भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति और दुनिया के सबसे महान वैज्ञानिकों में से एक हम सबके प्रिय डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की आज 27 जुलाई 2022 को 7वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को भारत के मिसाइल मैन के रूप में भी जाना जाता है। छात्रों और युवाओं समेत सभी भारतीयों के लिए वह प्रेरणा के श्रोत रहे हैं। 27 जुलाई 2015 को आईआईएम शिलांग में व्याख्यान देने के दौरान कार्डियक अरेस्ट के कारण डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का निधन हो गया। तब से हर वर्ष भारत में 27 जुलाई को एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि मनाई जाती है।
एपीजे अब्दुल कलाम
एपीजे अब्दुल कलाम को विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए याद किया जाता है। दिलचस्प बात यह है कि एपीजे कलाम किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि से ताल्लुक नहीं रखते थे और पेशे से वैज्ञानिक थे। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम देश के 11वें राष्ट्रपति बने। देश के सबसे प्रिय राष्ट्रपति में से एक एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम 'अबुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम' था, वह न केवल अपने राष्ट्रपति पद के लिए जाने जाते हैं, बल्कि कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने भारत को वैज्ञानिक समुदाय में अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर रखा।
बच्चों के लिए एपीजे अब्दुल कलाम पर लेख
एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति थे। वह भारत के पहले स्नातक राष्ट्रपति थे। एपीजे अब्दुल कलाम ने 40 भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त की थी। एक साधारण परिवार में जन्म लेने के बाद, एपीजे अब्दुल कलाम ने गुजारा करने के लिए अखबार बेचे। एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में रामेश्वरम नामक एक छोटे से शहर में हुआ था। एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म साल 1931 में 15 अक्टूबर को हुआ था।
एपीजे अब्दुल कलाम को भारत के मिसाइल मैन के रूप में याद किया जाता है। अब्दुल कलाम ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन और इसरो के विस्तार में योगदान दिया। एपीजे अब्दुल कलाम एक वैमानिकी इंजीनियर थे, उन्होंने वर्ष 1960 में आईआईटी मद्रास से स्नातक किया था। एक गरीब परिवार में पैदा होने के बावजूद एपीजे अब्दुल कलाम ने वैज्ञानिक बनने के अपने सपने को कभी नहीं छोड़ा। एपीजे अब्दुल कलाम ने भारत के कुछ शीर्ष संस्थानों जैसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के साथ काम किया।