमेस्टर 1
- प्रिंसिपल एंड प्रैक्टिस ऑफ मैनेजमेंट
- इंट्रोड्कशन टू प्रोजेक्ट मैनेजमेंट
- मैनेजमेंट इंफोरमेशन सिस्टम
- प्रोडक्शन/ऑपरेशन मैनेजमेंट
- प्रोजेक्ट मैनेजमेंट लीडरशिप
- प्रोजेक्ट स्कोप एंड टाइम मैनेजमेंट
सेमेस्टर 2
- प्रोजेक्ट स्कोप मैनेजमेंट
- ऑपरेशन स्ट्रेटिजी
- प्रोजेक्ट कोस्ट मैनेजमेंट
- प्रोजेक्ट शीड्यूल मैनेजमेंट
- प्रोजेक्ट फाइनेंशियल मैनेजमेंट
- प्रोजेक्ट एप्लाईड टेक्नॉलोजी
पीजी डिप्लोमा इन प्रोजेक्ट मैनेजमेंट: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
वर्तमान में भारत के कई संस्थान प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में पीजी डिप्लोमा का कोर्स प्रदान कर रहे हैं। हालांकि, उनमें से सबसे अधिक मांग वाले और टॉप 5 कॉलेज निम्नलिखित है:
- सिम्स पुणे - सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज- फीस: ₹ 72,600
- डीआईटी विश्वविद्यालय, देहरादून- फीस: ₹ 259,000
- नीटी मुंबई - राष्ट्रीय औद्योगिक इंजीनियरिंग संस्थान- शुल्क: ₹ 1,083,000
- करियर पॉइंट यूनिवर्सिटी, कोटा- फीस: ₹111,000
- एससीडीएल पुणे - सिम्बायोसिस सेंटर फॉर डिस्टेंस लर्निंग- फीस: ₹ 55,000
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन प्रोजेक्ट मैनेजमेंट: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में पीजी डिप्लोमा वाले उम्मीदवार विभिन्न क्षेत्रों में काम कर सकते हैं। वे एक टीम लीडर बन कर सकते हैं, एक टीम कॉर्डिनेटर का काम कर सकते हैं, एक टीम के साथ एक प्रोजेक्ट प्लेनिंग के लिए काम कर सकते हैं, प्रोडक्शन डेवलपमेंट का काम करा सकते हैं। बता दें कि प्रोजेक्ट मैनेजर प्रोजेक्ट का बजट मैनेज करते हैं, प्रोजेक्ट को डेवलप करने की योजना बनाते हैं और उसकी निगरानी करते हैं, प्रोजेक्ट के लिए एक समयरेखा विकसित करते हैं और प्रोजेक्ट की तकनीकी आवश्यकताओं को निर्धारित करते हैं।
- प्रोजेक्ट मैनेजर- सालाना औसत सैलरी (10,00,000)
- प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर- सालाना औसत सैलरी (5,00,000)
- प्रोडक्ट मैनेजर- सालाना औसत सैलरी (16,00,000)