दिल्ली सरकार ने प्राइवेट स्कूलों में दाखिले को लेकर जरूरी सूचलान जारी की है। सूचना के अनुसार दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में बच्चों के दाखिले के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, वंचित समुह से लोग और बच्चे जिन्हे विशेष आवश्यकताओं की जरूरत है (CWSN) उन बच्चे को प्राइवेट स्कुलों में दाखिला लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है।
अगले एकेडमिक सेशन यानी 2023-24 के सेशन के दिल्ली के प्राइवेट आधार कार्ड के दिल्ली के किसी भी प्राइवेट स्कूल में प्रवेश के लिए आधार कार्ड अनिवार्य करने का फैसला लिया गया है।
इसी के साथ दिल्ली सरकार के डायरेक्टरेट ऑफ एजुकेशन ने इस जानकारी पर दावा करते हुए कहा कि- ये फैसला योग्य उम्मीदवारों के हित में है। इससे पहले जब भी दाखिला प्रक्रिया के लिए आवेदन करिया जाता था तब आधार कार्ड का विवरण देना एक ऑप्शन के तौर पर था। लेकिन डायरेक्टरेट ऑफ एजुकेशन- डीओई ने स्टेटमेंट के अनुसार निष्पक्ष, पारदर्शी, सम्मान पूर्ण और परेशानी के बिना प्रवेश प्रक्रिया हो सके।
इसी के साथ डीओई द्वारा जारी एक और तर्क के अनुसार कंप्यूटराइज ड्रॉ में चयन की संभावानों को बढाने के लिए लोग हेराफेरी कर कई सारी जगह आवेदन करते है। जिस वजह से कई सारी जगह पर एक ही छात्र का दिखाला हो जाता।
हिमांशु गुप्ता (डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन) द्वारा जारी सर्कुलर में भी कहा गया है कि दाखिले के समय स्कूल आधिकारियों के सामने आवेदन पत्र भरते समय वेरिफिकेशन के लिए आधार कार्ड की आवश्यकता किसी भी उम्मीदवार के अधिकार का उल्लंघन नहीं है। बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य उनके अधिकारों की रक्षा करना है। ये समाज के हित की बात है। इसी के साथ जारी इस सर्कुलर में यह भी है कि आवेदन पत्र में भरी गई आधार कार्ड की डिटेलस कुछ समान्य डिटेलस तक ही सीमित रहेंगी। इसके अलावा बायोमेट्रिक जानकारी किसी भई तरह से किसी भी एजेंसी आदि के साझा नहीं की जाएगी।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार
खगेश झा (वकील और आरटीई कार्यकर्ता) ने शिक्षा के अधिकार के बारे में बात करते हुए कहा कि- शिक्षा का अधिकार अधिनियम में अनुसार स्कूल में प्रवेश में आ रही बांधाओं को दूर करना राज्य का कर्तव्य है। लेकिन यह उन छात्रों के लिए और बाधांए बढ़ा रहा है जो झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोग है उनके पास कार्ड नहीं होते हैं उन लोगों के लिए ये बाधांए उत्पन्न होती है।