Independence Day 2022: भारत में 15 अगस्त 2022 को 76वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाया जा रहा है। जिसमें 'हर घर तिरंगा' अभियान शामिल है। 1857 में शुरू हुआ यह विद्रोह 1947 में समाप्त हुआ। लगभग दो सौ वर्ष तक चले इस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में कई भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की बलि दी। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में हर धर्म-जाति के लोगों ने भाग लिया। स्वतंत्रता सेनानियों की लिस्ट में से एक थे पीर अली खान। हालांकि इनके बारे में इतिहासकारों ने बहुत अधिक नहीं लिखा है, लेकिन हम आपके लिए पीर अली खान के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों लेकर आए हैं।
1. भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों की लिस्ट में पीर अली खान का नाम, ऐसे सेनानियों में शामिल है जिनके बारे में बहुत अधिक नहीं लिखा गया है। पीर अली खान ने पटना में विद्रोह का नेतृत्व किया।
2. पीर अली खान का जन्म उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के मुहम्मदपुर में हुआ था। सात साल की उम्र में वह घर से भाग गए और पटना आ गए। पटना में उन्हें एक जमींदार ने अपने साथ रखा और अपने बेटे की तरह पाला और उन्हें शिक्षित किया।
3. पीर अली खान एक सच्चे स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने भारत की आजादी के लिए गुप्त रूप से काम किया। पीर अली खान का जन्म लगभग 1812 में हुआ था। वह भारत की आजादी के लिए गुप्त रूप से काम कर रहे थे, इसलिए उनके जन्मस्थान और जन्म तिथि पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।
4. 1855 से 1857 तक पटना डिवीजन के आयुक्त के रूप में कार्यभार संभालने वाले ईस्ट इंडिया कंपनी के एक अधिकारी विलियम टेलर की रिपोर्ट के अनुसार, पीर अली खान लखनऊ के मूल निवासी थे। वह कई वर्षों तक पटना में भी रहे।
5. पीर अली खान एकस्तक विक्रेता थे। उन्होंने 3 जुलाई 1857 में पटना जिले में 1857 के महान विद्रोह के संगठन में अग्रणी भूमिका निभाई थी।
6. पीर अली खान ने गुप्त रूप भारत की आजादी के लिए पत्रों और संदेश वितरित किए। उन्होंने नियमित रूप से अंग्रेजों के खिलाफ अभियान चलाया और पटना में जुलाई 1857 के विद्रोह के नेता बने। इस दौरान पीर अली खान ने हथियार और लोगों को इकट्ठा करने का काम किया।
7. पटना एयरपोर्ट से जुड़ी सड़क का नाम पीर अली खान के नाम पर रखा गया है। इसके अलावा पटना में गांधी मैदान के पास जिलाधिकारी के आवास के पार्क का नाम 'शहीद पीर अली खान पार्क' बिहार सरकार द्वारा रखा गया था।
8. पीर अली के नेतृत्व में विद्रोहियों ने पहले शहर के बीचोबीच एक रोमन कैथोलिक पादरी के घर पर हमला किया। इसके बाद उन्होंने डॉ लायल की गोली मारकर हत्या कर दी, जो एक अफीम एजेंट का प्रमुख सहायक था।
9. हमले के बाद अंग्रेजों ने पीर अली के घर की तलाशी ली गई। जहां उन्हें हथियार और कई पत्र मिले। विलियम टायलर द्वारा उन्हें विद्रोह के नेता के रूप में नामित किया गया था।
10. इसके बाद पीर अली खान और अन्य विद्रोहियों को गिरफ्तार कर लिया गया और उन पर मुकदमा चलाया गया। सजा सुनाए जाने के कुछ ही घंटों के भीतर अधिकांश विद्रोहियों को फांसी दे दी गई। 3 जुलाई 1857 के विद्रोह में नेता के रूप में उनकी समग्र भूमिका के लिए मौत की सजा दी गई थी।
11. विद्रोही ताकतों की हार के बाद उन्हें अंग्रेजों ने पकड़ लिया था। अन्य विद्रोहियों के साथ, 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए पीर अली खान को 7 जुलाई 1857 में मृत्युदंड दिया गया था।