CG News: छत्तीसगढ़ रायपुर के कई प्राइवेट मेडकिल कॉलेज में फर्स्ट ईयर की पढ़ाई ही पूरी नहीं हुई और कॉलेज प्रबंधकों ने अचानक स्टूडेंट्स से 4 महीने पहले ही दूसरे साल की पूरी फीस देने का नोटिस थमा दिया है। डर के कारण कई स्टूडेंट्स ने फीस जमा कर दी है, लेकिन आधे से ज्यादा ने पैसों के अभाव में अभी तक फीस नहीं चुकाई। राजधानी में प्राइवेट कॉलेजों में फीस जमा करने की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर और नवंबर तय की है। फीस जमा नहीं करने पर प्रतिदिन 100 रुपए अतिरिक्त शुल्क लिए जाने की बात भी नोटिस में है। कॉलेज की वार्षिक फीस 12 से 14 लाख रुपए है।
बिन परीक्षा फीस जमा
प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में मार्च और अप्रैल महीने तक स्टूडेंट्स को एडमिशन लिया गया है। एक प्राइवेट में 8 महीने पहले स्टूडेंट्स ने कॉलेज के लैब, लाइब्रेरी, परीक्षा, पढ़ाई समेत हॉस्टल और मैस के लगभग 14 लाख जमा किए हैं। अब प्रबंधन लगभग उतनी ही राशि नवंबर तक दूसरे साल की फीस मांग रहा है।
कब होगी मेडिकल परीक्षा
मेडिकल कॉलेज में जनवरी में परीक्षाएं होनी हैं। ऐसे में अगर स्टूडेंट्स निर्धारित समय से पहले फीस जमा नहीं करते हैं, तो परीक्षा से उन्हे वंचित भी किया जा सकता है। परीक्षा के रिजल्ट आने के बाद ही फीस देना है, लेकिन प्रबंधन मनमानी कर रहा है। इस वजह से भी स्टूडेंट्स की दुविधा बढ़ गई है। बार-बार नोटिस देकर कॉलेज प्रबंधन स्टूडेंट्स पर दबाव बना रहा है।
हॉस्टल की भी फीस भरवाई
छात्रों ने बताया कि मार्च में फीस जमा कराने के साथ ही इनसे लगभग 2.5 से 3 लाख रुपए हॉस्टल और मेस के लिए जाते हैं। हॉस्टल की सुविधा 6 माह मिलने के बाद भी निजी कॉलेज संचालक पूरा शुल्क वसूल रहे हैं।
कॉलेज प्रबंधन से मदद नहीं
नोटिस मिलने के बाद स्टूडेंट्स को 10 से 15 दिन का समय ही पैसे जमा करने का दिया गया था। नहीं जमा करने की स्थिति में प्रतिदिन 100 रुपये अतिरिक्त शुल्क भी लिया जाने लगा है। स्टूडेंट्स ने कॉलेज प्रबंधक से मदद की भी गुहार लगाई है, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली है। मेडिकल एजुकेशन के डायरेक्टर डॉ विष्णु दत्त ने बताया कि छात्रों को डीमई कार्यालय और फीस नियामक आयोग में शिकायत करनी चाहिए। परीक्षण करवाकर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।