Sarkari Naukri: बिहार में सरकारी नौकरी की तलाश में रहने वाले युवाओं को सरकार ने एक बड़ी सौगात दी है। दरअसल मंगलवार को बिहार सरकार ने विभिन्न विभागों में लगभग 7000 रिक्त पदों को भरने की घोषणा की। बता दें कि ये सभी पद कानूनी चुनौतियों के कारण वर्षों से लंबित पड़े बैकलॉग के कारण खाली पड़े हैं।
![Sarkari Naukri: बिहार के 7000 जूनियर इंजीनियर और प्रशिक्षकों को मिली सरकारी नौकरी Sarkari Naukri: बिहार के 7000 जूनियर इंजीनियर और प्रशिक्षकों को मिली सरकारी नौकरी](https://images.careerindia.com/hi/img/2025/02/bihargovernment-job-offer-letters-n-1738691702.jpg)
मंगलवार को आयोजित एक समारोह के दौरान करीब 6,341 जूनियर इंजीनियरों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए। बता दें कि इस खास कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद थे। ये इंजीनियर आठ अलग-अलग विभागों में काम करेंगे। इसके अतिरिक्त इस कार्यक्रम में 496 प्रशिक्षकों की नियुक्ति भी की गई। इन्हें श्रम विभाग में शामिल होने के लिए नामित किया गया है।
गौरतलब हो कि बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा 2019 में प्रारंभिक नौकरी विज्ञापन के बाद से भर्ती प्रक्रिया में कई बाधाएं आई थीं। कानूनी विवाद उठे, जिसमें पहले से ही संविदा के आधार पर काम कर रहे उम्मीदवार और गैर-सरकारी संस्थानों से डिप्लोमा रखने वाले उम्मीदवार शामिल थे। इन विवादों को पटना उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में ले जाया गया। इसी कारण उपरोक्त पदों को भरने में देरी हुई। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में एक प्रस्ताव प्रस्तावित किया गया और सर्वोच्च न्यायालय ने इसे मंजूरी दे दी। इससे भर्ती आगे बढ़ गई।
जल संसाधन विभाग सभी जूनियर इंजीनियरों की भर्ती की देखरेख करने वाला प्राथमिक प्राधिकरण बन गया। इसके प्रमुख जेडी(यू) के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी हैं। पत्रकारों को दिए अपने ब्रीफिंग में चौधरी ने 2019 में इन पदों के विज्ञापन से लेकर सफल भर्ती तक की यात्रा पर प्रकाश डाला। जल संसाधन विभाग ने 2,338 नई नियुक्तियों के साथ सबसे अधिक नियुक्तियां कीं। इसके बाद योजना और विकास विभाग में 1,273 नियुक्तियां, ग्रामीण निर्माण विभाग में 759 और सड़क निर्माण विभाग में 503 नियुक्तियां हुईं।
विजय कुमार चौधरी ने राजनीतिक परिदृश्य पर भी टिप्पणी की जिसमें उन्होंने राजद नेता तेजस्वी यादव और उपमुख्यमंत्री के रूप में उनके संक्षिप्त कार्यकाल का सूक्ष्मता से उल्लेख किया। चौधरी ने सुझाव दिया कि विपक्षी दल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य के विकास की प्रगति को स्वीकार करने लगे हैं। उन्होंने इशारा किया कि विपक्षी नेता अब इन उपलब्धियों का श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं। बता दें कि यह भर्ती अभियान बिहार में लंबे समय से रिक्त सरकारी पदों को भरने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह रोजगार आवश्यकताओं को पूरा करने और विभागीय दक्षता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।