बिहार की राजधानी पटना के सरकारी स्कूलों को हाई टेक बनाने की पहल शुरू हो गई है। पटना के 6 सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों की तरह बनाने के लिए सरकार ने उन्हें चिह्नित किया है। ऐसे स्कूलों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा, जहां विद्यार्थियों की संख्या 14-15 से लेकर 40-50 तक ही है। इसके साथ ही सरकारी स्कूलों में अध्ययन-अध्यापन पर भी जोर दिया जाएगा, ताकि छात्रों को मौलिक सुविधाएं मिल सकें। इस योजना के बाद कमजोर आय वर्ग के अभिभावक भी अपने बच्चों को इन स्कूलों में अच्छी पढ़ाई करवा सकते हैं। बिहार सरकार ने पटना के छह सरकारी स्कूलों को विकसित करने का प्लान बनाया है।
पटना के जिन सरकारी स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा उनमें प्राथमिक विद्यालय मंदिरी, प्राथमिक विद्यालय काठपुल मंदिरी, कन्या मध्य विद्यालय बांकीपुर कैंपस, बालक मध्य विद्यालय तारामंडल, कन्या मध्य विद्यालय तारामंडल और जेडी बालिका उच्च विद्यालय तारामंडल शामिल है। पटना के इन सभी स्कूल कैंपस में क्लास को डिजिटल बनाने के लिए 70 फीसदी से अधिक काम पूरा हो गया है। गर्मियों की छुट्टियां 15 जून 2022 को समाप्त होंगी, उसके बाद बच्चों को इन नई स्मार्ट क्लास में पढ़ाया जाएगा।
कक्षा में लगेंगे सीसीटीवी कैमरे
छह स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर दुरुस्त करने का कार्य जारी है। सभी स्कूलों के क्लास रूम की दीवारें चमकाए जा रहे हैं और फर्श में टाइल्स-मार्बल लगाए गए हैं। सभी छह स्कूलों में एक स्मार्ट क्लास विकसित होगा। सुरक्षा इंतजाम को पुख्ता करने के हिसाब से सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। साथ ही बच्चों के मनोरंजन की भी आधुनिक व्यवस्था की जा रही है। स्कूल कैंपस में पेयजल, शौचालय और खेल के मैदान को भी अपग्रेड किया जा रहा है ताकि बाहर के विशेषज्ञ शिक्षक व जानकार भी ऑनलाइन बच्चों को पढ़ा सकें।
क्लास में मिलेंगी ये सुविधाएं
पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड की इस परियोजना का जिम्मा बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड को सौंपा गया है। यह पूरी कवायद सरकारी स्कूलों में बच्चों के एडमिशन व पठन-पाठन के लिए एक बेहतर माहौल तैयार करने और रुझान बढ़ाने के लिए किया गया है। स्कूलों में फ़र्स्ट एड बॉक्स, फायर एक्सटिंग्विशर, कूड़ादान, वाटर कूलर आदि की भी सुविधा होगी। क्लास में इंटरैक्टिव टच स्क्रीन डिस्प्ले, स्पीकर, फर्नीचर आदि की सुविधा होगी।
बच्चों में जबरदस्त उत्साह
स्मार्ट सिटी की ओर से सरकारी स्कूलों के जीर्णोद्धार में करीब 4 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा रही है। छह में से तीन स्कूल तारामंडल कैंपस में ही है। इन तीन में से दो स्कूलों में बच्चों की संख्या बहुत कम है। यहां तक बताया गया है कि बच्चों से ज्यादा तो शिक्षक ही हैं। तारामंडल कैंपस स्थित जेडी बालिका उच्च विद्यालय में मुश्किल से 14-15 छात्राएं ही पढ़ती हैं। इसी तरह इसी कैंपस में संचालित बालक मध्य विद्यालय में छात्रों की संख्या 40 से 50 के बीच ही है। अब इन स्कूलों में विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने से रुझान बढ़ेगा, ऐसी उम्मीद की जा रही है।