भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत 8 अगस्त 1942 को की गई। महात्मा गांधी के नेतृत्व में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बॉम्बे सत्र में क्विट इंडिया मूवमेंट की शुरू किया गया। भारत से ब्रिटिश शासन को समाप्त करने के लिए भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ, जो पांच साल बाद संपन हुआ। भारत छोड़ो आंदोलन को अगस्त क्रांति या अगस्त आंदोलन के नाम से भी जाना जाता है। भारत छोड़ो आंदोलन पर 10 लाइन कैसे लिखें जानिए।
भारत छोड़ो आंदोलन की पहली रैली 9 अगस्त 1942 को निकाली गई, जिसमें महात्मा गांधी समेत कई नेताओं को ब्रिटिश सरकार ने गिरफ्तार किया। तब से भारत छोड़ो आंदोलन को अगस्त क्रांति दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत छोड़ो आंदोलन दिवस राष्ट्रीय एकता भाषणों और अन्य कार्यक्रमों के साथ स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देकर मनाया जाता है। अगर आप भारत छोड़ो आंदोलन पर निबंध या भारत छोड़ो आंदोलन पर भाषण की तैयारी कर रहे हैं तो आपको भारत छोड़ो आंदोलन से जुड़ी 10 बातें पता होनी चाहिए।
भारत छोड़ो आंदोलन पर 10 लाइन
1. मुंबई का गोवालिया टैंक मैदान जिसे अगस्त क्रांति मैदान के नाम से भी जाना जाता है, वह स्थान है जहां महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत को चिह्नित करते हुए अपना भाषण दिया था। महात्मा अन्य नेताओं के साथ यहां 8 और 9 अगस्त, 1942 को एकत्र हुए थे। मैदान में ऐतिहासिक घटना को श्रद्धांजलि के रूप में एक स्मारक भी है।
2. मुंबई के गोवालिया टैंक में अपने भाषण में गांधीजी ने अपने भाषण में देश को 'करो या मरो' का आह्वान किया। भाषण के कुछ ही घंटों के भीतर, लगभग पूरी कांग्रेस को बिना किसी मुकदमे के जेल में डाल दिया गया।
3. महात्मा गांधी, अब्दुल कलाम आजाद, जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे कई राष्ट्रीय नेताओं को गिरफ्तार किया गया था।
4. कांग्रेस को एक गैरकानूनी संघ घोषित किया गया, नेताओं को गिरफ्तार किया गया और पूरे देश में इसके कार्यालयों पर छापे मारे गए और उनके फंड को फ्रीज कर दिया गया।
5. आंदोलन का पहला भाग प्रदर्शनों और जुलूसों के साथ शांतिपूर्ण रहा। महात्मा गांधी की रिहाई तक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया गया था।
6. आंदोलन का दूसरा भाग डाकघरों, सरकारी भवनों और रेलवे स्टेशनों पर छापेमारी और आग लगाने के साथ हिंसक था। लार्ड लिनलिथगो ने हिंसा की नीति अपनाई।
7. वायसराय काउंसिल ऑफ मुस्लिम, कम्युनिस्ट पार्टी और अमेरिकियों ने अंग्रेजों का समर्थन किया।
8. प्रमुख नेताओं की गिरफ्तारी के बाद युवा अरुणा आसफ अली ने एआईसीसी सत्र की अध्यक्षता की। सार्वजनिक जुलूसों और सभाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए कई पुलिस चेतावनियों और सरकारी नोटिसों के बावजूद, मुंबई के गोवालिया टैंक मैदान में एक बड़ी भीड़ जमा हो गई, जहां अरुणा आसफ अली ने झंडा फहराया।
9. आंदोलन का अंतिम चरण सितंबर 1942 को चिह्नित किया गया था, जहां मुंबई और मध्य प्रदेश के सरकारी स्थानों पर भीड़ का जमावड़ा और बमबारी हुई।
10. अंग्रेजों ने तत्काल स्वतंत्रता देने से इनकार कर दिया और कहा कि यह युद्ध समाप्त होने के बाद ही दिया जा सकता है। आखिरकार 1947 में भारत को आजादी मिली।
यह हिन्द जय भारत