JEE Main 2021: एनटीए ने 15 सितंबर को जेईई मेन चौथे चरण का परिणाम और रैंक कार्ड जारी किया। 44 छात्रों को 100 परसेंटाइल आए हैं। इनमें बिहार के वैभव विशाल और कुमार सत्यदर्शी राज्य के टॉपर बने हैं। दोनों को 100 परसेंटाइल स्कोर प्राप्त हुआ है। वैभव जेईई मेन के तीसरे सेशन (अप्रैल) में बिहार टॉपर थे। वहीं, कुमार सत्यदर्शी दूसरे सेशन (मार्च) के बिहार टॉपर थे। वहीं, लड़कियों में बिहार की रिचा टॉपर बनी हैं। रिचा को 99.88 परसेंटाइल प्राप्त हुआ है। बिहार के वैभव और सत्यदर्शी अपनी इस सफलता से काफी खुश हैं और भविष्य में आईआईटी में पढ़ना चाहते हैं। उन्होंने अपनी इस सफलता की तैयारी कैसे की, आइये जानते हैं।
आईआईटी मुंबई में पढ़ने की है जिद
वैभव विशाल बिहार के सीतामढ़ी जिले के राजापट्टी के रहने वाले हैं। वैभव ने 100 परसेंटाइल प्राप्त किया है। वैभव ने साल 2020 में भी जेईई मेन की परीक्षा देकर 1700 रैंक हासिल किया था। लेकिन बेहतर करने की जिद और आईआईटी मुंबई के सपने ने उन्हें 2021 की परीक्षा में दूसरा रैंक दिलवा ही दिया। वैभव आईआईटी मुंबई से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करना चाहते हैं। अपने संकल्प के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की और आगे भी अपने सपने को साकार करने की जिद ठान रखी है।
उन्होंने बताया कि 12 से 13 घंटे हर दिन पढ़ाई करते थे। चार बार अटेंप्ट देने की वजह से उन्हें फायदा हुआ। वैभव ने इस साल जेईई मेन फरवरी, मार्च और अप्रैल की परीक्षा दी थी। जेईई मेन अप्रैल में 100 परसेंटाइल स्कोर हासिल किया था। वैभव के पिता का नाम प्रभाकर कुमार है वो एलआईसी में चीफ एडवाइजर हैं। वहीं माता माधुरी मिश्रा शिक्षिका हैं। वैभव ने अपनी पढ़ाई दिल्ली फिटजी से की।
हर दिन 10 से 12 घंटे सेल्फ स्टडी की
कुमार सत्यदर्शी बिहार के बेगुसराय के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी 11वीं की पढ़ाई कोटा से की और कोविड के कारण 12वीं की पढ़ाई अपने घर से ऑनलाइन ही करनी पड़ी। सत्यदर्शी को 100 परसेंटाइल आए हैं। वो कहते हैं कि उन्होंने 12वीं के साथ हर दिन 10 से 12 घंटे सेल्फ स्टडी की। पढ़ाई के लिए उन्होंने एक रूटीन बना रखी थी। कभी-कभी युट्युब पर वीडियोज देखकर अपना स्ट्रेस कम करते थे।
माता प्रीता कुमारी हाउस वाइफ हैं और पिता राम विलास कुमार, हेडमास्टर हैं। कोविड के कारण मिले गैप की वजह से सत्यदर्शी को पढ़ने का अच्छा समय मिल गया। वो कहते हैं सेल्फ स्टडी का अच्छा समय मिला क्योंकि पहले कोचिंग की वजह से वो नहीं कर पाते थे। ऑनलाइन क्लास के बाद वो अपना समय विषय के रिवीजन और सेल्फ स्टडी पर देते थे। आगे इन्हें फिजिक्स में रिसर्च करना है।