अपनी असफलताओं के लिए दूसरों को दोष देने की बजाय खुद पर गुस्सा करना आपको सफल और बेहतर इंसान बना सकता है। शर्म और अपराधबोध जैसी भावनाएं, जहां आपको पीछे की ओर ढकेलती हैं, वहीं खुद पर गुस्सा करना आपको बदलाव के लिए प्रेरित करता है। आपमें आत्मविश्वास बढ़ाता है। ऐसा महसूस होता है कि दोबारा कोशिश करने से आप वह चीज पा सकते हैं, जिसमें आप पिछड़ गए हैं। मनोवैज्ञानिकों और दार्शनिकों के संयुक्त अध्ययन में यह तथ्य सामने आए हैं। लेकिन खुद पर गुस्सा करना हमेशा बेहतर नहीं होता।
यह तभी अच्छा होता है, जब हमें खुद पर ऐसी चीजों के लिए गुस्सा आए, जिसमें हम बदलाव कर सकते हैं। अगर ऐसी किसी चीज के लिए हमें खुद पर गुस्सा आता है, जिसे बदल नहीं सकते तो हम शर्म और अपराध से घिर जाते हैं, जैसे किसी की मौत, कोई हादसा। शर्म और अपराध बोध में इंसान समाज से कटता है। समाज के लिए उसमें गुस्सा बढ़ता जाता है। जेनेवा विश्वविद्यालय में भावनाओं के दर्शन पर काम कर रही रिसर्च फेलो लौरा सिलवैस का कहना है कि कई बार हम अपनी असफलताओं के लिए अपने करीबियों जैसे मां-बाप या बॉस में वजह ढूंढ़ने लगते हैं।
इससे बदला लेने की भावना जन्म लेती है, जो हमारे व्यक्तित्व के लिए ठीक नहीं। अपनी गलतियों के लिए खुद को कसूरवार मानने पर उस गलती के दोबारा होने की आशंका बहुत कम होती है, जबकि मन में ही किसी और को दोषी ठहराने से वही गलती बार-बार होने की संभावना रहती है। वहीं अपने साथ हुई किसी घटना, अन्याय या परेशानी के लिए दूसरों को दोष देना एक तरह का नकारात्मक नजरिया है। खतरे स डर लगता है, नुकसान से दुख होता है और कुछ गलत होने पर गुस्सा आता है। तीनों भावनाओं की वजह अलग-अलग है।
सिलवैस अपने शोध में कहती हैं कि खुद पर गुस्सा किसी भी इंसान की सबसे शक्तिशाली भावना है। इसमें वह कुछ भी कर गुजरता है। कई बार तो ऐसी चीज भी, जिसके बारे में उसने खुद भी नहीं सोचा होता। अपने अंदर खुद पर आए गुस्से को पालना एक उपलब्धि भी हो सकती है। यह गुस्सा कुछ हासिल करने के लिए हमेशा प्रेरित करता रहता है। हालांकि गुस्से की अति भी ठीक नहीं। ऐसा गुस्सा जिसमें हम आपा ही खो दें, हमें पागल भी बना सकता है। ऐसे गुस्से से बचें।
नकारात्मक भावनाओं में सबसे अच्छी है खुद पर गुस्सा करने की आदत
अपनी किसी गलती की वजह से खुद पर आया गुस्सा किसी और पर मत उतारिए।
खुद पर आए गुस्से को नियंत्रित करने या टालने की कोशिश करने की जरूरत नहीं।
खुद पर गुस्सा ऐसा एहसास कराएगा, जैसे आप खुद से ही युद्ध कर रहे हों।
खुद से किसी बात पर लगातार गुस्सा रहना आपमें सहन शक्ति बढ़ा देता है।
खुद पर गुस्सा आपके व्यवहार और स्वभाव में बड़ा बदलाव ला देता है।
कुछ पाने के लिए किसी का सहयोग मांगने में डर या संकोच कम हो जाता है।