भारतीय पहलवान रवि कुमार दहिया ने टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में कजाकिस्तान के नुरिसलाम सनायेव को हरा दिया। अब वह 57 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक के लिए फाइनल में फाइट करेंगे। इससे पहले सुनील कुमार ने साल 2012 के लंदन ओलंपिक के ओलंपिक फाइनल में प्रवेश किया। इसके साथ ही वह अब 5 अगस्त को रूस के ज़ौर उगुएव से फाइट करेंगे। आइये जानते हैं भारतीय पहलवान रवि कुमार दहिया के बारे महत्वपूर्ण तथ्य।
रवि कुमार दहिया कौन है? (Who is Ravi Kumar Dahiya)
रवि कुमार दहिया हरियाणा के सोनीपत जिले के नहरी गांव के एक भारतीय पहलवान हैं। 24 वर्षीय पहलवान ने 2019 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में 57 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक जीता। टोक्यो ओलंपिक 2020 में वह 8 भारतीय पहलवानों में शामिल हैं, जो खेल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
व्यक्तिगत जानकारी (Ravi Kumar Dahiya Biography)
नाम: रवि कुमार दहिया
उपनाम: रवि कुमार
खेल: कुश्ती
आयोजन: 57 किग्रा
देश: भारत
पिता का नाम : राकेश दहिया
कोच: सतपाल सिंह और वीरेंद्र कुमार
ऊंचाई: 5'7" (170 सेमी)
जन्म तिथि: 12 दिसंबर 1997
आयु: 24 साल
जन्म स्थान: हरियाणा-भारत
रवि कुमार दहिया का जीवन परिचय (Ravi Kumar Dahiya Biography In Hindi)
12 दिसंबर 1997 को हरियाणा के सोनीपत जिले के नहरी गांव में जन्में रवि दहिया एक किसान परिवार से संबंध रखते हैं। रवि कुमार दहिया के पिता का नाम राकेश दहिया है। रवि दहिया के पिता एक किसान हैं जो दूसरों के खेतों को किराये पर लेकर खेती करते थे। रवि कुमार दहिया जिस क्षेत्र से आते हैं, वहां से फोगट बहनें, बजरंग पुनिया, योगेश्वर दत्त जैसे दिग्गज पहलवान भी आते हैं। गरीब परिवार से संबंध रखने वाले रवि दहिया ने दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में कुश्ती की ट्रेनिंग ली है। जिसके बाद रवि दहिया अंतरराष्ट्रीय पहलवान बने। रवि कुमार दहिया के कोच का नाम सतपाल सिंह और वीरेंद्र कुमार है।
रवि कुमार दहिया उपलब्धियां:
- साल 2015 में जूनियर विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था।
- साल 2017 में सीनियर नेशनल गेम्स में सेमीफाइनल में पहुंचे थे।
- विश्व चैंपियनशिप में रवि कुमार दहिया ने कांस्य पदक जीता था।
- साल 2018 में अंडर 23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में रवि दहिया ने सिल्वर मेडल जीता था।
रवि कुमार दहिया विवाद: रवि कुमार दहिया एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो अपने खेल को लेकर हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं। रवि दहिया विवादों से दूर रहते हैं।
रवि कुमार दहिया पर निबंध (Essay On Ravi Kumar Dahiya)
टोक्यो ओलंपिक में भारत का मान बढ़ाने वाले रवि कुमार का जन्म हरियाणा के सोनीपत जिले के नहरी गांव में हुआ। गरीब परिवार में जन्में रवि कुमार दहिया ने अपने कुशीत के सपनों को पूरा करने के लिए बहुत कठिन परिश्रम किया। उनके पिता रवि के लिए फल लाने दिल्ली आते थे। कड़ी महनत के बल पर वह टोक्यो ओलंपिक में पहुंचे, लेकिन उनके पिता ने अपने बेटे के इस मैच को नहीं देखा जहां उन्होंने विश्व में कांस्य पदक जीता। साल 2017 में रवि कुमार दहिया ने सीनियर नेशनल गेम्स में सेमीफाइनल में पहुंचे, लेकिन घुटने में चोट लगने के कारण वह फाइनल में नहीं पहुंच पाए। लेकिन अब टोक्यो ओलंपिक में वह अपनी शानदार वापसी कर रहे हैं। साल 2018 में रवि कुमार दहिया ने रोमानिया के बुखारेस्ट में अंडर 23 विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता। उन्होंने सीनियर नेशनल में भी दूसरा स्थान हासिल किया। टखने की चोट के बावजूद, रवि ने सीनियर एशियाई चैंपियनशिप में भाग लिया और 5वें स्थान पर रहे। तब से, रवि कुमार दहिया ने 57 किग्रा वर्ग में लगातार वृद्धि दिखाई है। उन्होंने विश्व चैंपियनशिप चयन में वरिष्ठ पहलवान संदीप तोमर और उत्कर्ष काले को भी हराया, जिससे उन्हें कांस्य पदक और टोक्यो 2020 का टिकट हासिल करने में मदद मिली।
विश्व चैंपियनशिप
भूरा: 2019, नूर-सुल्तान: 57 किग्रा
विश्व U23 कुश्ती चैंपियनशिप
चांदी: 2018, बुखारेस्ट: 57 किलो