शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से कक्षा 10वीं और 12वीं के बच्चे साल में दो बार बोर्ड परीक्षा देने का विकल्प चुन सकते हैं। जी हां, आपने सही सुना। दरअसल, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि छात्रों को शैक्षणिक सत्र 2025-26 से साल में दो बार 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने का विकल्प मिलेगा। उन्होंने कहा कि 2020 में पेश की गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) का एक उद्देश्य छात्रों पर शैक्षणिक तनाव को कम करना है।
वर्ष में होंगे 10 बैगलेस दिन
हर साल स्कूल में 10 बैगलेस दिन शुरू करने की अवधारणा पर प्रकाश डालते हुए, प्रधान ने छात्रों को अन्य गतिविधियों के अलावा कला, संस्कृति और खेल से जोड़ने पर जोर दिया। प्रधान छत्तीसगढ़ में पीएम श्री (प्राइम मिनिस्टर स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) योजना शुरू करने के बाद बोल रहे थे, जिसके तहत राज्य के 211 स्कूलों को अपग्रेड किया जाएगा। यह समारोह रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में आयोजित किया गया था।
एनईपी 2020 के तहत केंद्र की योजना पर प्रकाश डालते हुए प्रधान ने कहा कि 2025-26 शैक्षणिक सत्र से छात्रों को 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में दो बार बैठने का मौका मिलेगा। पिछले साल अगस्त में शिक्षा मंत्रालय द्वारा घोषित नए पाठ्यक्रम ढांचे (एनसीएफ) के अनुसार, बोर्ड परीक्षाएं साल में कम से कम दो बार आयोजित की जायेंगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्रों के पास अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर हो। उन्हें सर्वश्रेष्ठ स्कोर बरकरार रखने का विकल्प भी मिलेगा। समारोह में उपस्थित छात्रों से यह पूछते हुए कि क्या वे इस फैसले से खुश हैं, केंद्रीय मंत्री ने उनसे कहा कि दोनों परीक्षाओं में उपस्थित होने के बाद प्राप्त सर्वोत्तम अंक सुरक्षित कर सकेंगे।
एनईपी 2020 का उद्देश्य
अपनी बातों को रखते हुए उन्होंने कहा "एनईपी के माध्यम से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण छात्रों को तनाव मुक्त रखना, उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से समृद्ध करना, छात्रों को संस्कृति से जोड़े रखना और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करना है। यह 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने का एकमात्र सूत्र है।" प्रधान ने राज्य की पिछली कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि शिक्षा उनकी प्राथमिकता नहीं थी, लेकिन भाजपा के सत्ता में आने और पिछले साल दिसंबर में नए मुख्यमंत्री विष्णु देव साई के पदभार संभालने के बाद प्रमुख क्षेत्र को अत्यधिक महत्व मिला है।