Haryana Board HBSE 12th Result 2022 Revaluation Rechecking Application Form Link कोरोना के चलते अधिकतर समय स्कूल बंद रहने के बावजूद हरियाणा बोर्ड की 12वीं कक्षा में 87.08% विद्यार्थी पास हुए हैं। तीनों संकाय के ओवरऑल टॉप-3 में पांचों ही बेटियां हैं। रोहतक के निंदाना के केसीएम पब्लिक सी. से. स्कूल की छात्रा काजल 498 यानी 99.6% अंकों के साथ टॉपर रही। 2,45,685 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी, जिनमें से 2,13,946 उत्तीर्ण हुए और 23,604 की कंपार्टमेंट आई। 8,135 फेल हुए हैं। कोरोना के कारण 2020-21 में बिना पेपर वाले 100% रिजल्ट को छोड़ दें तो यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ रिजल्ट है। यह पेपर में ज्यादा ऑब्जेक्टिव प्रश्न देने से हुआ है। स्वयंपाठी परीक्षार्थियों का रिजल्ट 73.28% रहा है। 1669 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी, जिनमें 1223 पास हुए। बोर्ड की वेबसाइट bseh.org.in से रिजल्ट डाउनलोड कर सकते हैं। उत्तरपुस्तिका की दोबारा जांच या पुनर्मूल्यांकन के लिए शुल्क सहित 20 दिन में ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
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हरियाणा बोर्ड चेयरमैन डॉ. जगबीर सिंह ने बताया कि इस बार एक अंक की भी ग्रेस नहीं दी है। रसायन विज्ञान में सिलेबस के बाहर से आए सवाल के लिए 5 अंक दिए हैं। कोरोना के कारण कभी स्कूल खुल रहे थे, कभी बंद हो रहे थे। इसके बावजूद अच्छा रिजल्ट आया है।
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रिजल्ट में एक अलग ट्रेंड देखने को मिला है। सरकार जिन आरोही व कुछ अन्य स्कूलों को मॉडल संस्कृति में तब्दील कर सीबीएसई को सौंपने जा रही है, उनका रिजल्ट सबसे कम रहा है। सामान्य सरकारी स्कूलों से भी मॉडल स्कूलों का परिणाम कम है। जिन स्कूलों को इतना बेहतर बताया जा रहा है, उनका परिणाम सामान्य स्कूलों से भी कम रहना चौंकाने वाला है।
12वीं में कुल 4,051 स्कूलों के बच्चों ने परीक्षा दी थी, जिसमें 2089 सरकारी, 1828 प्राइवेट व 137 आरोही स्कूल हैं। निजी स्कूलों का परिणाम 89.72%, सरकारी का 85.75%, आरोही का 83.42% रहा है। कुल 678 ऐसे स्कूल हैं, जिनका परिणाम 100% रहा है यानी सभी बच्चे पास हुए हैं। इनमें से 244 सरकारी और 434 निजी स्कूल हैं।
ग्रामीण क्षेत्र के 87.71% और शहरी क्षेत्र के 85.96% विद्यार्थी पास हुए। चरखी दादरी 90.85%, रेवाड़ी 90.30%, पानीपत 90.21% के साथ टॉप-3 जिलों में रहे। रहा। 68.38% के साथ नूंह पीछे रहा।
लड़कों से 6.55% ज्यादा लड़कियां पास हुईं। 1,17,228 छात्राओं में से 1,06,102 यानी 90.51% पास हुईं और 8,693 की कंपार्टमेंट है। 1,28,457 छात्रों में से 1,07,847 यानी 83.96% पास हुए। 14,911 की कंपार्टमेंट है।
साइंस: 85.84%
आर्ट: 86.61%
कॉमर्स: 92.52%
कॉमर्स सबसे बेस्ट
ऑब्जेक्टिव प्रश्न: पहले ऑब्जेक्टिव प्रश्न 16 होते थे। इनकी संख्या इस बार बढ़ाकर 40 की थी। सब्जेक्टिव सवालों में पूरे अंक कम मिलते हैं। ऑब्जेक्टिव में जवाब सही होने पर पूरे अंक मिलते हैं। इसका फायदा बच्चों को मिला है। ऑनलाइन पढ़ाई को देखते हुए यह जरूरी था।
सिलेबस कम: कोरोना के कारण स्कूल अधिकतर समय बंद रहे, इसलिए बोर्ड ने सिलेबस 30% कम किया था, ताकि बच्चे कम समय में अपनी तैयारी सही से कर पाएं। इससे अतिरिक्त सिलेबस का बोझ नहीं पड़ा। सिलेबस अगले साल से कंप्लीट ही रहेगा।
ऑनलाइन पढ़ाई: बच्चों ने ऑनलाइन पढ़ाई ज्यादा की हुई थी। वो परिवार की निगरानी में ज्यादा रहे। ऑनलाइन पढ़ाई करने वालों को ऑब्जेक्टिव सवाल पसंद आते हैं, इसलिए उन्हें ज्यादा फायदा मिला।
इंटरनेट बना दोस्त: बच्चे किसी डाउट को क्लियर करने के लिए पहले टीचर या कोचिंग के भरोसे थे। अब कहीं भी दिक्कत आती है तो गूगल या यूट्यूब के जरिए सॉल्व कर लेते हैं। यह काफी मददगार रहा।
पास वाले ज्यादा: इस बार के परिणाम में 80 या 90% से ज्यादा अंक लेने वालों की संख्या पिछली बार से कुछ कम है, लेकिन पास होने वालों की संख्या ज्यादा है। 8135 बच्चे ही फेल हुए हैं। यानी ऑनलाइन पढ़ाई का कुछ को फायदा मिला तो कुछ को थोड़ा नुकसान भी हुआ है।