भारत में लॉ सबसे प्रचलित कोर्स में से एक माना जाता है। 12वीं कक्षा पास करने के बाद बहुत से छात्र लॉ डिग्री प्राप्त करने के लिए एलएलबी में एडमिशन लेते हैं और फिर एलएलबी करने के बाद प्रैक्टिस के लिए किसी लॉ फर्म या नामी वकीलों के अंडर काम करने में जुट जाते हैं। लेकिन यदि कोई छात्र एलएलबी करने के बाद आगे पढ़ना की इच्छा रखता हो तो उसे क्या करना चाहिए? तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं एलएलबी या लॉ से ग्रेजुएशन करने के बाद छात्र लॉ में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा भी कर सकते हैं।
पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन लॉ (पीजीडी लॉ) 1 साल की अवधि का कोर्स है जो दुनिया की वास्तविक स्थितियों से निपटने से संबंधित है। इस डिप्लोमा कोर्स में एडमिशन लेने के लिए किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी 3 साल की लॉ डिग्री होना आवश्यक है। बता दें कि लॉ के सभी कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में फीस अलग-अलग होती है जो कि 13 हजार से लेकर 2लाख तक की हो सकती है।
पीजी डिप्लोमा लॉ में मूल रूप से लेबर लॉ, क्रिमिनोलॉजी आदि जैसे विषयों के बारे में पढ़ाया व सिखाया जाता है। इस कोर्स को करने के बाद छात्र लॉ फर्म या सरकारी वकील बनकर कोर्ट में काम कर सकते हैं। जहां उनका औसत वेतन पैकेज 3.6 लाख से 6 लाख प्रति वर्ष तक हो सकता है। साथ ही इस कोर्स को करने के बाद छात्र एलएलएम में हाई स्टडीज भी कर सकते हैं।
पीजी डिप्लोमा इन लॉ: एलिजिबिलिटी
इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए अधिकतर यूनिवर्सिटी में सामान्य एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया निम्नानुसार होता है।
- इच्छुक उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या संस्थान से लॉ में ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
- लॉ की ग्रेजुएशन डिग्री में कम से कम 50% अंक होने चाहिए।
- जबकि आरक्षित वर्ग के छात्रों के न्यूनतम 45% अंक होना आवश्यक है।
- इस कोर्स में किसी भी स्ट्रीम के छात्र एडमिशन ले सकते हैं।
पीजी डिप्लोमा इन लॉ: एडमिशन 2022
- भारत में पीजी डिप्लोमा इन लॉ में एडमिशन एंट्रेंस एग्जाम और मेरिट लिस्ट दोनों प्रकार से किया जाता है।
- एंट्रेंस एग्जाम लॉ से संबंधित उम्मीदवारों के ज्ञान का टेस्ट करने के लिए आयोजित किया जाता है।
- जबकि मेरिट लिस्ट उम्मीदवारों के ग्रेजुएशन के मार्क्स के आधार जारी की जाती है।
- इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए सबसे लोकप्रिय एग्जाम क्लेट और ऑल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट है जो कि राष्ट्रीय लेवल पर आयोजित किए जाते हैं।
- जिसके बाद शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवार की घोषणा रजिस्ट्रड मोबाइल नंबर या मेल आईडी पर की जाती है।
एडमिशन लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया का उल्लेख निम्नलिखित है:
- खुद को रजिस्ट्रड करने और लॉगिन क्रेडेंशियल प्राप्त करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- निर्देशों को अच्छी तरह से पढ़ने के बाद आवेदन पत्र भरें।
- मांगे गए आवश्यक दस्तावेज ठीक तरह से अपलोड करें।
- आवेदन पत्र जमा करने से पहले, आवेदन पत्र की ठीक से जांच करें।
- रजिस्ट्रेशन फीस सबमिट करें।
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन लॉ: एंट्रेंस एग्जाम
- सीएलएटी पीजी (क्लेट पीजी)
- एआईएलईटी (ऑल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट)
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन लॉ: सिलेबस
पीजी डिप्लोमा इन लॉ एक साल की अवधि का कोर्स है जिसे 2 सेमेस्टर में विभाजित किया गया है। इस कोर्स में निम्नलिखित विषयों के बारे में पढ़ाया जाता है।
- फैमिली लॉ
- क्रिमिनोलॉजी
- पब्लिक इंटरनेशनल लॉ
- कॉन्स्टिट्यूशनल लॉ
- लेबर लॉ
पीजी डिप्लोमा इन लॉ: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- मुंबई विश्वविद्यालय, मुंबई- फीस (8,000)
- जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर- फीस (8,000)
- ओपीजेएस विश्वविद्यालय, चुरू- फीस (31,200)
- सीयू शाह विश्वविद्यालय, वाधवान- फीस (29,600)
- अदानी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट, अहमदाबाद- फीस (4.30 लाख)
- राधा गोविंद विश्वविद्यालय, रामगढ़- फीस (43,000)
- महाराजा कृष्णकुमारसिंहजी भावनगर विश्वविद्यालय, भावनगर- फीस (7,200)
- केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय, कासरगोड- फीस (13,660)
- रैफल्स यूनिवर्सिटी, स्कूल ऑफ लॉ, अलवर- फीस (1.04 लाख)
- हिमालयन विश्वविद्यालय, ईटानगर