10 Points on Indian Air Force Heritage Centre: भारतीय वायुसेना की विभिन्न उपलब्द्धियों में एक और उपलब्द्धि जुड़ गई है। दरअसल, पिछले दिनों चंडीगढ़ में पहले भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) हेरिटेज सेंटर का उद्घाटन किया गया। राष्ट्र को समर्पित यह भारतीय वायु सेना का पहला और एक अनोखा हेरिटेज सेंटर है। कुल 17,000 वर्ग फुट में फैला यह सेंटर कई युद्ध में वायुसेना की भूमिका को चित्रित करेगा।
इस हेरिटेज सेंटर में 1965 युद्ध, 1971 युद्ध और कारगिल युद्ध सहित विभिन्न युद्धों में भारतीय वायु सेना की भूमिका को प्रदर्शित किया गया है। इसके साथ ही सेंटर में बालाकोट एयर स्ट्राइक या हवाई हमले को भी भित्ति चित्रों और स्मृति चिह्नों के माध्यम से दर्शाया गया है। न्यूज सेवा प्रसारित करने वाली एजेंसी प्रसार भारती न्यूज सर्विसेज के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 मई को चंडीगढ़ के मध्य में भारतीय वायु सेना हेरिटेज केंद्र का उद्घाटन किया।
भारतीय वायु सेना के विरासत को दर्शाने वाले इस अनोखे केंद्र में कलाकृतियां, नमूनें परस्पर संवादात्मक बोध के जरिए भारतीय वायुसेना के विभिन्न पहलुओं को दर्शाने का प्रयास किया गया है। यह हेरिटेज सेंटर न केवल चंडीगढ़ के लोगों के लिए बल्कि भारत के अन्य राज्यों के लोगों और सैलानियों को भी आकर्षित करेगा। यहां आने वाले लोगों को भारतीय वायु सेना से जुड़ी कई नई बातों को जानने का मौका मिलेगा। आईएएफ हेरिटेज सेंटर के खुलने की जानकारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर दी। यह केंद्र भारतीय वायुसेना के उन सभी के साहसिक वीरों के नाम समर्पित है जिन्होंने राष्ट्र हित के लिए किए भारतीय वायुसेना में सेवा की है। यहां राष्ट्र की रक्षा में उनके अमूल्य योगदानों की कहानी दर्शायी गई है।
विंटेज विमानों का प्रदर्शन
ये केंद्र मानवीय सहायता और युद्धक क्षमताओं के अलावा आपदा राहत में वायुसेना द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका का भी प्रदर्शन करेगा। इस केंद्र में विभिन्न विंटेज विमान भी रखे जाएंगे। भारतीय वायु सेना हेरिटेज सेंटर भारतीय वायुसेना में करियर बनाने के लिए इस शहर के युवाओं को प्रेरित करेगा। यह अद्भुत पहल भारतीय वायुसेना की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने में मदद करेगी और युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगी।
गौरतलब हो, पिछले वर्ष 03 जून 2022 को चंडीगढ़ में भारतीय वायु सेना हेरिटेज सेंटर की स्थापना के लिए केन्द्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ तथा भारतीय वायुसेना के बीच एक समझौता हुआ था। आईएएफ हेरिटेज सेंटर चंडीगढ़ प्रशासन, पंजाब के माननीय राज्यपाल और यूटी के प्रशासक, बनवारी लाल पुरोहित और पिछले साल वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी द्वारा कल्पना की गई एक ड्रीम परियोजना थी।
भारतीय वायु सेना का पहला हेरिटेज सेंटर
पीबीएनएस के अनुसार, पिछले महीने, एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने इसकी प्रगति की समीक्षा करने के लिए आईएएफ हेरिटेज सेंटर का दौरा भी किया था। 17,000 वर्ग फुट में फैला, यह भारतीय वायुसेना का पहला विरासत केंद्र है। यह विभिन्न युद्धों में वायुसेना की भूमिका को दर्शाता है, जिसमें 1965 और 1971 और कारगिल युद्ध, और बालाकोट हवाई हमले को भित्ति चित्र और यादगार के माध्यम से दर्शाया गया है।
महिलाओं को समर्पित खंड
हेरिटेज सेंटर में एक विशेष खंड भी है जो भारतीय वायुसेना में महिला अधिकारियों को राष्ट्र की सेवा में उनके योगदान के लिए समर्पित किया गया है। विरासत केंद्र में चित्रित प्रमुख महिला अधिकारियों की भूमिका में स्क्वाड्रन लीडर निवेदिता चौधरी (सेवानिवृत्त), माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली भारतीय वायुसेना की पहली महिला अधिकारी, एयर मार्शल पद्म बंदोपाध्याय (सेवानिवृत्त), एयर मार्शल के रूप में पदोन्नत पहली महिला शामिल हैं।
आकर्षण में शामिल हैं-
भारतीय वायु सेना का यह हेरिटेज सेंटर आने वाले दिनों में भारतीय युवाओं को और नौजवानों भारतीय वायु सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगा। इसकी प्रदर्शनी भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी और भारतीय वायु सेना के अदम्य साहस को प्रदर्शित करेगी। विभिन्न वर्गों में विभाजित, हेरिटेज सेंटर में दर्शकों के लिए आकर्षण की कई चीजें हैं जैसे कि विमान के मॉडल, एयरो इंजन और हथियार, जिसमें ग्रेयाजेव-शिपुनोव ट्विन बैरल गन शामिल हैं।
- केंद्र में फ्लाइंग सिमुलेटर भी हैं जो आगंतुकों को उड़ान का अनुभव प्रदान करेंगे।
- हेरिटेज सेंटर के आकर्षणों में पांच पुराने विमान और एसएएस-III पिकोरा मिसाइल शामिल हैं।
- केंद्र में एक हिंदुस्तान पिस्टन ट्रेनर-32 प्राथमिक उड़ान प्रशिक्षण विमान प्रदर्शित किया गया है। भारतीय वायु सेना में इसके संचालन की अवधि 1977 से 2009 तक थी। यहां एक मिग-21 सिंगल सीट फाइटर को भी तैनात किया गया है।
- इसमें एक विंटेज प्रोटोटाइप विमान "कानपुर-1" भी शामिल है। यह दुर्लभ एकल इंजन वाली मशीन 1958 में स्वर्गीय एयर वाइस मार्शल हरजिंदर सिंह वीएसएम 1, एमबीई द्वारा डिजाइन और निर्मित की गई थी और पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (पीईसी) चंडीगढ़ के पास थी।
- एक GNAT विमान (सेब्रे स्लेयर) 1971 प्रसिद्धि भी प्रदर्शन पर है।
- इसके अलावा यह हेरिटेज सेंटर केंद्र संवर्धित वास्तविकता, होलोग्राम, वर्चुअल रियलिटी और इलेक्ट्रो मैकेनिकल बाड़ों, भारतीय वायुसेना के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने वाले इंटरैक्टिव कियोस्क भी प्रदर्शित करेगा।
- हेरिटेज सेंटर भारतीय वायु सेना के विभिन्न युद्ध अभियानों को चित्रित करने वाले भित्ति चित्रों की मदद से भारतीय वायु सेना के गौरवशाली इतिहास को प्रदर्शित करता है, जो 1948 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय वायु सेना की भूमिका से शुरू होकर भारतीय वायु सेना के नवीनतम संचालनों जैसे बालाकोट वायु सेना के इलेक्ट्रो मैकेनिकल 3डी-डायरामास स्ट्राइक को दर्शाता है।
- एक ऑडियो-विजुअल गैलरी समय के माध्यम से भारतीय वायुसेना की यात्रा को प्रस्तुत करती है, जो इसके उद्भव से लेकर आधुनिक समय तक के इसके विकास के साथ-साथ भारतीय वायुसेना के सफर को बयां करती है।
- भारतीय वायु सेना रैंकों और बैज के लिए एक एनक्लोजर तैयार किया गया है। इसके अलावा एक खंड है, जहां भारतीय वायुसेना की वर्दी दिखाई गई है। वहीं दीवारों के एक भाग पर भारतीय वायुसेना के कई बचाव कार्यों को भी प्रदर्शित किया गया है।
- हेरिटेज सेंटर में एक स्मारिका शॉप भी है।