Border Roads Organization Day 2023: भारत में हर साल 7 मई को सीमा सड़क संगठन दिवस मनाया जाता है। जिसका गठन 7 मई 1960 को किया गया था। इस दिन का मुख्य उद्देश्य भारत की सीमाओं के दूरस्थ क्षेत्रों और भारत के उत्तर और पूर्वोत्तर राज्यों में बुनियादी ढांचे का विकास करना है।
बता दें कि भारतीय सीमा सड़क संगठन 2015 से रक्षा मंत्रालय के नियंत्रण में कार्य करता है। यह निकाय भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। यह संगठन देश के सीमावर्ती क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे के विकास में समान रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
गौरतलब है कि बीआरओ की सबसे बड़ी अवसंरचनात्मक उपलब्धियों में से एक हिमाचल प्रदेश में निर्मित सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग का निर्माण है, जिसका नाम पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में अटल सुरंग का रखा गया है।
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) क्या है?
बीआरओ एक आधुनिक और अंतर्राष्ट्रीय निर्माण संगठन है जो भारतीय सशस्त्र बलों की सामरिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। ढांचागत विकास को बढ़ाने में संगठन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सीमा सड़क संगठन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें निम्नलिखित है।
- प्रारंभ में, बीआरओ सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन कार्यरत था। लेकिन 2015 से इसका प्रबंधन रक्षा मंत्रालय के तहत किया जा रहा है।
- बीआरओ 21 भारतीय राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में कार्यरत है। लेकिन, हमारे मित्र देशों जैसे अफगानिस्तान, भूटान, म्यांमार और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों में भी कार्यात्मक है।
- सीमा सड़क संगठन का गठन 7 मई, 1960 को सीमाओं के पास स्थित उत्तर और उत्तर पूर्व के भारतीय दूरस्थ क्षेत्रों को बनाए रखने और विकसित करने के लिए किया गया था।
- बीआरओ स्थापना दिवस हर साल 7 मई को मनाया जाता है।
- बीआरओ में जून 2018 को लेफ्टिनेंट जनरल संजीव कुमार श्रीवास्तव ने महानिदेशक का पद संभाला और वे इस संगठन की संरचना में भारतीय सेना के कोर ऑफ़ इंजीनियर्स, आर्मी सर्विस कॉर्प्स, मिलिट्री पुलिस और अन्य कर्मियों से चुने गए अधिकारी और सैनिक शामिल हैं।
- यूपीएससी आईईएस (भारतीय इंजीनियरिंग सेवा) के माध्यम से चुने गए उम्मीदवारों को इस संगठन में नियुक्त किया जाता है।