भारतीय सेना हमसभी का गौरव है, हमारा गर्व है और हम सभी उनके ऋणि हैं, जो सरहदों पर पहरा देकर हमारी रक्षा करते हैं। जाहिर है आप सेना के पास हथियारों से भी वाकिफ होंगे। अगर नहीं तो भारतीय सेना में इस्तेमाल होने वाले हथियारों के बारे में तो जानना बनता है। तो चलिए हम आपको बतायेंगे कि भारतीय सेना के पास कितने रॉकेट हैं, कितनी मिसलें और कितनी आर्टिलरी गन।
भारतीय सेन दिवस के अवसर पर हर साल देश भर में विभिन्न समारोह और उत्सवों का आयोजन किया जाता है, जिसमें सैनिकों की परेड और रैली शामिल है। इसके अलावा, भारतीय सेना स्कूल और कॉलेजों में भी विभिन्न कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिससे युवा पीढ़ी में भारतीय सेना के प्रति समर्पण की भावना जागृत होती है।
बता दें कि भारतीय सेना इस साल 2024 में अपना 76वां सेना दिवस उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मनाएगी। दरअसल, आजादी के बाद ऐसा दूसरी बार है जब सेना दिवस राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से बाहर आयोजित किया जा रहा है।
15 जनवरी को क्यों मनाया जाता है भारतीय सेना दिवस?
भारतीय सेना दिवस 15 जनवरी को इसलिए मनाया जाता है क्योंकि 15 जनवरी 1949 को पहली बार ब्रिटिश सैन्य अधिकारी से भारतीय सैन्य अधिकारी को कमांडर-इन-चीफ़ का पद मिला था। भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ़ फील्ड मार्शल केएम करियप्पा थे, जिन्होंने जनरल सर फ्रांसिस बुचर से यह पदभार ग्रहण किया था।
खैर, ये तो रही भारतीय सेना दिवस की बात अब बात करते हैं कि भारतीय सेना की ताकत क्या है? भारतीय सेना में कितनी तोपें हैं? कितने रॉकेट है? और कितने परमाणु हथियार है?
भारतीय सेना की ताकत क्या है? (Strength of Indian Army)
भारतीय सेना दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सेना है। जिसके सैनिकों की गिनती दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सैनिकों में होती है।
भारतीय सेना में कुल कितने सैनिक है?
https://static.mygov.in/ पर दिए गए 2021 डेटा के मुताबिक, भारत के पास कुल 14 लाख सक्रिय सेना और 11.55 आरक्षित बल के साथ-साथ 20 लाख अर्धसैनिक बल हैं। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मुताबिक 2017 में भारत का रक्षा बजट 67 अरब डॉलर था।
भारतीय सेना के पास कौन-कौन से हथियार हैं?
हथियार का नाम- संख्या
1. टैंक: 6464
2. बख्तरबंद लड़ाकू वाहन (AFV):6704
3. सेल्फ प्रोपेल्ड गन: 290
4. खींचे गए तोपखाने वाहन (Towed Artillery Vehicles): 7414
5. मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर: 292
6. परमाणु हथियार: 110-120
भारतीय सेना के पास कौन- कौन सी मिसाइल है?
1. सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस
2. पृथ्वी मिसाइल
3. अग्नि-5 मिसाइल
4. अर्जुन टैंक (एमबीटी)
5. पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर
6. तोपखाना
7. परमाणु हथियार
चलिए अब इन मिसाइलों की खूबियों के बारे में विस्तार से बात करते हैं।
1. सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस: भारत की सबसे खतरनाक मिसाइल ब्रह्मोस है, जो 4,900 किमी/घंटा की रफ्तार से हमला करती है। इसका मतलब है कि ब्रह्मोस ध्वनि से करीब 2.8 गुना तेज गति से हमला कर सकता है।
माना जा रहा है कि सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस आने वाले 10 वर्षों में हाइपरसोनिक क्षमता वाले उन्नत इंजन से लैस हो जाएगी और यह 7 मैक (ध्वनि की गति से सात गुना) की गति को पार कर जाएगी। इस मिसाइल के बारे में एक और आश्चर्यजनक बात यह है कि ब्रह्मोस से ज्यादा खतरनाक मिसाइल न तो अमेरिका, न ही चीन और न ही पाकिस्तान के पास है।
2. पृथ्वी मिसाइल: यह स्वदेशी रूप से विकसित सतह से सतह पर वार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है जो परमाणु बम ले जाने में सक्षम है।
यह मिसाइल 350 किलोमीटर तक सतह से सतह पर लक्ष्य को भेदने की क्षमता रखती है। पृथ्वी मिसाइल किसी भी एंटी बैलिस्टिक मिसाइल को धोखा देने की खासियत रखती है। इस मिसाइल की मदद से भारत जम्मू-कश्मीर की लोकेशन से लाहौर तक वार कर सकता है।
3. अग्नि-5 मिसाइल: अग्नि-5 एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है। यह भी सतह से सतह पर वार करने वाली मिसाइल है जो 5000 किलोमीटर तक लक्ष्य पर वार कर सकती है।
अग्नि-5 अपनी सीरिज की सबसे एडवांस मिसाइल है, क्योंकि नेविगेशन, मार्गदर्शन, वारहेड और इंजन के मामले में; यह अपने पहले संस्करणों से कई गुना बेहतर है।
4. अर्जुन टैंक (MBT): अर्जुन टैंक का नाम महाभारत के अर्जुन के नाम पर रखा गया है। इसकी लक्ष्य भेदने की सटीकता अर्जुन जितनी ही अचूक है। अर्जुन भारतीय सेना में तीसरी पीढ़ी का मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) है। इसे भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया गया है।
अर्जुन टैंक को 1400 हॉर्सपावर के इंजन से ताकत मिलती है। अर्जुन टैंक की अधिकतम गति 67 किलोमीटर प्रति घंटा है, हालांकि असंतुलित मार्गों पर यह 40 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ सकता है।
अर्जुन टैंक को 2009 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था। अब तक भारत के पास लगभग 248 अर्जुन टैंक (अनौपचारिक) हैं।
5. पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर: पिनाका भारतीय सेना के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित एक मल्टी बैरल लॉन्चर है।
मल्टी-बैरल रॉकेट सिस्टम पिनाका 30 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर मौजूदा तोपखाने की बंदूक को पूरक करने के लिए एक क्षेत्रीय हथियार प्रणाली है। इसका मार्क-1 सिस्टम 40 किलोमीटर और मार्क-2 75 किलोमीटर तक वार कर सकता है।
यह 44 सेकंड में 12 उच्च विस्फोटक रॉकेट लॉन्च कर सकता है। पिनाका ने कारगिल युद्ध के दौरान अपनी त्वरित प्रतिक्रिया सेवाएं दी थीं और पहाड़ की चोटी पर दुश्मन की स्थिति को बेअसर करने में सक्षम थी। 2014 के बाद से भारत में हर साल लगभग 5000 मिसाइलों का उत्पादन किया जा रहा है।
पिनाका के अलावा भारत ने रूस से एस-400 एंटी एयरक्राफ्ट सिस्टम खरीदा है।
6. तोपखाने: भारत ने 145 खरीदे हैं; संयुक्त राज्य अमेरिका से हॉवित्ज़र एम-777 तोपें/तोपें। इस तोपखाने का सबसे बड़ा प्लस प्वाइंट इसका कम वजन है, यही वजह है कि इसे पहाड़ी इलाकों पर भी उठाकर ठीक से जवाबी कार्रवाई की जा सकती है।
हॉवित्जर 39-कैलिबर बैरल से लैस है। इसका थूथन वेग 827m/s है। मानक राउंड के साथ M777 की अधिकतम फायरिंग रेंज 24.7 किमी है।
M777 का वजन 3,745 किलोग्राम है और इसे हेलीकॉप्टर, ट्रांसपोर्टर विमान और जहाज द्वारा ले जाया जा सकता है।
7. परमाणु हथियार: भारत दुनिया का छठा देश है जिसके पास परमाणु हथियार है। इसका मतलब है कि भारत जमीन, पानी और हवा से परमाणु हमला कर सकता है।
भारतीय सेना की ताकत से यह स्पष्ट होता है कि भारत रक्षा के क्षेत्र में महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। और भारत किसी अन्य देश के समर्थन के बिना भी अपनी संप्रभुता और मातृभूमि की रक्षा कर सकता है।